ध्यान से खरीदें : मिठाइयों पर एक्सपायरी डेट नहीं लिख रहे दुकानदार, मिलावटखोरों की हो रही मौज

ध्यान से खरीदें : मिठाइयों पर एक्सपायरी डेट नहीं लिख रहे दुकानदार, मिलावटखोरों की हो रही मौज
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हैरानी यह भी है कि जिस अधिकारी को मिलावटी खाद्य पदार्थ के सैंपल लेने है, उसके पास तीन जिला महेंद्रगढ़, रेवाड़ी व दादरी का चार्ज है। इसी का फायदा मिलावटखोर उठा रहे है। ऐसे में फेस्टीवल सीजन पर मिठाइयां खरीदने वालों को सरकार व प्रशासन की सतर्कता की बजाय खुद ही सतर्क होने पड़ेगा।

नारनौल। फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइन अनुसार हर मिठाई विक्रेता को दुकान के अंदर रखी सभी मिठाईयों के साथ एक्सपायरी रेट लिखनी जरूरी है। बासी मिठाईयां बेचने वालों पर करीब दो लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इस नियम के पीछे तर्क है कि लोगों तक बासी मिठाई नहीं पहुंचेगी। इसके बावजूद जिला में अधिकांश दुकानों पर मिठाइयों के बनने की डेट और एक्सपायरी डेट नहीं लिखी गई है। जिले में छोटी बड़ी करीब 150 हलवाइयों की दुकानें चल रही है। जो नियमों के विरूद्ध बासी मिठाइयां बेच रहे हैं। हैरानी यह भी है कि जिस अधिकारी को मिलावटी खाद्य पदार्थ के सैंपल लेने है, उसके पास तीन जिला महेंद्रगढ़, रेवाड़ी व दादरी का चार्ज है। इसी का फायदा मिलावटखोर उठा रहे है। ऐसे में फेस्टीवल सीजन पर मिठाइयां खरीदने वालों को सरकार व प्रशासन की सतर्कता की बजाय खुद ही सतर्क होने पड़ेगा।

जानकारी के मुताबिक खाद सुरक्षा विभाग ने एक अक्टूबर 2020 को यह नियम लागू हुआ था। ऐसे में यह नियम हर छोटे बड़े हलवाइयों व मिठाइयों के विक्रेता पर लागू है। यह नियम भी विभाग ने केवल मिठाइयों के लिए ही बनाया है। हलवाइयों को अपनी दुकान पर रखी मिठाइयों की ट्रे पर लेवल लगाना होता है। इस पर यह लिखना अनिवार्य होता है कि इस उत्पाद को कब तक उपयोग में लाया जा सकता है। पहले दुकानों पर रखी मिठाइयों की ट्रे, परात, डिब्बों पर एक्सपायरी डेट नहीं लिखी जाती थी।

कौन सी मिठाई की कितने दिन की एक्सपायरी डेट

< एक दिन चलने वाली मिठाई : कलाकंद, चॉकलेट कलाकंद व बटर स्कॉच कलाकंद

< दो दिन चलने वाली मिठाई : दूध से बने आईटम रसगुल्ला, रबड़ी रसमलाई, मिल्क बादाम, शाही टोस्ट, मलाई रोल, बंगाली रबड़ी, खीर मोहन आदि

< चार दिन चलने वाली मिठाई : मलाई घेवर, मोतीचूर मोदक, पेड़ा, प्लेन बर्फी, मिल्क बर्फी, केसर कोकोनेट लड्डू, खोया बादाम, तिल बुग्गा, फ्रूट केक, सफेद पेड़ा, बूंदी लड्डू, लाल लड्डू व कोकोनेट बर्फी आदि

< सात दिन चलने वाली मिठाई : काजू कतली, काजू केसर बर्फी, काजू रोल, घेवर, बालूशाही, आटा लड्डू, ड्राई फ्रूट गुजिया, मूंग बर्फी, काजू लड्डू, बेसन बर्फी व आदि

< 30 दिन चलने वाली मिठाई : आटा लड्डू, चना लड्डू, चना बर्फी, बेसन लड्डू आदि


अधिकारियों को दिए निर्देश, खाद्य पदार्थों की करें चेकिंग

उपायुक्त जेके आभीर ने बताया कि दो दिन पहले ही अधिकारियों को निर्देश दिए है कि त्योहार के सीजन को देखते हुए मिठाई की डिमांड अधिक होती है। ऐसे में अधिकारी लगातार बाजारों में खाद्य पदार्थों की चेकिंग करें। कहीं भी मिलावटी सामान मिलता है तो सख्त कार्रवाई अमल में लाए।

सैंपल अधिकारी के पास तीन जिला

जब इस संबंध में एफएसएसआई डा. दीपक चौधरी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उनके पास रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ व दादरी तीन जिला है। इस फेस्टीवल सीजन में तीनों जिलों को एक समय कवर करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है।

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