क्या मोबाइल के उपयोग से चर्म रोग और उल्टी- दस्त रोग हो सकता है, पढ़ें

हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र
क्या मोबाइल के उपयोग से चर्म रोग और उल्टी- दस्त रोग हो सकता है? जी हां,बिल्कुल! मोबाइल फोन में निकिल, कोबाल्ट और क्रोमियम मौजूद होता है, जो चर्म रोग का कारण बन सकते हैं, जिसे 'सेलफोन डमेर्टाइटिस' कहा जाता है और शौचालय में प्रयोग करते समय मल-संक्रमण से उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है। ये विचार लोकनायक जयप्रकाश जिला नागरिक अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक और हृदय एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेंद्र ममगाईं शैली ने एक विशेष मुलाकात में व्यक्त किए।
उन्होंने बताया कि लंबे समय तक हाथ में फोन पकड़े रहने से 'कार्पल टनल सिंड्रोम' की समस्या से हाथ और कलाई में सुन्नपन और गति में दर्द होता है। बहुत से लोग मोबाइल का इस्तेमाल ई- बुक्स पढ़ने, संदेश देने और वेब -सफिंर्ग आदि के लिए भी करते हैं। इस दौरान ज्वलंत स्क्रीन और छोटे फोंट के आकार आंखों पर बहुत अधिक दबाव डालते हैं, विशेष तौर पर यदि अंधेरे में पढ़ रहे हों ,इसके अतिरिक्त छोटे स्क्रीन से भेंगापन, पलकें न झपकने से सूखी आंखें, जलन और लाली हो सकती है। 'यूरोपियन जर्नल आफ ऑंकोलॉजी' के एक शोध के हवाले से डॉ. ममगाईं ने बताया कि मोबाइल से निकलने वाली अत्यधिक विकिरणों के कारण लाल रक्त कोशिकाएं से हिमोग्लोबिन का रिसना, दिल की जटिलताएं और लड़खड़ाती धड़कन हो सकती है। आधुनिक जीवन शैली के चलते कई लोग शौचालय में मोबाइल फोन का प्रयोग करते हैं। मोबाइल मूल- जीवों से अत्यधिक प्रदूषित होते हैं और इनमें मौजूद बैक्टीरिया ई-कोलाई और स्टेफिलोकोक्कस ऑरियस से क्रमश:उल्टी- दस्त एवं त्वचा का संक्रमण हो सकता है।
डॉ. शैली ने जनता से अपील की कि वे मोबाइल फोन का उपयोग सकारात्मक गतिविधियों के लिए करें और इसके निरर्थक, अत्यधिक और व्यर्थ उपयोग से बचें ताकि वे इसके प्रतिकूल प्रभावों से अपने आप को बचाने में सफल हो सकें। इसके अलावा सोने से एक घंटा पहले मोबाइल को अपने बिस्तर से न्यूनतम 6 फुट की दूरी पर रखें, जिससे वे गुणवत्ता की नींद ले सके और उनका अगला दिन सकून से गुजरे।
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