Farm Laws : कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर जश्न का माहौल, किसान मना रहे हैं खुशी, देखें तस्वीरें

Haryana : पीएम मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद सिंघू बार्डर पर खुशी का माहौल है। किसान एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मना रहे है। वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री की इस घोषणा को किसानों की जीत बताया है और कानून वापस होने पर लड्डू बांटे। वहीं टिकरी बार्डर पर आंदोलनकारी किसान बाईपास पर ढोल की थाप पर नाचते दिखे। उनके अनुसार अब हजारों किसान के शीघ्र अपने घर वापस लौटने की उम्मीद मजबूत हुई है। हालांकि मंच से किसान नेताओं ने अभी आंदोलन इसी रूप में जारी रखने का ऐलान किया।
बहादुरगढ़ बाईपास पर ढोल की थाप पर नाचते किसान
करीब एक साल से बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर से लेकर जाखौदा मोड़ तक करीब दस किलोमीटर लंबे इलाके में बिना रूके आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि यह तानाशाही की हार है और किसानों की जीत है। हालांकि उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा की बैठक के बाद ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इतना ही नहीं संसद में विधिवत कानून वापस नहीं होने तक आंदोलन जारी रहने की बात दोहराई। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने भी अपने संबोधन में इसी महीने होने वाली संसद के सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है। पीएम की घोषणा के बाद से ही आंदोलनकारी किसानों में खुशी का माहौल है। यह खुशी सड़क पर भी देखने को मिली। नए बस अड्डे के सामने किसान जमकर नाचे और मोदी की घोषणा का स्वागत किया। हालांकि किसानों के अनुसार एमएसपी, मुकदमों समेत अनेक मामलों पर अभी फैसला होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
फैसले का स्वागत करते हुए किसानों का कहना है कि सरकार को काले कानून वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा। यह किसानों की बहुत बड़ी जीत है। किसानों ने जो एक साल बार्डरों पर बैठकर तक संघर्ष किया है उसी का परिणाम है कि सरकार को झुकना पड़ा। यह घोषणा सरकार को पहले ही चाहिए थी। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि संसद में कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद ही उनका आंदोलन समाप्त होगा।
वहीं किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाना चाहता है कि किसानों का यह आंदोलन न केवल तीन काले कानूनों को निरस्त करने के लिए है, बल्कि सभी कृषि उत्पादों और सभी किसानों के लिए लाभकारी मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए भी है। किसानों की यह अहम मांग अभी बाकी है। इसी तरह बिजली संशोधन विधेयक को भी वापस लिया जाना बाकि है।
आंदोलन में शहीद हुए किसान साथियों को श्रद्धांजलि और आंदोलनकारी किसान साथियों के संघर्ष को सलाम आपकी एकता और कड़े आंदोलन के आगे दुनिया के सबसे हठी आदमी को झुकना पड़ा और अगला फ़ैसला संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में लिया जाएगा।https://t.co/Wl7cQZYiJZ
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) November 19, 2021
सरोहा खाप ने की बैठक, आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रखने का अनुरोध
छोटू राम धर्मशाला रोहतक रोड में सर्वजातीय बारह सरोहा खाप की बैठक प्रधान रणधीर सिंह सरोहा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। मुख्य मुद्दा तीन कृषि कानून रद्द करने के संदर्भ में रहा। जिसमें रणधीर सिंह सरोहा ने सभी सरोहा खाप के गणमान्य व्यक्तियों के साथ विचार-विमर्श करके भारत के प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। इसके साथ संयुक्त किसान मोर्चा एवं सभी किसान साथियों का जिन्होंने आंदोलन को सफल बनाने में पना अहम योगदान दिया। आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए उनके परिवारों को उचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की गई। इसके साथ ही एमएसपी लागू करने के लिये भी कानून बनाने की मांग की गई। किसान नेताओं से अनुरोध किया गया कि किसान आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से तब तक चलाया जाए, जब तक संसद में बिल पास ना हो जाए। बैठक में सरोहा खाप के सभी गांवों से गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। बैठक में अतर सिंह राठधाना, महेंद्र सिंह हरसाना, महाबीर सिंह लहराड़ा, साहिब सिंह लाठ जौली, संजय जठेड़ी, अतर सिंह लिवासपुर, जगबीर सिंह राठधना, हवा सिंह, राजीव सरोहा, रमेश लिवासपुर, रमेश सरपंच, राजकुमार राणा फाजिलपुर, रामफल राणा, बलबीर बैयांपुर, कर्नल सिंह, प्रेम, राजिंद्र, बलवान सिंह जगदीशपुर, डा. राजेश दहिया आदि मौजूद रहे।
सरोहा खाप की बैठक में मौजूद खाप के पदाधिकारी।
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