37 दुकानदारों को दुकान अलॉट करने का मामला : सहमति पत्रों की स्क्रूटनी में रिकार्ड अधूरा

- दुकानदार 3 दिन में जमा करवाएं सभी दस्तावेज
- रेलवे एलिवेटेड ट्रैक के लिए ली गई जगह के दुकानदारों से दोबारा मांगे कागजात
Rohtak : गांधी कैंप के रेलवे एलिवेटेड ट्रैक प्रभावित दुकानदारों के सहमति पत्रों की स्क्रूटनी के लिए नगर निगम में कमेटी की मीटिंग हुई। जिसमें सहमति पत्रों की जांच पड़ताल की गई। इस दौरान कई दुकानदारों के दस्तावेज पूरे नहीं मिले। अब उनसे दोबारा कागजात मांगे गए हैं ताकि योजना पर जल्द काम पूरा हो सके। निगम आयुक्त जितेंद्र सिंह की तरफ से जारी किए आदेशों में उन्हें तीन दिन का समय दिया गया है। इसके बाद दुकानें अलॉट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
रेलवे ऐलिवेटिड ट्रैक के निर्माण कार्य के दौरान ट्रैक के अलाईन्मेंट में आने वाले वाणिज्यिक भू-स्वामियों के पुनर्वास के लिए दिल्ली रोड पर पाॅवर हाउस स्थित बिजली निगम की 2177 वर्गगज भूमि में दुकानों का निर्माण किया गया है। दुकानों के प्रोजेक्ट पर करीब 22 करोड़ की लागत आई है। इनमें 5 करोड़ से ज्यादा की लागत से सभी दुकानों का निर्माण किया गया है। जमीन ट्रांसफर मामले में 16 करोड़ 80 लाख रुपए सरकार द्वारा वहन किए गए हैं। सरकार द्वारा तय किए गए मूल्य व शर्तों के अनुसार दुकानें अलॉट की जानी हैं। निदेशालय के निर्देशानुसार प्राथमिकता पर उन 37 वाणिज्यिक भू-स्वामियों को ड्राॅ के माध्यम से दुकानें आबंटित की जानी है, जिनका पूरा रकबा प्रस्तावित 15 फीट सड़क निर्माण के लिए लिया जाना है। निगम की तरफ से दुकानदारों को दो नवम्बर तक का समय सहमति पत्र जमा करवाने के लिए दिया गया था। दुकानदारों की तरफ से जो फाइल जमा करवाई गई। अब उसमें खामिया मिली हैं। दुकानदारों को भू-शाखा कार्यालय में दस्तावेज जमा करवाने होंगे।
पांच साल पहले ली गई थी जमीन
नगर निगम आयुक्त जितेंद्र सिंह ने बताया कि रेलवे एलिवेटेड ट्रैक के लिए गांधी कैंप के दुकानदारों की जमीन करीब पांच साल पहले ली गई थी। तभी से दुकानदार मुआवजे और नई दुकान के लिए घूम रहे हैं। निगम के अधिकारियों ने विगत माह ही दुकानदारों के साथ मीटिंग कर उन्हें सहमति पत्र सौंपकर सरकार की शर्ताें के बारे में जानकारी दे दी थी। पहले ड्रॉ के बाद 40 अन्य पीड़ितों को राहत देने के लिए प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। दुकानदारों ने जो सहमति पत्र जमा करवाए थे। उसकी अधिकारियों द्वारा स्क्रूटनी की गई। इसमें कई दुकानदारों की फाइल से दस्तावेज कम पाए गए। इसलिए दुकानदारों से पूरे दस्तावेज अधिकारियों को सौंपने के लिए कहा गया है। कागजात जमा करवाने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। इसके बाद जल्द ही ड्रा की प्रक्रिया करवा कर दुकानें अलॉट करवाई जाएंगी।
फाइल पूरी होने पर तय की जाएगी ड्रा की तारीख
नगर निगम के पूर्व पार्षद व कमेटी के सदस्य अशोक खुराना ने बताया कि दुकानदारों के दस्तावेजों की जांच की गई है। जिनके कागज पूरे नहीं है, उन्हें दोबारा कागजात जमा करवाने हैं। जब फाइल पूरी हो जाएगी तो कमेटी की मीटिंग होगी और ड्रा की तारीख तय की जाएगी।
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