धोखे से जीपीए रिन्यू कराने के मामले में बिल्डर और नायब तहसीलदार सहित 10 लोग फंसे

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी/धारूहेड़ा
भू-मालिक से सोसायटी विकसित करने के नाम पर करोड़ों रुपए का जमीन का सौदा करने के बाद प्रोजेक्ट में फेल होकर रद्द की जनरल पावर अटॉर्नी को फर्जी तरीके से रिन्यू कराने के आरोप में एक बिल्डर कंपनी के 8 प्रतिनिधियों सहित पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज किया है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दर्ज किए गए इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
अदालत में दायर इस्तगासे में गुरूग्राम के सेक्टर-49 निवासी भगतसिंह ने बताया कि धारूहेड़ा के गांव गढ़ी अलावलपुर स्थित उनकी 26 एकड़ 5 कनाल जमीन पर टाउनशिप के लिए साल 2012 में दिल्ली के बिल्डर मैसर्स गोपाल हाईटेक इंफ्रा डवलपर प्राइवेट लिमिटेड से कोलोब्रेशन किया था। इसके तहत बिल्डर की तरफ से यहां दीनदयाल आवास योजना के साथ प्लॉट की बिक्री की जानी थी। बिल्डर को यह प्रोजेक्ट साल 2015 में पूरा करना था। आरोप है कि बिल्डर की तरफ से 10 साल बाद भी इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया और अभी तक टाउनशिप डवलप नहीं की।
बिल्डर को लाइसेंस लेकर सीवर, पानी, सड़क सुविधा दी जानी थी, लेकिन उनकी तरफ से इसका लाइसेंस तक नहीं लिया गया। इसके बाद भी उनकी तरफ से बिना पैनेल्टी उन्हें 2020 तक उन्हें दे दी और फिर यह लाइसेंस नहीं लेकर आए। इस पर 2021 में उनकी तरफ से लीगल नोटिस देकर जीपीए कैंसिल का परफोर्मा भेज दिया और इसे कैंसिल करा दिया। कैंसिल जीपीए को कैंसिल करके फिर से बहाल करने का एक्ट में प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद धारूहेड़ा के तत्कालीन नायब तहसीलदार श्यामसुंदर और आरसी रूपचंद सहित अन्य लोगों ने मिलकर कैसिंल जीपीए को बहाल कर दिया।
इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ केस
पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, उनमें बिल्डर कंपनी के रोहिणी कार्यालय में कार्यरत विकास बिश्नोई, अशोक गुप्ता, महेश शर्मा, दिल्ली के शकरपुर निवासी लक्ष्मण सिंह, रोहिणी निवासी काला, केएल बिश्नोई, अशोक राय, साहिल गुप्ता, नायब तहसीलदार श्यामसुंदर व रजिस्ट्री क्लर्क रूपचंद शामिल हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद कोर्ट को रिपोर्ट पेश की जाएगी।
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