बड़ी कार्रवाई : रिश्वत मामले में करनाल का तहसीलदार भी गिरफ्तार, चहेतों की एनओसी के लिए डीटीपी को दिए थे लाखों रुपये

बड़ी कार्रवाई : रिश्वत मामले में करनाल का तहसीलदार भी गिरफ्तार, चहेतों की एनओसी के लिए डीटीपी को दिए थे लाखों रुपये
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पांच लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार डीटीपी विक्रम सिंह के मामले में सोमवार को नया मोड़ आ गया, जब स्टेट विजिलेंस की टीम ने करनाल के तहसीलदार राजबख्श को तहसील कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया।

हरिभूमि न्यूज़ : करनाल

पांच लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार डीटीपी विक्रम सिंह के मामले में सोमवार को नया मोड़ आ गया, जब स्टेट विजिलेंस की टीम ने करनाल के तहसीलदार राजबख्श को तहसील कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया। विजिलेंस से जुड़े अधिकारी ने दावा किया कि तहसीलदार पर आरोप है कि डीटीपी-तहसीलदार मिलजुल कर एक दूसरे के लिए रिश्वत की राशि एकत्रित करते थे, जो राशि पहले ही डीटीपी विक्रम सिंह से मिली हैं, उस राशि में करीब 14 लाख रुपए तहसीलदार ने डीटीपी को चहेतों की एनओसी के लिए दिए थे।

वहीं तहसीलदार के घर से विजिलेंस टीम को कागजात मिले हैं, जिनकी छानबीन चल रही है। विजिलेंस अधिकारी ने बताया कि तहसीलदार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा ताकि हर मामले की तह तक जाया जा सके। तहसीलदार के विजिलेंस की टीम द्वारा हिरासत में लेने से प्रशासनिक अधिकारियों में हडक़ंप मच गया। देर शाम स्टेट विजिलेंस के इंसपेक्टर सचिन ने तहसीलदार राजबख्श की गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी।

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार भ्रष्टाचार के मामले में 3 दिन के रिमांड पर चल रहे आरोपित डीटीपी विक्रम सिंह व ड्राइवर बलबीर सिंह ने पूछताछ में तहसीलदार राजबख्श का नाम लिया। तहसीलदार की मामले में भूमिका होने की पुष्टि होने से कई राजदारों के चेहरों की रंगत उड़ गई ह। विजिलेंस अधिकारी ने दावा कि जांच चल रही हैं, हर पहलू की जांच चल रही है, जो भी जांच में सामने आता जाएगा, उसे जांच में शामिल किया जाता रहेगा।

क्या तहसीलदार ने इनवेस्टमेंट के लिए दिए थे डीटीपी को लाखों रुपए

दावा किया जा रहा है कि तहसीलदार और डीटीपी मिलकर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे थे, भ्रष्टाचार के रूप में एकत्रित किए गए लाखों रुपए को ठिकाने लगाने के लिए पैसों को इनवेस्टमेंट किया जाता था। जांच में खुलासा हुआ कि तहसीलदार द्वारा लाखों रुपए इनवेस्टमेंट के लिए डीटीपी को दिए गए थे। अब जांच टीम पता लगाने में जुटी है कि भ्रष्टाचार कर जो करोड़ों रुपए कमाए गए हैं, उन पैसों को कहां पर ठिकाने लगाया गया हैं। बेमानी संपत्ति की बाते भी सामने आ रही है, लेकिन विजिलेंस अधिकारी सचिन ने कहा कि हर मामले की जांच चल रही है।

