फतेहाबाद MLA निवास के बाहर रोड जाम करने पर विधायक केे पूर्व ड्राइवर सहित 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

फतेहाबाद। विधायक दुड़ाराम के पीए राजबीर पर नौकरी लगवाने के नाम पर 85 लाख रुपये हड़पने के मामले में गांव कुम्हारिया के लोगों द्वारा विधायक निवास के बाहर रोड जाम करने के मामले में शहर फतेहाबाद पुलिस ने 7 महिलाओं सहित 20 लोगों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने ड्यूटी मेजिस्ट्रट नायब तहसीलदार राजेश कुमार की शिकायत पर यह कार्यवाही की है। जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उनमें विधायक केे पूर्व चालक सुभाष कुमार के अलावा सहिल, जोगिन्द्र सिंह, सतबीर, हरफूल, बलबीर, लीलूराम, सतपाल, संजय, इन्द्र, सहदेव, कृष्ण, धर्मपाल उर्फ हरदयाल, सुनीता, मीना, बिमला, रोशनी, सुमित्रा, रूकमणी व सावित्री शामिल है।
पुलिस को दी शिकायत में नायब तहसीलदार राजेश कुमार ने कहा कि इन लोगों ने 15-20 अन्य लोगों के साथ मिलकर विधायक दुड़ाराम के निजी सचिव राजबीर पर रुपयों के लेन-देन को लेकर विधायक निवास के बाहर रोड जाम कर दिया, जिस कारण आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस बारे जब उन्होंने व पुलिस कर्मचारियों ने इन्हें समझाया तो ये नहीं माने और माहौल को खराब करते हुए उनके आदेशों की अवहेलना कर सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाई। आरोप है कि इन लोगों ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट व पुलिस कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की भी की। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि शुक्रवार को ग्रामीणों ने विधायक निवास के बाहर धरना देकर रोड जाम किया था। रातभर ग्रामीण रोड जाम कर धरने पर बैठे रहे। अगले दिन शनिवार को पुलिस ने जबरन इन लोगों को यहां से उठाया और पुलिस लाइन ले गई। कई घंटों के बाद इन्हें रिहा किया गया था।
विधायक दुड़ाराम के पीए पर नौकरी लगवाने के नाम पर 85 लाख हड़पने का आरोप
नौकरी के नाम पर घूस लेने के मामले में विधायक दुड़ाराम के भट्टू रोड स्थित निवास के बाहर धरने पर बैठे गांव कुम्हारिया के ग्रामीणों को शनिवार सुबह पुलिस ने जबरन उठा दिया था।पुलिस ने पहले ग्रामीणों को सड़क खाली करने को कहा लेकिन जब ग्रामीण नहीं माने तो पुलिस ने जबरन इन लोगों को उठा-उठाकर बसों में डालना शुरू कर दिया। महिलाओं ने इसका जबरदस्त विरोध भी किया लेकिन पुलिस कर्मचारी सभी को यहां से उठाकर पुलिस लाइन ले गई। दोपहर बाद इन ग्रामीणों को रिहा किया गया था। विधायक के चालक सुभाष टोपी ने विधायक के पीए राजबीर पर कई लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर 85 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया था। करीब दो माह पहले सुभाष टोपी का एक सुसाइड नोट वायरल हो गया था और चालक को जहरीले पदार्थ के सेवन के बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सुसाइड नोट में सुभाष ने विधायक के पीए राजबीर व अन्य पर नौकरी दिलवाने के नाम पर रुपये ऐंठने के आरोप जड़े थे। उसके अनुसार उसने कुछ अन्य लोगों से रुपये लेकर पीए राजबीर को दिए थे लेकिन कुछ दिनों बाद ही वह पुलिस को दिए बयान से पलट गया था और कहा था कि उसने गलती से जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था और सुसाइड नोट बारे उसे पता नहीं है।
अब सुभाष ने बताया कि विधायक ने उस पर दबाव डालकर उसे उनके पक्ष में ब्यान देने को कहा था। विधायक ने पक्ष में ब्यान न देने पर उसके परिवार को खत्म करने की धमकी दी वहीं उसका हिसाब करते हुए दिए गए पैसे वापस दिलवाने की बात कही लेकिन दो माह बीत जाने के बावजूद अभी तक किसी के पैसे नहीं लौटाए गए है। इसी मामले को लेकर शुक्रवार को चालक सुभाष टोपी के पक्ष में सैंकड़ों ग्रामीण एकत्रित होकर फतेहाबाद पहुंचे और विधायक निवास के बाहर प्रदर्शन करते हुए रोड जाम कर दिया। ग्रामीणों ने रात भर रोड जाम रखा और धरने पर बैठे रहे। शनिवार सुबह करीब 10 बजे जैसे ही धरने पर ग्रामीणों की संख्या बढ़नी लगी तो चालक सुभाष के भाई साहिल ने सड़क पर टैंट व गद्दे लगवाने शुरू कर दिए। इस पर ड्यूटी मेजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार राजेश गर्ग ने उन्हें रोका तो दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गई। थोड़ी देर में भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और सभी प्रदर्शनकारियों को उठाकर बस में डालकर पुलिस लाइन ले गई। इस दौरान महिलाओं ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया और विधायक के खिलाफ नारेबाजी की।
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