शौक पर भारी नियमों की दरकिनारी : पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन न के बराबर, लोगाें की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं प्रशासन

- पालतू कुत्तों के साथ आवारा कुत्ते भी हो रहे आक्रमक
- नागरिक अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन खत्म
रेवाड़ी । कुत्तों के काटने के मामले बढ़ने और कोर्ट के विवादों से बचने के लिए कुछ लोग कुत्तों का लाइसेंस लेने लगे हैं, लेकिन लाइसेंस लेने वालों की संख्या अभी न के बराबर है। महंगे कुत्ते पालने के शौकीन जहां रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे, वही गली में घूमने वाले कुत्ते भी आक्रमक होते जा रहे है। शहर में रोजाना कुत्तों के काटने की घटनाएं हो रही है। जैसे कुत्ते पालने के शौकीन लोग कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराने में कम रूचि दिखा रहे हैं। वहीं नगर परिषद की ओर से आवारा कुत्तों की न तो नसंबंदी की जा रही है और न ही वैक्सीनेशन कराया जा रहा। नागरिक अस्पताल में रोजाना कुत्ते काटने के 15 से 20 मामले आ रहे है, लेकिन अस्पताल में भी करीब 17 दिन से रेबीज के इंजेक्शन खत्म है।
घुमाते समय कुत्तों को नेट कैप लगाना जरूरी
नगर परिषद में कुत्ते की रजिस्ट्रेशन फीस 500 रुपए है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद परिषद की ओर से रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा टोकन दिया जाएगा, जो कुत्ते के गले में पहनाना होगा। अगर कुत्ता कहीं गुम भी हो जाएगा तो टोकन पर लिखे रजिस्ट्रेशन नंबर से कुत्ते के मालिक की पहचान हो सकती है। एक वर्ष बाद कुत्ते के रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण भी कराना होगा। कुत्ते का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए मालिक को अपनी रिहायशी आईडी, आधार कार्ड व कुत्ते का वैक्सीनेशन कार्ड देना होगा। कुत्ते को घुमाने ले जाते समय उसके मुंह पर नेट कैप व चैन से बांधना होगा, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सकें।
जिले में न के बराबर कुत्तों के रजिस्ट्रेशन
कुत्तों को पालने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने या लाइसेंस लेने का नियम हरियाणा म्युनिसिपल एक्ट 1994 के अनुसार पहले से ही है। नगर परिषद में अभी तक मेन्युवली तीन रजिस्ट्रेशन ही हुए हैं। हालांकि लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कराए है, लेकिन जिले में अभी कुत्तों के रजिस्ट्रेशन संख्या के हिसाब से न के बराबर है। हरियाणा में कई जगह कुत्तों की प्रजातियों पर प्रतिबंध लगाए हुए है, जिनमे अमेरिकन पिटबुल टेरियर्स, डोगो अर्जेंटीनो, राटविलर, नियापालिटन मेस्टिफ, बोइरबोइल, प्रेसा कनारियो, वोल्फ डाग, बैनडाग, अमेरिकन बुलडॉग, फिला ब्रासिलेरो व केन कोरसो प्रजाति शामिल है। नगर परिषद के सीएसआई संदीप कुमार ने बताया कि नगर परिषद के पास अभी ऐसा कोई आदेश नहीं है। आने वाले लोगों के रजिस्ट्रेशन किए जा रहे है। आवारा कुत्तों की नसबंदी व वैक्सीनेशन के लिए भी टेंडर लगाया हुआ है।
कुत्तों की संख्या में हो रहा इजाफा
नगर परिषद के रिकॉर्ड के अनुसार पिछले दिनों टेंडर छोड़कर करीब 3340 आवारा कुत्तों की नसबंदी व वैक्सीनेशन किया गया था। उसके बाद से नगर परिषद टेंडर को लेकर विवादों के घेरे में चल रही है। शहर के मोहल्ले व कॉलोनी सहित सभी स्थानों में झुंड के रूप में कुत्तों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है।
अस्पताल में नहीं रेबीज के इंजेक्शन
नागरिक अस्पताल में कुत्तों के काटने के रोजाना 15 से 20 मामले आ रहे है। कई बार तो यह संख्या दोगुना हो जाती है, लेकिन अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन करीब 17 दिन से खत्म हो चुके है। पिछली बार अस्पताल में 500 इंजेक्शन मंगवाए गए थे। यह इंजेक्शन करीब 20 से 25 दिन में खत्म हो गए। इंजेक्शन खत्म होने पर मरीजों को बाहर में करीब 400 रुपए का इंजेक्शन खरीद कर लगवाना पड़ रहा है। अस्पताल में इंजेक्शन बीपीएल परिवारों के लिए फ्री व सामान्य के लिए 100 रुपए की पर्जी कटवाकर लगाया जाता है। नागरिक अस्पताल के मेडिकल स्टोर इंचार्ज महेंद्र कुमार ने बताया कि रेबीज के इंजेक्शन की डिमांड भेज दी गई है। 2-3 दिन में इंजेक्शन आने की संभावना है।
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