हाईकोर्ट पहुंचा करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज करने का मामला

28 अगस्त को करनाल में किसानों पर पुलिस की कार्रवाई की हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच करवाने की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस की कार्रवाई से कई किसानों को कथित रूप से गंभीर चोटें आई हैं। याचिका में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों और एसडीएम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और विभागीय कार्रवाई के आदेश देने का याचिका में आग्रह किया गया है। याचिका के अनुसार किसानों ने कोई हिंसक कदम नहीं उठाया जिससे यह कहा जा सके पुलिस की कार्रवाई उचित थी।
याचिका में कोर्ट को बताया गया कि करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा एक वीडियो में पुलिस को प्रदर्शनकारियों का सिर फोड़ने का निर्देश दे रहे थे। याचिका में नागरिक और पुलिस प्रशासन करनाल के अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करने की मांग की गई है। याचिका के अनुसार, पुलिस की आक्रामकता और हिंसक व्यवहार की स्थिति एसडीएम करनाल, आयुष सिन्हा के अवैध आदेशों का परिणाम थी। याचिका के साथ एसडीएम की एक वीडियो क्लिप के संबंध में एक डीवीडी भी संलग्न की गई है।
याचिका हरियाणा के करनाल जिले के मुनीश लाठेर और अन्य निवासियों द्वारा दायर की गई है जो 28 अगस्त की घटना में घायल हो गए थे। उन्होंने सभी घायल किसानों/पीड़ितों को उनके मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के लिए पर्याप्त मुआवजा प्रदान करने की भी मांग की गई है। याचिका में एसडीएम आयुष सिन्हा , डीएसपी वीरेंद्र सैनी और इंस्पेक्टर हरजिंदर सिंह के साथ-साथ अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि घायल किसानों को तुरंत चिकित्सा सहायता नहीं दी गई। याचिकाकर्ताओं ने याचिका में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), डीजीपी हरियाणा, एसपी करनाल, वीरेंद्र सैनी, डीएसपी, आयुष सिन्हा, एसडीएम और करनाल के निरीक्षक हरजिंदर सिंह को याचिका में प्रतिवादी बनाया है।
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