रिश्वत कांड : नसीबपुर जेल अधीक्षक और उपाधीक्षक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, जानें पूरा मामला

रिश्वत कांड : नसीबपुर जेल अधीक्षक और उपाधीक्षक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, जानें पूरा मामला
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नसीबपुर जेल में सुविधा शुल्क के नाम पर एक लाख रुपये की रिश्वत मामले में जेल अधीक्षक एवं उपाधीक्षक फरार चल रहे हैं। जबकि विजिलेंस ने 11 जनवरी तक के लिए इन दोनों के दूसरी बार गिरफ्तारी वारंट हासिल किए हैं।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

नसीबपुर जेल में सुविधा शुल्क के नाम पर एक लाख रुपये की रिश्वत मामले में जेल अधीक्षक एवं उपाधीक्षक फरार चल रहे हैं। जबकि विजिलेंस ने 11 जनवरी तक के लिए इन दोनों के दूसरी बार गिरफ्तारी वारंट हासिल किए हैं। विजिलेंस ने जेल के अलावा इनके घरों पर तफ्तीश में शामिल होने के लिए नोटिस भी चस्पाए गए हैं, लेकिन यह दोनों ही जेल अधिकारी अब भूमिगत बने हुए हैं।

गौर हो कि गत 9 दिसंबर को जिला जेल नसीबपुर में एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए दो जेल वॉर्डर राजन कुमार एवं गजेसिंह को गिरफ्तार किया गया था और सघनता से पूछताछ में जेल उपाधीक्षक कुलदीप सिंह हुड्डा तथा नसीबपुर जेल का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे रेवाड़ी के जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा का नाम उजागर हुआ था। तब से ही विजिलेंस गुरुग्राम इन दोनों की गिरफ्तार के जतन कर रही है, लेकिन अब तक कामयाबी नहीं मिल पाई है। गत 15 दिसंबर को जेल सुपरींटेंडेंट अनिल जांगड़ा के रेवाड़ी आवास पर विजिलेंस ने जब रेड मारी, तब वह रेड लीक होने के चलते पहले ही वहां से फरार हो गए थे। इसका खामियाजा तत्कालीन विजिलेंस इंस्पेक्टर एवं आईओ अजीत सिंह को सस्पेंशन के रूप में भुगतना पड़ा था। बाद में इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा को अनुसंधान का कार्यभार दे दिया गया था।

दूसरी ओर कुलदीप सिंह हुड्डा ने 14 दिसंबर को दस दिन की छुट्टी पूरी होने उपरांत आगामी एक सप्ताह के लिए जो मेडिकल लिव लगाई थी, उसे अस्वीकृत कर दिया गया है। हुड्डा ने नारनौल अदालत में जो अग्रिम जमानत लगाई थी, वह भी खारिज हो चुकी है। अब दोनों ही आरोपित जेल अधिकारी न तो ड्यूटी पर हाजिर हो रहे हैं और न ही तफ्तीश में शामिल हो रहे हैं। जबकि विजिलेंस ने दोनों के विरुद्ध 11 जनवरी तक के लिए कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट हासिल कर लिए हैं। विजिलेंस इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा ने बताया कि दोनों ही उक्त आरोपित अब तक फरार बने हुए हैं और अनुसंधान में शामिल नहीं हो रहे हैं। इसी कारण गिरफ्तारी वारंट हासिल किया गया है। इनके घरों एवं कार्यालयों को तफ्तीश में शामिल होने के नोटिस भी दिए गए हैं।

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