कैथल : अवैध रूप से गर्भपात करने के आरोप में महिला डाॅक्टर के खिलाफ मामला दर्ज

कैथल : अवैध रूप से गर्भपात करने के आरोप में महिला डाॅक्टर के खिलाफ मामला दर्ज
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इस अस्पताल में 20 सप्ताह तक ही गर्भपात का अधिकार है। 23 सप्ताह के लिए गर्भपात होने के लिए दो महिला रोग विशेषज्ञों का होना जरूरी है।

हरिभूमि न्यूज. कैथल

सिविल लाइन कैथल पुलिस ने एक महिला का अवैध रूप से गर्भपात करने के आरोप में पुलिस ने एक निजी अस्पताल की डॉक्टर किरण व अन्य स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामला डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. बलिंद्र गर्ग की शिकायत पर दर्ज किया गया है। डा. बलिंद्र गर्ग ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि 22 सितंबर को स्वास्थ्य विभाग की टीम के पास सूचना आई थी कि एक निजी अस्पताल में एक महिला का अवैध गर्भपात किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सूचना के बाद निजी अस्पताल में छापा मारा था। जहां एक महिला मिली। जिसका सुबह चार बजे गर्भपात किया गया था।

बता दें कि इसके बाद डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. बलविंद्र सिंह की अगुवाई में डा. हमीता, डॉ. गौरव पूनिया, कर्मचारी राजेश कुमार महिला से मिले। महिला ने बताया कि उसका सुबह चार बजे गर्भपात किया। जांचने पर अस्पताल में महिला का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। मौके पर एक एमबीबीएस चिकित्सक सहित स्टाफ सदस्य मिले, जबकि अस्पताल की डॉक्टर किरण मौके पर नहीं मिली। जिस महिला का गर्भपात किया, उसका 23 माह का गर्भ था। उसके बच्चे की स्थिति खराब थी। महिला को अपना गर्भपात करवाने का अधिकार है लेकिन इस अस्पताल में 20 सप्ताह तक ही गर्भपात का अधिकार है। 23 सप्ताह के लिए गर्भपात होने के लिए दो महिला रोग विशेषज्ञों का होना जरूरी है। यहां न तो इस नियम का पालन किया तथा न ही महिला का पूरा रिकॉर्ड मिला।

सिविल लाइन थाना प्रभारी हितेंद्र ने बताया कि पुलिस ने डिप्टी सिविल सर्जन डा. बलविंद्र गर्ग की शिकायत पर निजी अस्पताल की डॉक्टर किरण सहित अन्य स्टॉफ के सदस्यों के खिलाफ अवैध रूप से गर्भपात करने के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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