आधार कार्ड की प्रमाणिकता की जांच के लिए पुलिसकर्मियों सहित विभिन्न विभागों के फील्ड स्टाफ को दिया जाएगा प्रशिक्षण

चंडीगढ़, 16 जनवरी: हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि आधार कार्ड में गलत जानकारी दर्ज होने या आधार कार्ड की प्रमाणिकता की जांच हेतू पुलिसकर्मियों सहित विभिन्न विभागों के फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने कार्यशालाओं का कार्यक्रम तैयार कर लिया है। 18 जनवरी से 23 जनवरी तक सभी जिलों में ऑनलाइन कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद फरवरी माह में ऑफलाइन मोड में जिलों में ऐसी कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
मुख्य सचिव ने आज यहां वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की बैठक
उन्होंने कहा कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के सहयोग से आयोजित की जाने वाली इन कार्यशालाओं में जिला उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य व स्कूल शिक्षा विभागों के फील्ड स्टाफ को यूआईडीएआई के विशेषज्ञों की ओर से आधार कार्ड की प्रमाणिकता की जांच की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। इस कार्यशाला में 10 साल पुराने आधार वाले नागरिकों के पते को दोबारा सत्यापित करने तथा 18 वर्ष या उससे अधिक की आयु के व्यक्तियों के नये कार्ड बनाने की प्रक्रिया की भी समुचित जानकारी दी जाएगी।
18 जनवरी से 23 जनवरी तक ऑनलाइन कार्यशालाएं होंगी आयोजित
मुख्य सचिव ने बताया कि 2-2 जिलों का समूह बनाकर इन कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। पंचकूला एवं यमुनानगर जिलों तथा अंबाला एवं कुरुक्षेत्र जिलों के लिए 18 जनवरी को कार्यशाला का आयोजन होगा। इसी प्रकार, जींद एवं हिसार, रोहतक एवं झज्जर, पानीपत एवं सोनीपत और चरखी दादरी एवं भिवानी जिलों में 19 जनवरी को अलग-अलग समय पर कार्यशाला आयोजित की जाएगी। उसके बाद, गुरुग्राम एवं मेवात, रेवाड़ी एवं महेंद्रगढ़, सिरसा एवं फतेहाबाद तथा कैथल एवं करनाल जिलों में 20 जनवरी को कार्यशाला का आयोजन होगा। 23 जनवरी को फरीदाबाद एवं पलवल जिलों में कार्यशाला आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशालाओं के बाद ऑफलाइन कार्यशालाओं का भी आयोजन होगा। इसके लिए भी प्रारूप तैयार कर लिया गया है।
आधार विवरण में नागरिक पीओआई और पीओए करें अपडेट
श्री कौशल ने कहा कि यूआईडीएआई के डाटा के मुताबिक हरियाणा में लगभग 77.91 लाख ऐसे नागरिक हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों में आधार में अपने दस्तावेज अपडेट नहीं किए हैं। इसलिए उन्होंने आधार धारकों से आग्रह किया कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिन्होंने पिछले 10 वर्षों में अपने आधार को अपडेट नहीं किया है, वे पहचान के प्रमाण (पीओआई) तथा पते के प्रमाण (पीओए)के वैध सहायक दस्तावेजों के साथ आधार को myAadhaar पोर्टल या एम आधार ऐप के माध्यम से ऑनलाइन या निकटतम आधार केंद्र पर जाकर ऑफ़लाइन माध्यम से अपडेट करें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रदेश में परिवार पहचान पत्र अपडेट करवाने के लिए लगाये जा रहे कैंपों के दौरान नागरिकों को आधार अपडेट करने के बारे भी जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में आधार कार्ड भारत में निवासियों की पहचान के सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत प्रमाण के रूप में उभरा है। यह निवासियों के हित में है कि वे अपने आधार को पहचान के वर्तमान प्रमाण और पते के प्रमाण के साथ अपडेट रखें। बड़ी संख्या में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं और वित्तीय संस्थान जैसे बैंक और एनबीएफसी ग्राहकों को प्रमाणित करने और ऑनबोर्ड करने के लिए आधार का उपयोग करते हैं।
मुख्य सचिव ने निवासियों से आग्रह किया कि वे आधार विवरण में अपने मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को अपडेट करें तथा 5 और 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट भी अवश्य करें।
अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से प्रदान की जा रही सेवाओं के बारे में भी की समीक्षा
मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से प्रदान की जा रही सेवाओं के बारे में भी समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि अंत्योदय सरल पोर्टल पर मिलने वाली सेवाओं में कुछ सेवाएं ऐसी हैं, जिनका एंट्री एवं एग्जिट इसी पोर्टल के माध्यम से होता है अर्थात आवेदन करने से लेकर सेवाओं का वितरण इसी पोर्टल के माध्यम से होता है। कुछ सेवाएं ऐसी हैं, जिनका आवेदन इस पोर्टल के माध्यम से होता है, परंतु सेवाओं का वितरण विभागीय स्तर पर होता है। श्री कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी सेवाओं का ब्यौरा पोर्टल पर दर्शाया जाए, ताकि नागरिकों को कोई असुविधा न हो और उन्हें सही जानकारी मिले।
बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार विभाग के निदेशक श्री यश गर्ग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
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