क्रिकेटर युवराज सिंह, बबिता जी व युविका चौधरी के मामलों में स्टेट क्राइम ब्रांच ने विशेष अदालत में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की...

क्रिकेटर युवराज सिंह, बबिता जी व युविका चौधरी के मामलों में स्टेट क्राइम ब्रांच ने विशेष अदालत में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की...
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एसपी ललित कुमार ने हिसार की विशेष अदालत में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए अदालत को बताया कि इस मामले में अभी जांच विचाराधीन है तथा विभाग के उच्चाधिकारियों से परामर्श के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।

हिसार। एससी एसटी एक्ट के तहत स्थापित विशेष अदालत पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह, तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम अभिनेत्री मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी तथा फिल्म अभिनेत्री युविका चौधरी के खिलाफ थाना शहर हांसी में दर्ज मामलों में काफी समय बीत जाने के बाद भी चार्जशीट पेश न करने के मामले में थाना शहर हांसी के प्रभारी, डीएसपी हांसी विनोद शंकर तथा स्टेट क्राइम ब्रांच हिसार के डीएसपी ललित कुमार ने हिसार की विशेष अदालत में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए अदालत को बताया कि इस मामले में अभी जांच विचाराधीन है तथा विभाग के उच्चाधिकारियों से परामर्श के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।

इस मामले में अदालत ने शिकायतकर्ता रजत कलसन की याचिका पर स्टेट क्राइम ब्रांच हिसार के डीएसपी नोटिस जारी जांच क स्टेटस प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। अपनी स्टेटस रिपोर्ट में डीएसपी क्राइम ब्रांच ने अदालत को यह भी बताया कि अभिनेत्री युविका चौधरी ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को खारिज कराने के लिए हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की है जो विचाराधीन है । इसके अतिरिक्त युवराज मामले में युवराज की टिप्पणी वाली वीडियो डीवीडी एफएसएल चंडीगढ़ में जांच के लिए गई हुई है, जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है।

पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह तथा तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम अभिनेत्री मुनमुन दत्ता उर्फ बबीता जी तथा बॉलीवुड अभिनेत्री युविका चौधरी के खिलाफ अनुसूचित जाति समाज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कलसन ने थाना शहर हांसी में एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज कराए थे। युवराज सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुए 17 माह बीत चुके हैं तथा मुनमुन दत्ता तथा युविका चौधरी के मुकदमों को दर्ज हुए 15 -15 माह बीत चुके हैं, इन मामलों में आज तक पुलिस विशेष अदालत में चालान पेश नहीं कर सकी है।

शिकायतकर्ता रजत कलसन ने आरोप लगाया कि उपरोक्त मामले में पुलिस जानबूझकर तीनों सेलिब्रिटीज को फायदा पहुंचाने के लिए अदालत में चालान पेश करने में देरी कर रही है व मामले में आपराधिक कानून प्रक्रिया के तहत चलने की वजह अपने अधिकारियों के निर्देश पर चलने की बात कही जा रही है।

उपरोक्त मामले अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज हैं जिसमें पुलिस को 60 दिन की टाइम बाउंड अवधि के दौरान अदालत में चालान पेश करना होता है, परंतु डेढ़ साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस इस मामले में चालान पेश नहीं कर सकती है।

कलसन ने कहा इन मामलों में तीनों आरोपी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों से शामिल तफ्तीश हो चुके हैं तथा युवराज सिंह से मोबाइल तथा दोनों अभिनेत्रियों से उनके लैपटॉप भी जांच के दौरान पुलिस ने जब्त किए गए हैं तथा इन तीनों के खिलाफ हांसी पुलिस ने अपनी जांच लगभग पूरा कर ली थी परंतु अचानक से इन तीनो सेलेब्रिटीज के खिलाफ जांच को एक विशेष एजेंडे के तहत क्राइम ब्रांच हिसार को सौंप दिया गया।

कलसन ने बताया कि वह तथा उनके गवाह क्राइम ब्रांच हिसार के समक्ष अपने बयान भी दर्ज करा चुके हैं परंतु क्राइम ब्रांच ने आरोपियों को आज तक अपने समक्ष तलब नहीं किया। उन्होंने बताया कि आरोपियों को राहत पहुंचाने के लिए इस मामले की जांच को हांसी पुलिस से स्टेट क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर की गई है।

कलसन ने कहा कि आरोपियों को उनके सेलिब्रिटीज होने का फायदा मिल रहा है अन्यथा इन मामलों में पुलिस आम तौर पर 2 माह में अदालत में चालान दे देती है उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस के ऊपर राजनीतिक दबाव या धनबल के प्रभाव से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा विश्वास है तथा अनुसूचित समाज के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले सेलिब्रिटी को अदालत अवश्य ही सजा करेगी।

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