पेंशन नहीं मिलने पर बर्गर की रेहड़ी लगाकर जीवनयापन करने को मजबूर बीएसएफ जवान

पेंशन नहीं मिलने पर बर्गर की रेहड़ी लगाकर जीवनयापन करने को मजबूर बीएसएफ  जवान
X
टकई निवासी व अर्द्धसैनिक बल के जवान विकास को सीमा सुरक्षा बल में साढ़े पांच साल से अधिक समय से नौकरी करने के बाद उसे मेडिकल अनफिट करके इलाज का खर्चा दिए बिना ही व पेंशन रहित घर भेज दिया। जवान ने अपने खर्चे से चार साल से महंगा मेडिकल ईलाज करवा कर रहा है, लेकिन सैनिक व अर्द्धसैनिक कल्याण बोर्ड या बीएसएफ से किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली।

हरिभूमि न्यूज : मंडी अटेली (नारनौल)

सरकार सैनिक व अर्द्धसैनिकों के कल्याण व सुविधाओं के लिए खूब प्रचार उनके लिए उनके लाभान्वित योजनाओं का प्रचार करती है, लेकिन पेंशन जैसा लाभ नहीं मिल रहा है। क्षेत्र के गांव कटकई का अद्धसैनिक जवान अपने भविष्य व जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है ।


कटकई निवासी व अर्द्धसैनिक बल के जवान विकास को सीमा सुरक्षा बल में साढ़े पांच साल से अधिक समय से नौकरी करने के बाद उसे मेडिकल अनफिट करके इलाज का खर्चा दिए बिना ही व पेंशन रहित घर भेज दिया। जवान ने अपने खर्चे से चार साल से महंगा मेडिकल इलाज करवा कर रहा है, लेकिन सैनिक व अर्द्धसैनिक कल्याण बोर्ड या बीएसएफ से किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली। हालांकि जवान अब जवान अपने को 90 प्रतिशत ठीक होने का दावा कर रहा है, लेकिन फिर भी उसकी बटालियन उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। बीएसएफ से सहायता व अर्द्धसैनिक कल्याण में किसी प्रकार को सुविधा नहीं मिल रही है।


इस बारे में बीएसएफ के महानिदेशक को पत्र लिख कर न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन परिणाम शून्य आ रहे हैं। जवान अपने जीवन को चलाने के लिए बर्गर की रेहड़ी लगाकर संघर्ष कर रहा है। कटकई निवासी जवान विकास ने बताया कि 15 नवंबर 2012 को सभी शैक्षिक, शारीरिक, दूसरे मापदंड व कुशल प्रशिक्षण पूरे करने के बाद बीएसएफ की 199 बटालियन अलॉट हुई। जवान ने बताया कि भर्ती के पांच साल तक उसने देश के विभिन्न खतरनाक बॉर्डरों में शून्य डिग्री से भी कम तापमान वाले स्थानों के अलावा दूसरे स्थानों पर देश के प्रहरी के रूप में अपनी ड्यूटी दी।

जवान ने बताया कि बंग्ला देश के हेली बॉर्डर पर कठिन ड्यूटी देने पर अस्वस्थ हो गया। करीब डेढ़ साल तक इलाज चला तथा स्वस्थ भी हो गया, लेकिन बीएसएफ के कुछ अधिकारियों ने जबरदस्ती 70 प्रतिशत अक्षम एवं निर्बल करार देते हुए सेवानिवृत कर दिया। सेवानिवृत उपरांत न ही किसी प्रकार की कोई सहायता व पेंशन आदि नहीं दिए गए। दो बच्चे व बुजुर्ग माता-पिता का जीवन घर में आजीविका चलाने का कोई साधन नहीं होने से जीवन का गुजारा करना मुश्किल बना हुआ है। जवान ने बताया कि सरकार जवानों के कल्याण व उनकी सुविधा के लिए अनेक योजनाओं का दावा करती है, लेकिन उसे अपने हालात पर छोड़ दिया है।

Tags

Next Story