पांच लाख में बिकी रोहतक के राजबीर अहलावत की भैंस, आंध्रप्रदेश के पशु व्यापारियों ने खरीदी

पांच लाख में बिकी रोहतक के राजबीर अहलावत की भैंस, आंध्रप्रदेश के पशु व्यापारियों ने खरीदी
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भैंस में इतनी खासियत हैं कि आंध्रप्रदेश के पशु व्यापारियों को वह पहली नजर में ही पसंद आ गई। भैंस बिल्कुल प्योर मुर्राह नस्ल की है। व्यापारी भैंस के सिंगों और लेवटी की बनावट व उसकी लंबी ऊंची कदकाठी के कायल हो गए।

Rohtak News : रोहतक जिले के कलानौर खंड के गांव बल्लम गढ़ी के किसान राजबीर अहलावत की एक भैंस पांच लाख रुपये में बिकी है। दो दिन पहले ही इस भैंस को आंध्रप्रदेश के व्यापारी खरीदकर ले गए हैं। भैंस रोहतक के पशु व्यापारी कालू भाटिया और राजपाल के मार्फत बिकी है। भैंस में इतनी खासियत हैं कि आंध्रप्रदेश के पशु व्यापारियों को वह पहली नजर में ही पसंद आ गई। भैंस बिल्कुल प्योर मुर्राह नस्ल की है। व्यापारी भैंस के सिंगों और लेवटी की बनावट व उसकी लंबी ऊंची कदकाठी के कायल हो गए। राजबीर के पुत्र प्रदीप ने बताया कि एक सप्ताह पहले ही भैंस ब्याई थी और वह फिलहाल 17 लीटर दूध देती है।

अबकी बार भैंस का दूसरा ब्यांत है। पहली बार जब ब्याई थी तो वह 19 लीटर दूध देती थी। इस बार भैंस 23 लीटर दूध तक पहुंच जाएगी। भैंस की उम्र साढ़े चार साल है। पिछले ब्यांत में भैंस ने दुग्ध मापन प्रतियोगिता में पुरस्कार जीता था। पूरा परिवार भैंस की देखभाल करता था। भैंस को हरे चारे के अलावा खल, बिनौला, चना, सरसों का तेल आदि खिलाया जाता था। दिन में तीन बार भैंस को पानी पिलाने और नहलाने के लिए तालाब में ले जाते थे। तीन बार घर पर भी नहलाया जाता था। बाहर कच्ची जगह पर रेत में बिठाते थे। पशुघर के अंदर पक्के फर्श पर बिठाने के लिए मैट बिछाया गया था।

रोहतक से हर महीने आंध्रप्रदेश जाती हैं मुर्राह नस्ल की भैंसें

आंध्रप्रदेश के व्यापारी म्हारी मुर्राह नस्ल की भैंस के मुरीद बन गए हैं। रोहतक शहर के पशु व्यापारी रोजाना हिसार, जींद, रोहतक और नरवाना आदि क्षेत्रों से मुर्राह नस्ल की भैंस खरीदकर लाते हैं। चार पांच दिन बाद इन्हें एक ट्रक में चढ़ाकर आंध्रप्रदेश ले जाया जाता है। एक ट्रक में दस भैंस जाती हैं। महीने में अकेले रोहतक से कम से कम 10 ट्रक आंध्रप्रदेश जाते हैं। जिनमें मुर्राह नस्ल की ही भैंस होती हैं।

मुर्राह नस्ल की भैंसों की मांग ज्यादा

रोहतक के पशु व्यापारी कालू भाटिया ने बताया कि रोहतक के अलावा हरियाणा के अन्य शहरों से भी मुर्राह नस्ल की भैंस आंध्रप्रदेश भेजी जाती हैं। इस हिसाब से 500 से अधिक भैंस हर महीने आंध्रप्रदेश जा रही हैं। वैसे तो पिछले तीन दशक से आंध्रप्रदेश में हरियाणा की मुर्राह नस्ल की भैंस जाती रहती हैं। लेकिन अब आंध्रप्रदेश में मुर्राह नस्ल की भैंस की मांग बढ़ गई है। वहां के लोग दूध के लिए और अपने शौक के लिए हरियाणा की मुर्राह नस्ल की भैंस को पसंद करते हैं। कालू भाटिया ने बताया कि साल 2013 में उन्होंने हिसार जिले के सिंघवा खास गांव से आंध्रप्रदेश के व्यापारियों को मुर्राह नस्ल की एक भैंस 25 लाख रुपए में बिकवाई थी।

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