Election Boycott : सोनीपत के जुआं गांव में पंचायत चुनाव का बहिष्कार, सभी कैंडिडेट ने वापस लिए नामांकन, जानिए कारण

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत
सोनीपत के गांव जुआं में 500 एकड़ में भूमि पर जमा हुए पानी की निकासी का समाधान ना होने के कारण जुआं-1 के ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। 11 दिनों से लघु सचिवालय के बाहर जारी भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन के बीच सोमवार को ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार का निर्णय लेते हुए सभी नामांकन वापस ले लिए। गांव में सरपंच और पंचों के लिए जमा करवाए गए सभी 23 नामांकन सोमवार को वापस ले लिए गए हैं। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे। अधिकारियों का कहना है कि नामांकन वापस लेने की पुष्टि जांच के उपरांत ही की जा सकती है। दूसरी ओर ग्रामीणों ने लघु सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल सोमवार को भी जारी रखी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उनकी समस्या का समाधान नहीं किया, इसलिए चुनाव का बहिष्कर किया गया है।
जानकारी के अनुसार गांव जुआं में दो पंचायतें हैं। इसमें से जुआं-1 के निवर्तमान सरपंच धर्मबीर ने बताया कि गांव में 14 वार्ड हैं। पंचायत चुनाव को लेकर गांव में सरपंच पद के लिए 4 और पंच पद के लिए 23 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। गांव के 500 एकड़ जमीन में गहराई पानी निकासी की समस्या का समाधान न होने पर सभी ग्रामीणों ने एकमत होकर पंचायत चुनाव को बहिष्कार किया है। नाम वापस लेने की अंतिम तिथि पर सोमवार को सरपंच व पंच पद के सभी 27 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र वापस ले लिए और एकमत होकर पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीणों ने सभी नामांकन उठाए हैं या नहीं, इसकी जांच करने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
धरने पर किया स्वागत
लघु सचिवालय में 11 दिनों से धरने पर बैठे ग्रामीणों ने बताया कि गांव की भूमि पर पानी निकासी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा। जिस पर पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया गया है। नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन जिन उम्मीदवारों ने अपने नामांकन वापस लिए हैं, उन सभी का स्वागत किया गया।
प्रशासन 10 पाइप दबाने को तैयार : डीसी
गांव जुआं में दो पंचायतें हैं। जुआं-1 की भूमि पर पानी निकासी की समस्या है। जिसका समाधान करने के लिए प्रशासन 10 पाइप दबाने को तैयार हैं। दोनों गांवों की सहमति का इंतजार है। ग्रामीणों को पाइप दबाने की सहमति देने की बात कही है, लेकिन अभी तक इस पर सहमति नहीं बन पाई है। चुनाव को लेकर कितने उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिए हैं, इस बारे में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। चुनाव लड़ना या ना लड़ना ग्रामीणों की मर्जी है, लेकिन पंचायत चुनाव में शांति भंग नहीं होने देंगे। - ललित सिवाच, उपायुक्त, सोनीपत
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