पीजीआई में रिसर्च के लिए भरपूर बजट, एक प्रोजेक्ट के लिए ढाई लाख, थिसिस के लिए 50 हजार

पीजीआई में रिसर्च के लिए भरपूर बजट, एक प्रोजेक्ट के लिए ढाई लाख, थिसिस के लिए 50 हजार
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यह एजेंडा एसी की बैठक में पास किया गया। बता दें कि बैठक में कुल 35 एजेंडे थे। इनमें से 5 टेबल एजेंडे रहे। सभी महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगा दी गई। रिसर्च वर्क को बढ़ाने पर जोर दिया गया।

हरिभूमि न्यूज : रोहतक

हेल्थ यूनिवर्सिटी की नई कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना की पहली अकेडमिक काउंसिल (एसी) की बैठक कई मायनों में खास रही। ऐसा पहली बार हुआ कि बैठक में कागज का प्रयोग ही नहीं किया गया। सभी एजेंडे मेल पर ही भेज दिए थे और डॉक्टर लैपटॉप लेकर आए थे। कागज की बचत के लिए यह अच्छा प्रयास रहा। इसके अलावा अब छात्र थिसिस भी ऑनलाइन ही करेंगे, कागज का प्रयोग नहीं किया जाएगा। यह एजेंडा एसी की बैठक में पास किया गया। बता दें कि बैठक में कुल 35 एजेंडे थे। इनमें से 5 टेबल एजेंडे रहे। सभी महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगा दी गई। रिसर्च वर्क को बढ़ाने पर जोर दिया गया।

पीजीआई में रिसर्च के लिए अलग से बजट आ गया है। अब फैकल्टी सदस्य एक प्रोजेक्ट के लिए ढाई लाख रुपये तक का सामान खरीद सकते हैं। एक फैकल्टी एक साल में दो रिसर्च प्रोजेक्ट कर सकती है। इसके अलावा पीजी को थिसिस के लिए भी 50 हजार रुपये तक देने का प्रावधान किया गया है। बेस्ट रिसर्च को 50 हजार और बेस्ट थिसिस को 25 हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा। इसके अलावा पीएचडी प्रोग्राम को भी मजबूत करने के लिए कई फैसले लिए गए।

थिसिस जमा करवाने में आसानी होगी

थिसिस पहले कई कमेटियों के पास जाती थी। इससे थिसिस अप्रूव होने में ज्यादा लग जाता था। लेकिन अब कमेटियां कम कर दी गई हैं। अब 9 महीने तक थिसिस जमा करवा सकते हैं। ये एजेंडा पास कर दिया गया।

डेंटल में ये भी होंगे परीक्षक

बैठक में डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल ने एजेंडा रखा कि अब तक व्यवस्था के अनुसार डेंटल के हेड ही परीक्षक बनते थे। लेकिन उनसे जूनियर को भी मौका दिया जाए। एजेंडा पास कर दिया गया और अब हेड के अलावा भी परीक्षक बन सकते हैं।

डीएनबी कोर्स

एजेंडा पास किया कि अस्पताल प्रशासन में अब डीएनबी कोर्स होंगे। ईसी में पास करवाकर इसे सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

अब डॉ. राकेश धनखड़ परीक्षा नियंत्रक

हेल्थ यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक अब डॉ. राकेश धनखड़ बनाए गए हैं। डॉ. धनखड़ रेडियोलॉजी में प्रोफेसर हैं। इनसे पहले डॉ. अंतरिक्ष परीक्षा नियंत्रक थे। पिछले दिनों डॉ. अंतरिक्ष ने इस पद से इस्तीफा दे दिया था।

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