बावल नगर पालिका चुनाव में कैबिनेट मंत्री की अग्नि परीक्षा : राव के खास समर्थकों को 'खास संदेश' का इंतजार, तीसरे इंजन में खराबी का खतरा

नरेन्द्र वत्स. रेवाड़ी
बावल नगर पालिका चुनाव के लिए मतदान के चार दिन शेष बचे हैं। प्रचार के लिए चंद घंटों का समय ही बचा है। भाजपा प्रत्याशी की जीत सीधे तौर पर लोकल एमएलए डा. बनवारीलाल की प्रतिष्ठा से जुड़ चुकी है। चुनाव प्रचार में वरिष्ठ नेताओं के तौर पर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ का कार्यक्रम बन सकता है। लोकल एमपी की प्रचार से दूरी लोकल एमएलए की सबसे बड़ी मजबूरी साबित हो रही है। एमपी के खास समर्थकों को अब 'खास संदेश' का इंतजार है। कैबिनेट मिनिस्टर डा. बनवारीलाल के लिए यह दौर किसी 'अग्नि परीक्षा' से कम नहीं है। बावल नपा का चेयरमैन बनाकर लोगों को 'तीन इंजन की ट्रेन' में सवारी कराने का दावा करने वाले बनवारी की इस ट्रेन के तीसरे इंजन में खराबी का सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है।
भाजपा में भीतरघात की संभावनाओं को पूरा बल मिलने लगा है। पार्टी ने नगर परिषद और नगर पालिकाओं के चुनाव जिताने का जिम्मा पूरी तरह से जिलाध्यक्षों और लोकल एमपी-एमएलए को सौंपा हुआ है। प्रचार के अंतिम चरण में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ लगभग सभी चुनावी क्षेत्रों को कवर करने के लिए मैदान में उतर चुके हैं। बावल में जिलाध्यक्ष हुकमचंद यादव ने पूरी तरह लोकल एमएलए डा. बनवारीलाल के साथ प्रचार का मोर्चा संभाला हुआ है। डा. बनवारीलाल कस्बे में कराए गए विकासकार्यों की दुहाई देकर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं। उनकी यह अपील दिन के उजाले में कम और रात के अंधेरे में ज्यादा देखने को मिल रही है। चुनावी गलियारों में चर्चा यहां तक है कि पार्टी के आंतरिक कारणों के चलते दिन के समय डा. बनवारीलाल को कुछ एरिया में लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है।
पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डा. बनवारीलाल ने जहां पूरा जोर लगाया हुआ है, वहीं उनके 'राजनीतिक गुरू' और लोकल एमपी राव इंद्रजीत सिंह ने इस चुनाव से पूरी तरह किनारा किया हुआ है। राव ने बावल में चेयरमैन पद के लिए टिकट आवंटन में भी कोई हस्तक्षेप नहीं किया था। पार्टी की टिकट हासिल करने के लिए भाजपा के कई ऐसे चेहरे शामिल थे, जो राव इंद्रजीत सिंह से काफी करीबी माने जाते हैं। टिकट नहीं मिलने से नाराज यह चेहरे अपनी अंदरूनी रणनीति को ऐन मौके पर सिरे चढ़ाने का काम कर सकते हैं। मतलब साफ है कि अंतिम वोट तक पार्टी में भितरघात की आशंक बनी रहेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राव के खास समर्थक अपना रुख स्पष्ट करने के लिए अभी 'खास संदेश' आने का इंतजार कर रहे हैं। राव का एक इशारा चुनाव का रुख बदलने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
भाजपा की पृष्टभूमि का प्रत्याशी नहीं
भाजपा ने टिकट के मामले में पूरी तरह डा. बनवारीलाल की पसंद को प्राथमिकता दी है। इसमें चूक यह मानी जा रही है कि कस्बे में अच्छी पहचान रखने वाले शिवनारायण भाजपा की पृष्टभूमि से जुड़े हुए नहीं हैं। उन्हें टिकट देने के साथ ही पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता नाराज हो गए थे। इनमें से कुछ चेहरे बागी होकर हिसाब चुकाने के लिए मैदान में हैं, तो कुछ अंदरखाते अपने काम को अंजाम देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इन चेहरों में राव इंद्रजीत सिंह के खास समर्थक भी शामिल हैं। भाजपा सेवा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सतीश खोला स्वीकार करते हैं कि भाजपा की पृष्टभूमि से जुड़े हुए नहीं होना पार्टी प्रत्याशी के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा था, लेकिन रूठों को मनाने के बाद अब भाजपा बावल में कमल खिलाने की ओर अग्रसर है। उन्होंने दावा किया कि सेवा प्रकोष्ठ की पूरी टीम एक-एक मतदाता के घर जा रही है। पार्टी प्रत्याशी की जीत को सुनिश्चित करने के लिए यह टीम पूरा जोर लगा रही है।
कार्यकर्ताओं की पूरी टीम उतारेंगे मैदान में
भाजपा के जिलाध्यक्ष हुकमचंद यादव ने दावा किया बावल में भाजपा प्रत्याशी की रिकॉर्ड मतों से जीत होगी। उन्होंने कहा कि वह 17 जून को खुद रोड करेंगे। 15 जून को जिले के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की मजबूत टीम को बावल के मैदान में उतारा जाएगा। प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ के दौरे को लेकर हुकमचंद यादव ने स्पष्ट किया अभी तक उनका कोई कार्यक्रम फाइनल नहीं हुआ है। देखना यह होगा कि जिलाध्यक्ष की टीम बावल की चौधर भाजपा की झोली में डालने के लिए कितना कारगर साबित हो पाएगी।
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