मौसम में बदलाव : बीमारियों की चपेट में लोग, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

मौसम में बदलाव : बीमारियों की चपेट में लोग, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या
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कोरोना संक्रमण के मरीज अब नहीं आ रहे हैं लेकिन सर्दी, जुखाम, बुखार, एलर्जी के बढ़ते मरीजों की संख्या ने स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। अस्पताल में आने वाले मरीज टाइफायड, मलेरिया की भी जांच करवा रहे हैं।

हरिभूमि न्यूज. जींद

मौसम में लगातार उतार चढ़ाव का असर अब मानव शरीर पर होने लगा है। इस समय सर्दी, जुखाम, हलके बुखार व एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल की बात की जाए तो यहां प्रतिदिन 200 से 250 मरीज ऐसे पहुंच रहे हैं जिन्हें या तो बुखार है या फिर सर्दी या खांसी है। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्य गेट पर ही सभी मरीजों की जांच की जा रही है बावजूद इसके लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कोरोना संक्रमण के मरीज अब नहीं आ रहे हैं लेकिन सर्दी, जुखाम, बुखार, एलर्जी के बढ़ते मरीजों की संख्या ने स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। अस्पताल में आने वाले मरीज टाइफायड, मलेरिया की भी जांच करवा रहे हैं।

प्रतिदिन पहुंचते हैं 800 मरीज, 250 मरीज सर्दी, बुखार से पीड़ित

नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन 800 पर्ची बन रही है। सोमवार व शनिवार को यह संख्या एक हजार तक पहुंच जाती है। इनमें से लगभग 250 मरीज ऐसे हैं जिन्हें वायरल है या फिर सर्दी, खांसी, जुखाम व एलर्जी से पीडि़त हैं। दिन की तेज गर्मी व उमस होने के चलते लोग ठंडा पानी, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक का सेवन कर लेते हैं और साथ ही कूलर, एसी भी लगातार चल रहे हैं जिससे जुखाम, खांसी, वायरल बुखार हो जाता है। कई दिन तक बुखार रहने से निमोनिया की स्थिति बन जाती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है।

ये हैं वायरल बुखार के लक्षण

नागरिक अस्पताल के एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि वायरल बुखार के मुख्य लक्ष्ण दस्त लगना, त्वचा पर लाल रेशे, गले में खराश और कंपकपी, खांसी, जुखाम, तेज बुखार, थकान, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों व बदन में दर्द, सिर और गले में दर्द, आंखें लाल होना आदि हैं। इसके अलावा 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक बुखार आना, पेट दर्द, सिर दर्द, भूख कम लगना, थकान लगना, सांस लेने में कठिनाई होना मुख्य लक्षण हैं। ऐसे में तुरंत प्रभाव से चिकित्सक की सलाह लेकर दवा लेनी चाहिए। बच्चों तथा वृद्धों के स्वास्थ्य व स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

बदल रहा तापमान बन रहा परेशानी

हवा में नमी की मात्रा 43 प्रतिशत रह रही है तो अधिकतम तापमान 37 डिग्री व न्यूनतम तापमान 28 डिग्री रह रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 20 अगस्त के बाद मौसम में बदलाव होने की संभावना है जिसके चलते बरसात होने के आसार हैं। ऐसे में लगातार बदल रहा मौसम बीमारियों का मुख्य कारण बन रहा है।

वायरल होने पर तुरंत चिकित्सक से उपचार करवाएं : डा. भोला

नागरिक अस्पताल के एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि बदलता मौसम वारयल फीवर का कारण बना हुआ है। इस मौसम में लोगों को खांसी, जुखाम, बदन दर्द, गला दर्द जैसी कई समस्याएं होती हैं। इसमें होने वाला वायरल फीवर हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिसकी वजह से शरीर में इंफेक्शन बहुत तेजी से बढ़ता है। वायरल के संक्रमण बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंच जाता है। ऐसे में हमे विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। वायरल होने पर तुरंत चिकित्सक से उपचार करवाना चाहिए और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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