पूर्व डीजीपी केके सिंधु सहित होमगार्ड विभाग के चार अधिकारियों पर केस दर्ज, जानें पूरा मामला

हिसार। जिला हिसार के तत्कालीन होमगार्ड विभाग के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट ने होमगार्ड विभाग के तत्कालीन महानिदेशक व डीजीपी केके सिंधु तथा उनके निजी सचिव राजेश शर्मा व केंद्रीय कमांडर जिला हिसार सुखबीर सिंह पानू तथा प्लाटून कमांडर जयभगवान व एक पूर्व होमगार्ड सोनू सोनी के खिलाफ हिसार की विशेष अदालत ने मुकदमा दर्ज कराया है। अब इस मुकदमे में आने वाली 18 जनवरी को पीड़ित पक्ष अपनी गवाहियां दर्ज कराएगा। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता रजत कलसन ने बताया जिला कमांडेंट विनोद कुमार को हाल में ही जिला सिरसा, फतेहाबाद और हिसार का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था।
इससे पहले वह जिला यमुनानगर के पूर्णकालिक जिला कमांडेंट थे। कलसन ने बताया कि विनोद कुमार ने कोर्ट में दी शिकायत में आरोप लगाया है कि पूर्व डीजीपी केके संधू अपने निजी सचिव राजेश शर्मा, प्लाटून कमांडर जयभगवान और सेंट्रल कमांडर सुखवीर सिंह पन्नू के साथ मिलकर होम गार्डों की भर्ती के नाम पर 3.5 लाख से 4 लाख रुपये तक की प्रत्येक होमगार्ड से वसूली करते थे। कलसन का आरोप है कि अब तक होमगार्ड भर्ती कर में करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है। उन्होंने बताया कि उनके क्लाइंट की हिसार में बतौर जिला कमांडेंट के पद पर नियुक्ति के बाद तत्कालीन डीजीपी केके संधू ने उन्हें 38 होमगार्ड भर्ती कराने के लिए एक पत्र लिखा तथा जब जिला कमांडेंट विनोद कुमार ने उस 38 जवानों की उस सूची पत्र की जांच की तो पाया कि इन जवानों के नाम लॉन्ग रोल में अंकित नहीं थे न ही इस सूची के जवानों को कभी कॉल आउट किया गया था। जब इन जवानों को विनोद कुमार कमांडेंट ने भर्ती नहीं किया तो पूर्व डीजीपी के के सिंधु ने उन्हें अपने पंचकूला स्थित मुख्यालय में तलब किया जहां उनके निजी सचिव राजेश शर्मा ने हिसार के कमांडेंट विनोद कुमार को जातिसूचक बेइज्जत किया तथा धमकी दी कि तुरंत 38 जवानों को भर्ती कर मुख्यालय में रिपोर्ट करें नहीं तो नौकरी से हटा दिया जाएगा।
इस बारे में राजेश शर्मा की एक ऑडियो भी वायरल हुई थी। कलसन ने बताया कि जब उनके क्लाइंट विनोद कुमार कमांडेंट ने गैरकानूनी तरीके से 38 जवानों को होमगार्ड के तौर पर भर्ती करने से इंकार कर दिया तो उनके खिलाफ आरोपितों ने साजिश रची। छह अगस्त को वह अपनी सरकारी ड्यूटी खत्म कर जाने लगे तो लेट हो गए थे तथा एक साजिश के तहत सुखबीर सिंह सेंट्रल कमांडेंट ने देर होने का हवाला देकर उनके लिए होटल बुक कर दिया तथा सुखबीर सिंह और जय भगवान सरकारी गाड़ी में उक्त होटल में एक महिला को लेकर आये तथा सोनू सोनी ने प्लान के तहत एक महिला को उनके कमरे में जबरदस्ती घुसाने की कोशिश ताकि उन्हें उनकी वीडियो बनाकर फंसाया जा सके। विनोद कुमार कमांडेंट ने खतरा भांपकर आधी रात को होटल छोड़ दिया तथा पुलिस नाका पर पहुंचकर तथा इस मामले में अधिकारियों को रिपोर्ट की। परंतु दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बजाए विनोद कुमार कमांडेंट को ही सस्पेंड कर दिया गया तथा उनसे सभी जिलों के चार्ज छीन कर मुख्यालय पंचकूला में रिपोर्ट करने को कहा गया। कमांडेंट विनोद ने अदालत में दायर याचिका में कहा कि उच्चाधिकारियों द्वारा बनाए गए भर्ती रैकेट की बात मानने से जब उन्होंने इंकार करने पर उन्हें हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की है। अब इस मामले में अदालत ने 18 जनवरी की तारीख तय की है। जिसमें पीड़ित पक्ष की गवाहियां दर्ज की जाएंगी।
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