चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रकिया काे उच्च न्यायालय में चुनौती

चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा (Entrance examinations) के स्थान पर 12वीं के अंकों को आधार बनाने के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं द्वारा सौंपे गए मांग पत्र पर प्रवेश प्रक्रिया आरंभ होने से पहले निर्णय लेने के विश्वविद्यालय को आदेश दिए हैं।
उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करते हुए कार्तिक व अन्य ने बताया कि चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रक्रिया आरंभ की गई है। प्रवेश का आधार हर बार प्रवेश परीक्षा होती है लेकिन इस बार विश्वविद्यालय की ओर से यह निर्णय लिया गया है कि 12 वीं में आए अंकों के आधार पर मेरिट तय की जाएगी और प्रवेश दिया जाएगा। याचिकाकर्ता ने कहा कि यह निर्णय सही नहीं है और जब विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं तो इन पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित क्यों नहीं की जा सकती। इसके साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा उन आवेदकों को आवेदन के लिए 1 सप्ताह का मौका दिया गया है जो कोरोना के चलते आवेदन नहीं कर सके थे।
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर उन्होंने सरकार और विश्वविद्यालय को मांग पत्र भी सौंपा था जिस पर निर्णय नहीं लिया गया। इस पर हरियाणा सरकार और विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया कि वह जल्द से जल्द इस पर निर्णय लेकर याचिकाकर्ताओं को सूचित कर देंगे। इस पर उच्च न्यायालय ने याचिका का निपटारा करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि जो भी निर्णय लिया जाना है वह प्रवेश की प्रक्रिया आरंभ होने से पहले लिया जाए।
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