8वीं कक्षा की परीक्षा को लेकर CBSE से जुड़े स्कूल असमंजस में : हरियाणा बोर्ड एवं सीबीएसई स्कूलों का पाठ्यक्रम अलग-अलग होने से छात्र कैसे दे पाएंगे परीक्षा

8वीं कक्षा की परीक्षा को लेकर CBSE से जुड़े स्कूल असमंजस में : हरियाणा बोर्ड एवं सीबीएसई स्कूलों का पाठ्यक्रम अलग-अलग होने से छात्र  कैसे दे पाएंगे परीक्षा
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पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में विचारधीन केस की सुनवाई की तारीख 4 अप्रैल लगी हुई है, जिसकी जल्दी सुनवाई के लिए सीबीएसई बोर्ड से जुड़े प्राइवेट स्कूल संचालक एप्लीकेशन लगाने को तैयार हैं। इससे परीक्षा पर संशय के बादल अब भी मंडराए हुए हैं।

हरिभूमि न्यूज : महेंद्रगढ़

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा आठवीं की बोर्ड परीक्षा लेने तथा यह परीक्षा सीबीएसई से जुड़े प्रदेश के निजी स्कूलों पर भी लागू कर देने से निजी स्कूल संचालक सांसत में हैं। भिवानी बोर्ड जहां मार्च में आठवीं की परीक्षा लेने को तैयार है, वहीं इसके विरुद्ध पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में विचारधीन केस की सुनवाई की तारीख 4 अप्रैल लगी हुई है, जिसकी जल्दी सुनवाई के लिए सीबीएसई बोर्ड से जुड़े प्राइवेट स्कूल संचालक एप्लीकेशन लगाने को तैयार हैं। इससे परीक्षा पर संशय के बादल अब भी मंडराए हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा देश में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है, वहीं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने इस बार से ही आठवीं की परीक्षा बोर्ड से कंडेक्ट कराने का निर्णय लिया हुआ है। जब इस निर्णय की घोषणा की गई थी, तब सीबीएसई बोर्ड दिल्ली से जुड़े निजी स्कूल हाईकोर्ट की शरण में चले गए थे और हाईकोर्ट ने बोर्ड परीक्षा पर स्टे लगा दिया था। लेकिन जैसे-जैसे सुनवाई आगे बढ़ी, पुन आठवीं बोर्ड की परीक्षा कराना भिवानी बोर्ड के हाथों में आ गया। उसी के चलते भिवानी बोर्ड अब आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं कराने को तैयार है। बोर्ड यह परीक्षा मार्च महीने कराने जा रहा है।

वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट में इससे संबंधित केस की तारीख चार अप्रैल लगी हुई है। बोर्ड परीक्षा पहले एवं सुनवाई की तारीख बाद में लगी होने पर सीबीएसई से जुड़ी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने केस की सुनवाई एग्जाम से पहले कराने के लिए हाईकोर्ट में एरली हियरिंग एप्लीकेशन लगाने जा रही है, ताकि बोर्ड परीक्षा कंडेक्ट न करा सके। प्रोग्रेसिव प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला प्रधान अनिल कौशिक ने बताया कि राईट टू एजूकेशन एक्ट के अनुसार आठवीं की बोर्ड की परीक्षा नहीं हो सकती है। इसलिए इस केस की जल्दी सुनवाई के लिए नई एप्लीकेशन लगाएंगे।

सिलेबस पर भी बना है विवाद

ध्यान देने यह भी योग्य है कि भिवानी बोर्ड का पाठ्यक्रम अलग है और सीबीएसई बोर्ड का पाठ्यक्रम अलग है। ऐसे में यदि भिवानी बोर्ड हरियाणा में निर्धारित सिलेबस अनुसार ही दोनों बोर्डों से जुड़े मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्र-छात्राओं की आठवीं की परीक्षा लेता है तो विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम की समस्या बनी हुई है। जाहिर सी बात है कि सीबीएसई स्कूलों में भिवानी बोर्ड द्वारा निर्धारित सिलेबस नहीं पढ़ाया जाता और उन छात्र-छात्राओं के लिए यह परीक्षा उत्तीर्ण करना टेढ़ी खीर होगा।

वैकल्पिक परीक्षा का लिया जा रहा सहारा

सिलेबस के संदर्भ में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला प्रधान प्रमोद शास्त्री का कहना है कि आठवीं बोर्ड परीक्षा का विकल्प निकाला जा रहा है। दोनों बोर्डों में हिंदी, अंग्रेजी एवं संस्कृत की व्याकरण बिल्कुल एक जैसी ही है। जबकि इस परीक्षा में गणित, विज्ञान एवं सामाजिक अध्ययन के सामान्य ज्ञान के प्रश्न तैयार किए जाने हैं। यह सभी दोनों बोर्डों के परीक्षार्थियों के लिए ज्यादा कठिन नहीं होंगे तथा आसानी से परीक्षा हो सकेगी। अगले सत्र से दोनों बोर्ड नई शिक्षा नीति के अनुसार पढ़ाना शुरू करेंगे और फिर सैलेब्स एकसमान होगा।

राइट टू एजुकेशन एक्ट का हो रहा उल्लंघन

प्रोग्रेसिव प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला प्रधान अनिल कौशिक ने कहा कि राइट टू एजुकेशन एक्ट के अनुसान आठवीं तक किसी को फेल नहीं सकते और उनकी बोर्ड परीक्षा भी नहीं ले सकते। ऐसे में भिवानी बोर्ड का फैसला गलत है। दोनों के सिलेबस भी अलग हैं तो सीबीएसई वाले विद्यार्थी कैसे इस परीक्षा को दे सकेंगे। कौशिक का सीधा आरोप है कि भिवानी बोर्ड की मंशा करोड़ों रुपये के रूप में मिलने वाली फीस पर लगी है। इस समय प्रदेश में करीब दो लाख बच्चे आठवीं में पढ़ रहे हैं तथा लगभग 2500 प्राइवेट स्कूल संचालित हैं। बोर्ड रजिस्ट्रेशन प्रति छात्र 550 रुपये तथा प्रति स्कूल 5000 रुपये की यानि करीब 15-16 करोड़ की कमाई करना चाहता है। अन्यथा बोर्ड परीक्षा लागू करने की जल्दबाजी कक्षा सत्र के अंत की बजाए शुरू में लागू करता। यह निर्णय अगले सत्र से लागू होना चाहिए था, न कि अभी से। बोर्ड गलत कर रहा है तथा बोर्ड परीक्षा कराने से पहले कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए एप्लीकेशन दायर करेंगे।

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