महेंद्रगढ़ नपा चेयरपर्सन, उसके पति व दो पार्षदों पर केस दर्ज, जानें क्या है मामला

महेंद्रगढ़ नगरपालिका (Mahendragarh Municipality) की चेयरपर्सन रीना गर्ग और उनके पति सुरेन्द्र कुमार सहित 2 अन्य पार्षदों पर गंभीर आरोप लगे है। इस संबंध में एक एफआईआर (FIR) जिला उपायुक्त कार्यालय के माध्यम से 1 नवम्बर को मुकदमा संख्या 563 के तहत दर्ज करवाई गई है। रिपोर्ट में आरोपित रीना गर्ग, सुरेन्द्र गर्ग, पार्षद मनीष सैनी व कृष्णा जांगड़ा के विरुद्ध धारा 167,409,420,468,471,120 आईपीसी के तहत कार्रवाई करने की अनुशंषा की गई है। दूसरी तरफ पुलिस द्वारा दर्ज की गई इस एफआईआर को चेयरपर्सन व उसके पति ने रंजिश के तहत हुई कार्रवाही करार दिया है।
बता दें कि मनोनित पार्षद कुलदीप शर्मा पुत्र बैजनाथ शर्मा ने नपा चेयरपर्सन रीना गर्ग, उसके पति सुरेंद्र कुमार, पार्षद मनीष सैनी व कृष्णा जांगड़ा पर साजबाज होकर नपा की संपत्ति में गबन करने का आरोप लगाया था। इस पर तत्कालीन डीसी आरकेसिंह ने 14 अक्टूबर को एसपी को भेज कर जांच करने केि लए कहा था। इस पर पुलिस ने जांच कर एक नवंबर को चारों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। पुलिस ने नपा चेयरपर्सन समेत उसके पति व दो पार्षदों पर विभिन्न धारा के तहत मामला दर्ज किया है।
क्या है मामला
आरोप है कि नगर पालिका महेंद्रगढ़ की चेयरपर्सन रीना गर्ग ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अन्य पार्षदों के साथ मिलकर रिकॉर्ड में हेराफेरी कर अपने पति सुरेन्द्र कुमार को लाभ पहुंचाने के मकसद से झूठे दस्तावेज तैयार कर सरकार और न्यायालय दोनों को धोखा दिया है। मामले के अनुसार वर्ष 1996 में सुरेंद्र कुमार ने नगरपालिका महेंद्रगढ़ से शॉपिंग काम्प्लेक्स में एक शोरूम खुली बोली में 10 हजार रुपए महीने किराए पर लिया। जिसके लिए 125000 अग्रिम किराया और 5000 अधर किराये के रूप में जमा करवाए गए। कुछ समय पश्चात सुरेन्द्र कुमार ने नियम व शर्तों के मुताबिक किराया देना बंद कर दिया। इस कारण नगपलिका ने जन परिसर अधिनियम-36 के अंतर्गत आवेदन देते हुए बेदखली की मांग की। जिसके तहत 12 सितम्बर 2020 और 24/11/2020 को कलेक्टर, उपमंडल अधिकारी एवं कमिश्नर गुरुग्राम के आदेश पारित हुए। दूसरी तरफ सुरेन्द्र कुमार ने नगर पालिका के रिकॉर्ड में हेराफेरी करते हुए एक मामला महेंद्रगढ़ न्यायलय में दाखिल करते हुए कहा कि वह नगर पालिका द्वारा निर्धारित एक हज़ार रुपए किराया लगातार दे रहे है। 20/4/2006 को न्यायालय में सुरेन्द्र कुमार के पक्ष में डिग्री हुई। इसके खिलाफ नगरपालिका ने अपील की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
नगरपालिका ने इस मामले ने उच्च न्यायालय ने अपील दायर की और यह मामला उच्च न्यायालय में आरएसए नंब 8 ऑफ 2007 के अंतर्गत रजिस्टर्ड हुआ। आरोप है कि सुरेन्द्र कुमार की पत्नी ने 11/1/19 को पार्षद मनीष सैनी, कृष्णा जांगड़ा के साथ मिलकर एक फर्जी बैठक बुलाकर इस उच्च न्यायालय में अपने पति के खिलाफ चल रही अपील को वापस लेने का प्रस्ताव पारित कर हाईकोर्ट से मामला वापस ले लिया। उक्त पारित प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए जिला उपायुक्त के पास भेजा गया जोकि अनुमोदित ही नहीं हुआ। इसके बावजूद भी पार्षद मनीष सैनी ने सीएम आवेदन संख्या 5968-सी 2019 लगाकर माननीय उच्च न्यायालय से केस आरएएस नंबर 8 ऑफ 2007 वापस लेकर सरकार को लाखों का चुना लगाया और न्यायालय को तथा सरकार को गुमराह किया।
चेयरपर्सन पति का आरोप, रंजिश के तहत करवाया केस दर्ज
नगर पालिका चेयरपर्सन के पति सरेंद्र गर्ग ने बताया कि तत्कालीन डीसी आरकेसिंह मेरे व पत्नी के खिलाफ पर्सनल रंजिश रखते थे। उन्होंने हमारे खिलाफ नोटिस निकाला था। हमने हाईकोर्ट में उनके खिलाफ याचिका दायर की थी। इस सबके चलते उन्होंने हमारे खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की। इस मामले में तत्कालीन जांच अधिकारी ने एसपी को यह लिख दिया था कि हमारे खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। अब पुलिस ने उस कागज को हटाकर हमारे खिलाफ मामला दर्ज किया है। मेरे पास उसके डिस्पेच नंबर व दस्तावेज है। हम न्यायालय में जाएंगे।
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