बिजली निगमों की बल्ले-बल्ले : बदले मौसम से 33 फीसदी बिजली की बचत, हरियाणा ने आंध्र को दी 400 मेगावट

बिजली निगमों की बल्ले-बल्ले : बदले मौसम से 33 फीसदी बिजली की बचत, हरियाणा ने आंध्र को दी 400 मेगावट
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हरियाणा में कोयले की खपत कम हो रही है, जिसके कारण कोयले का रिजर्व बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ी भी तो राज्य के पास में कोयले का पर्याप्त स्टाक होगा। महंगे दामों पर जब बिजली विभाग को बिजली नहीं खरीदनी पड़ी तो लोगों पर बोझ नहीं पड़ेगा।

योगेंद्र शर्मा/चंडीगढ़। बदले मौसम (Weather) के मिजाज के कारण जहां अभी तक दफ्तरों और घरों में एसी (Air Conditioner) का उपयोग की जरूरत नहीं पड़ी है। वहीं, हरियाणा में बिजली (Bijli) की खपत भी 33 फीसद तक कम रह गई है।

गत वर्षं के आंकड़ों पर गौर करें, तो तीन मई को गर्मी के कारण करीब 18 करोड़ यूनिट तक बिजली की डिमांड पहुंच गई थी, अब इस बार 12 करोड़ यूनिट तक ही सीमित रही है। इससे बिजली विभाग को राहत की बात यह है कि मई में महंगी (शार्ट-टर्म) बिजली की खरीद से छुटकारा मिल गया है। दूसरा महंगे दामों पर खरीदने के बाद में लोगों पर अंतत आर्थिक बोझ एफएसए के तौर पर पड़ता है। लेकिन इस बार ऐसाी नौबत नहीं है। बिजली निगमों के चेयरमैन पीके दास का कहना है कि विभाग को गर्मी के दिनों में डिमांड पूरी करने के लिए सात से आठ प्रति यूनिट तक महंगी बिजली खरीदना मजबूरी बन जाती है, गत बरसों में इन दिनों में लू चलती थी। इस बार गर्मी बढ़ने के साथ ही पश्चिम विक्षोभ ने असर दिखा दिया औऱ बरसात ठंडी हवा अभी तक भी चल रही है।

हरियाणा में कोयले की खपत कम हो रही है, जिसके कारण कोयले का रिजर्व बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ी भी तो राज्य के पास में कोयले का पर्याप्त स्टाक होगा। महंगे दामों पर जब बिजली विभाग को बिजली नहीं खरीदनी पड़ी तो लोगों पर बोझ नहीं पड़ेगा। दास का कहना है कि विभाग महंगी बिजली खरीदता तो इसका एफएसए बिजली उपभोक्ताओं के जेबों पर ही पड़ना था।

प्रदेश में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में बिजली की खपतके आंकड़ों पर गौर करें, तो यह बढ़ी थी। तब 29 अप्रैल को हरियाणा में 16.14 करोड़ यूनिट मांग थी। लेकिन बदले मौसम के मिजाज के कारण घटकर करीब 12 करोड़ पर आ गई है अर्थात पिछले पांच दिनों में बरसात हुई है। बरसात की वजह से दिन का तापमान भी 15 डिग्री तक कम रहा।

धान की रोपाई के समय किसानों को मिलेगी पर्याप्त बिजली: दास

बिजली निगमों के चेयरमैन पीके दास ने बताया कि बिजली की मांग पिछले साल से कम होने के कारण हरियाणा ने आंध्र प्रदेश को बिजली एक खास अनुबंध के तहत दी है। अभी फिलहाल दे रहे हैं, क्योंकि वहां इस वक्त बिजली की मांग ज्यादा है। इस तरह से राज्य ने बिजली बैंक कर ली है। दास बताते हैं कि बिजली करीब 4सौ मेगावाट है, इसके अलावा पहाड़ी इलाकों के राज्यों में भी हरियाणा ने बिजली दी है। ये बिजली हरियाणा जुलाई में लेगा क्योंकि उस समय उमस बढ़ जाती है और बिजली की खपत भी बढ़ जाती है, साथ ही किसान धान रोपाई तेजी से करते हैं। प्रदेश में करीब 15 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई होती है।

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