भ्रष्टाचार के मामले में जांच के लिए राजबख्श को टीम द्वारा सुबह कार्यालय से उठा लिया। तहसील कार्यालय द्वारा शहर की अवैध कॉलोनियों में करीब हजारों रजिस्ट्रियां बिना एनओसी की कर दी गई। जिसकी जांच चल रही है, मामला इतना हाई प्रोफाइल है कि मामले की गुंज विधानसभा में भी उठ चुकी है। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी मामले की जांच के आदेश दिए हुए हैं। जिसमें करनाल राजस्व विभाग के तहसीलदार सहित अन्य कई बड़े अधिकारियों के शामिल होने के गंभीर आरोप हैं। विजिलेंस की टीम हर मामले की गहनता के साथ जांच में जुटी हैं, कोई भी अधिकारी सामने आकर हिरासत या गिरफ्तारी के बारे में कुछ नहीं बता रहा हैं। जांच में जुटे अधिकारी जांच में क्या मिला, इसकी जानकारी देने से बचते नजर आ रहे हैं।

भ्रष्टाचार के खेल में कई बड़े अधिकारी-नेतागण शामिल?

जिस प्रकार से डीटीपी विक्रम सिंह को रिश्वत के साथ पकड़ा गया है, उनके पकड़े जाने से मामला प्रदेश में हाई प्रोफाइल हो गया। सवाल उठ रहा है कि अगर डीटीपी को रिश्वत के साथ गिरफ्तार न किया जाता तो क्या भ्रष्टाचार का खेल बदस्तुर जारी रहता? सरकार की नजर पहले क्यों डीटीपी पर नहीं गई, वह भी तब जब करनाल के शहरवासी चीख-चीख कर डीटीपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे थे? सवाल उठना भी लाजिमी है कि कौन लोग है, जो डीटीपी को संरक्षण दिए हुए थे। ऐसे राजनेताओं को सरकार को बेनकाब करना चाहिए। क्या अवैध कॉलोनियों के धंधे में बड़े अधिकारियों के साथ राजनेता भी शामिल हैं?

शहर में बिछा है अवैध कॉलोनियों का जाल

बता दें कि करनाल शहर के आसपास अवैध कॉलोनियों का जाल बिछा हुआ हैं, क्योंकि सम्बधित विभागों के अधिकारी अवैध कॉलोनियां काटकर करोड़ों रुपए कमाने वाले कॉलोनाइजरों के साथ मिले हुए हैं। जिनके चलते अवैध कॉलोनियों का कारोबार लगातार पनप रहा हैं। अवैध कॉलोनियों के कटने के बाद प्लाट धारकों के नव नर्मिति मकानों को धराशाही कर दिया जाता हैं। गरीबों के आसियानों पर तोडफ़ोड़ करने के आरोप डीटीपी विक्रम सिंह पर पहले भी कई बार लगते रहे हैं, लेकिन हर बार नियमों का हवाला देकर डीटीपी साफ तौर पर बच निकलते रहे।

अवैध कॉलोनियां : फल फूल रहा अरबो का कारोबार

रिमांड के दौरान गिरफ्तार डीटीपी ने क्या खुलासा किए हैं, इस बात की पूरी जानकारी फिलहाल नहीं मिल पाई हैं। लेकिन माना जा रहा है कि करनाल में अवैध कॉलोनियां काटने का धंधा कोई लाखों रुपए का न होकर, अरबो रुपए का हैं। अरबों रुपए के कारोबार पर कई राजनेताओं की नजर लगी हुई हैं। सूत्रों की माने तो अवैध कॉलोनियां काटने में कई नेता भी शामिल हैं, जो अब भूमिगत हो गए हैं, कहीं जांच में उनके नाम का खुलासा न हो जाए।

डीटीपी की गिरफ्तारी के बाद कई लोग आने लगे सामने

डीटीपी की गिरफ्तारी के बाद डीटीपी के सताए हुए कई लोग सामने आने लगे हैं, जिन्होंने डीटीपी को प्रत्यक्ष-प्रत्यक्ष रूप से रिश्वत दी हो। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद तरह-तरह की बाते सुनने को मिल रही हैं। वहीं दूसरी ओर स्टेट विजिलेंस की टीम आरोपियों से कई कई राज उगलवा चुके हैं। दावा है कि जांच पूरी होने के बाद स्टेट विजिलेस की टीम के स्टेट अधिकारी विस्तार से जानकारी देंगे।

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