ईंट भट्टों को दी जाने वाली साल में चार माह की छूट हुई समाप्त, संचालन करने पर होगा एक्शन

नरेन्द्र वत्स. रेवाड़ी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की ओर से ईंट भट्टों (Brick Kiln) को दी जाने वाली साल में चार माह की छूट शुक्रवार को समाप्त हो गई। 1 जुलाई से ईंट भट्टों का संचालन अवैध हो गया है। खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक की ओर से ईंट भट्टा एसोसिएशन को इस संबंध में निर्देश देने के साथ ही सभी एएफएसओ और इंस्पेक्टरों को ईंट भट्टों के संचालन पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम फ्लाइंग और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों की नजर भी ऐसे ईंट भट्टों पर रहेगी, जो 30 जून के बाद धुआं उगलते हुए नजर आएंगे। भट्टे बंद होने के बाद ईंटों के दाम भी बढ़ने की संभावना है।
एनजीटी की ओर से प्रदूषण पर नियंत्रण रखने की दिशा में ईंट भट्टों को साल में चाह माह ही संचालित करने की छूट दी हुई है। इनका संचालन गत 1 मार्च से शुरू हुआ था, जिसकी मियाद 30 जून को पूरी हो गई है। ईंट भट्टों का संचालन अब 1 जुलाई से पूरी तरह अवैध हो जाएगा। पूर्व में ऐसा होता रहा है कि कई ईंट भट्टा संचालक समय सीमा खत्म होने के बाद भी भट्टों का संचालन नियमित रूप से जारी रखते हैं। कई भट्टों पर ऐसे यंत्र लगाए जा चुके हैं, जिनसे ईंट भट्टों को शाम के समय देरी से चलाने के बाद सुबह जल्द बंद किया जा सकता है। इससे भट्टों की चिमनियों से धुआं दिन ढलने के बाद ही उस समय दिखाई देना शुरू होता है, जब अधिकारी अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद घरों को लौट जाते हैं। भट्टों के अवैध संचालन को लेकर अधिकारियों और संचालकों के बीच कई दिनों तक चूहे-बिल्ली का खेल चलता रहता है। भट्टा मालिक अवधि समाप्त होने के बाद भी कई दिनों तक संचालन जारी रखते हैं, ताकि वह अधिक से अधिक ईंटों का निर्माण कर सकें।
डीएफएससी ने दिए अधीनस्थ को निर्देश
ईंट भट्टों के संचालन की अवधि पूरी होने से पहले ही डीएफएससी अशोक रावत ने ईंट भट्टा एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक बैठक बुलाई थी। उन्हें बताया गया था कि वह 30 जून को ईंट भट्टों का संचालन पूरी तरह बंद कर दें। ऐसासिएशन के पदाधिकारियों ने भी आश्वासन दिया था कि अवधि खत्म होने के बाद वह भट्टों का संचालन नहीं करेंगे। इसके बावजूद अवैध संचालन पर निगरानी रखने के लिए डीएफएससी ने सभी एएफएसओ और इंस्पेक्टरों को पत्र जारी करके ऐसे भट्टों पर एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं, जो 30 जून के बाद भी चलते हुए पाए जाएंगे। पत्र में भट्टों की चेकिंग शुरू करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
गत वर्ष कई दिनों तक चला था खेल
गत वर्ष 30 जून के बाद भी जिले के कई भट्टा संचालकों ने भट्टों का संचालन बंद नहीं किया था। यह भट्टा संचालक शाम को देरी से भट्टों को शुरू करते और सुबह उन्हें दिन निकलने से पहले बंद कर देते थे। सीएम फ्लाइंग की ओर से ऐसे ईंट भट्टों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई थी। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से भी कई भट्टों की जांच की गई थी। दूसरी ओर भट्टों का संचालन बंद होने के बाद ईंटों के दाम 10 से 20 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है, जिससे लोगों के लिए घर बनाना महंगा हो जाएगा। बड़ी संख्या में लोगों ने रेट बढ़ने की संभावना को देखते हुए ईंटों का स्टॉक किया हुआ है।
प्रदूषण से मिली रहेगी कई माह निजात
इस बार मौसम खराब रहने से ईंट भट्टों पर इस्तेमाल होने वाला ईंधन भीगने के कारण गीला बना रहा। इस ईंट भट्टों से निकलने वाले धुआं का स्तर बढ़ गया। दो माह पूर्व भांडौर और आसपास के गांवों के लोगों ने डीसी से मिलकर ईंट भट्टों से होने वाले प्रदूषण का हल निकालने की मांग भी की थी। गीले ईंधन के इस्तेमाल के कारण इस बार बड़ी संख्या में ईंट भट्टों से ज्यादा प्रदूषण हुआ। इनके आसपास के गांवों के लोगों को प्रदूषण के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। भट्टों का संचालन बंद होने के बाद ग्रामीणों को अगले साल मार्च माह तक प्रदूषण से राहत मिली रहेगी।
रखी जाएगी ईंट भट्टों पर नजर
ईंट भट्टों का संचालन बंद करने के निर्देश दे दिए गए हैं। अधीनस्थ अधिकारियों को 1 जुलाई से ईंट भट्टों पर नजर रखने के लिए पत्र जारी कर दिए गए हैं। शनिवार के बाद कोई भट्टा चलता मिला, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। -अशोक रावत, डीएफएससी।
नियमित रूप से होगी जांच
एनजीटी के आदेशों को अमलीजामा पहनाने के लिए ईंट भट्टों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। 1 जुलाई के बाद कोई भी भट्टा चलता पाया गया, तो उसके खिलाफ एनजीटी के नियमानुसार एक्शन लिया जाएगा। -हरीश कुमार, आरओ, एचपीसीबी।
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