आक्सीजन के अभाव में बच्चे की मौत का मामला : तीन सदस्यीय चिकित्सक कमेटी करेगी मामले की जांच

आक्सीजन के अभाव में बच्चे की मौत का मामला : तीन सदस्यीय चिकित्सक कमेटी करेगी मामले की जांच
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सीएमओ डा. मंजू कादियान के दिशा-निर्देश पर मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में एसएमओ डा. गोपाल गोयल, डा. जेके मान तथा डा. बृजेंद्र घणघस को शामिल किया गया है। यह कमेटी तीन दिनों में जांच रिपोर्ट बना कर सीएमओ को सौंपेगी।

हरिभूमि न्यूज : जींद

जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल से एंबुलेंस में रेफर किए गए एक वर्षीय बच्चे की ऑक्सीजन के अभाव में हुई मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है। सीएमओ के दिशा-निर्देश पर जांच के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सक कमेटी का गठन किया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अस्पताल प्रशासन के पास ईएमटी की कमी है और हर एंबुलेंस पर ईएमटी की उपलब्धता संभव नहीं है। इसके साथ ही वीरवार को सीएमओ डा. मंजू कादियान ने रेफरल सेवा के नोडल अधिकारी डा. जेके मान के साथ एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने पर दोबारा से प्रबंध करने का डेमो देखा। वहीं मृतक बच्चे के पोस्टमार्टम को लेकर खानपुर पीजीआई के लिए ले जाया गया है।

सीएमओ डा. मंजू कादियान के दिशा-निर्देश पर मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में एसएमओ डा. गोपाल गोयल, डा. जेके मान तथा डा. बृजेंद्र घणघस को शामिल किया गया है। यह कमेटी तीन दिनों में जांच रिपोर्ट बना कर सीएमओ को सौंपेगी। टीम द्वारा सबसे पहले यह जानने का प्रयास किया जाएगा कि एंबुलेंस के साथ ईएमटी क्यों नहीं गया। ईएमटी की उपलब्धता थी तो वो गया क्यों नहीं। क्या फ्लीट मैनेजर द्वारा बच्चे की गंभीरता को देखते हुए ईएमटी को बुलाने का प्रयास किया गया। एंबुलेंस को ले जाने से पहले ऑक्सीजन सिलेंडर को जांचा गया था या नहीं। अगर एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर में गैस कम थी तो इसके बारे में जानकारी क्यों नहीं दी गई। कम ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ एंबुलेंस को क्यों ले जाया गया। बच्चे की मौत को लेकर लापरवाही किस स्तर पर हुई है, हर तथ्य की जांच की जाएगी।

39 ईएमटी की जरूरत, कार्यरत 24, हर एंबुलेंस पर चाहिए तीन

मामले के तूल पकड़ने पर स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि गंभीर बच्चे के साथ एंबुलेंस में इमरजेंसी मेडिकल टैक्नीशियन (ईएमटी) गया ही नहीं था। क्योंकि अस्पताल प्रशासन को 39 ईएमटी की जरूरत है और केवल 24 ईएमटी ही कार्यरत हैं। जरूरत के हिसाब से हर एंबुलेंस पर तीन ईएमटी चाहिए लेकिन ऐसा कर पानी अस्पताल प्रशासन के लिए संभव नहीं है। जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने ईएमटी की डिमांड को लेकर स्वास्थ्य विभाग को लिख दिया है। हालांकि यह डिमांड पहले भी की गई है।

सीएमओ ने देखा ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने का डेमो

सीएमओ डा. मंजू कादियान ने रेफरल सेवा के नोडल अधिकारी डा. जेके मान के साथ एंबुलेंस में उपलब्ध सुविधाओं को देखा। इसके अलावा ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने का डेमो भी देखा। इसमें भी यह बात उभर कर सामने आई कि ऑक्सीजन सिलेंडर बदलने में सात से दस मिनट का समय लगता है। ऐसे में सीएमओ ने निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए एंबुलेंस रवाना होने से पहले ऑक्सीजन सिलेंडर फुल होना चाहिए।

मृतक बच्चे के शव का पोस्टमार्टम होगा खानपुर पीजीआई

मृतक बच्चे महेश के शव का पोस्टमार्टम अब जींद की बजाए खानपुर पीजीआई में होगा। पुलिस की मौजूदगी में शव को खानपुर पीजीआई के लिए ले जाया गया। वहीं वीरवार को महेश का जन्मदिन था और अस्पताल में मौजूद परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। पिता महेश बस यही कह रहे थे कि उसे न्याय चाहिए। जिसने भी इस मामले में लापरवाही की है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो, उठाए ठोस कदम : डा. जेके मान

रेफरल सेवा के नोडल अधिकारी डा. जेके मान ने बताया कि सीएमओ के दिशा-निर्देश पर तीन सदस्यीय चिकित्सक कमेटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अस्पताल में ईएमटी की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य मुख्यालय को पत्र लिख दिया गया है। सीएमओ द्वारा स्वयं ऑक्सीजन बदलने के डेमो को देखा गया है। भविष्य में ऐसा फिर दोबारा न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए गए हैं।

ट्रांसपोर्ट के तहत सभी ड्राइवर, ईएमटी रहें डयूटी के समय तैनात : सीएमओ

सीएमाओ डा. मंजू कादियान ने कहा कि एंबुलेंसस का निरीक्षण करते हुए प्राथमिकता के तौर पर सभी दवाइयों की एक्सपायरी डेट और उपकरणों को जांचा गया है। ऑक्सीजन सिलेंडरों की भी जांच की गई है। उनके द्वारा रेफरल ट्रांसपोर्ट के तहत सभी ड्राइवर, ईएमटी को आदेश दिए गए हैं कि वह अपनी ड्यूटी समय पर पहुंचे। ड्यूटी पर उपस्थित रहे और सभी मरीजों के साथ उचित व्यवहार रखें और उनकी हर संभव सहायता के लिए तत्पर रहें।

यह है मामला

गौरतलब है कि कृष्णा कालोनी निवासी सुनील अपने एक वर्षीय बच्चे महेश को सांस लेने में परेशानी के चलते नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाया था। यहां उसकी गंभीर हालत देख पीजीआईएमएस रोहतक रेफर कर दिया। एंबुलेंस के माध्यम से बच्चे को पीजीआई ले जाने लगे तो रास्ते में ऑक्सीजन खत्म हो गई। चालक एंबुलेंस में रखा दूसरा सिलेंडर बदलने लगा तो इस दौरान बच्चे की मौत हो गई। एंबुलेंस में बच्चे के साथ ईएमटी भी नहीं गया था। जिस पर परिजनों ने रोष जताते हुए सीएमओ को शिकायत दे कार्रवाई की मांग की थी।

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