मौसम का बदला मिजाज : वापस लौटा मानसून, इस साल औसत से 30 प्रतिशत ज्यादा हुई बारिश

मौसम का बदला मिजाज : वापस लौटा मानसून, इस साल औसत से 30 प्रतिशत ज्यादा हुई बारिश
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मौसम विभाग के अनुसार 17 अक्टूबर तक मौसम शुष्क रहेगा और तापमान में भी बढ़ोतरी होगी। जो अब तक औसतन तापमान से ज्यादा है। औसत से ज्यादा बारिश होने के चलते नरमा फसल को काफी नुकसान हुआ।

सतेंद्र पंडित. जींद

मानसून की वापसी हो चुकी है, मानसून सीजन के दौरान बदरा जमकर बरसे हैं। मानसून सीजन में औसतन 438.6 एमएम बारिश प्रदेश में होती है। इस बार मानसून सीजन में 577.3 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जो औसतन से 30 प्रतिशत बारिश ज्यादा हुई है। अगस्त माह में औसत से 48 प्रतिशत कम बारिश हुुई, वहीं सितम्बर माह में 139 प्रतिशत बारिश ज्यादा हुई है। हालांकि प्रदेश में सबसे ज्यादा 769 एमएम बारिश झज्जर जिले में हुई है। जबकि जींद जिले में औसत से 41 प्रतिशत ज्यादा 564 एमएम बारिश मानसून सीजन के दौरान हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 17 अक्टूबर तक मौसम शुष्क रहेगा और तापमान में भी बढ़ोतरी होगी। जो अब तक औसतन तापमान से ज्यादा है। औसत से ज्यादा बारिश होने के चलते नरमा फसल को काफी नुकसान हुआ।

जून के अंतिम सप्ताह में मानसून शुरु हो जाती है। जो अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में वापसी कर जाती है। इस बार मानसून सीजन में जुलाई माह के दौरान 253.1 एमएम बारिश हुई। जो औसतन बारिश से 63 प्रतिशत 'यादा थी। जबकि सितम्बर माह में बदरा जमकर बरसे। सितम्बर माह में 187 एमएम बारिश दर्ज की गई जो कि औसत से 139 प्रतिशत अधिक थी। अगस्त माह में अच्छी खासी बारिश की दरकार थी, जबकि अगस्त माह के दौरान महज 81.9 एमएम बारिश हुई। जोकि औसत से 48 प्रतिशत कम थी।

अक्टूबर माह के शुरुआत में औसतन रूप से तापमान 28 से 30 डिग्री होना चाहिए। न्यूनतम तापमान 18 से 20 डिग्री के बीच रहना चाहिए। इस बार अक्टूबर माह के शुरु से ही तापमान का मिजाज गर्म रहा है। अधिकतम तापमान 35 डिग्री तक पहुंच रहा है। जबकि न्यूनतम तापमान 22 डिग्री तक जा रहा है। आगामी 17 अक्टूबर तापमान 34 से 36 डिग्री के बीच बना रहेगा। वहीं, न्यूनतम तापमान 18 से 22 डिग्री के बीच बने रहने की संभावना है। जो औसतन से ज्यादा है। दिन तथा रात के तापमान में काफी अंतर होने के चलते मौसमी बीमारियां भी बढ़ने लगी है।

उत्तरी हरियाणा में औसत से कम, दक्षिणी हरियाणा में ज्यादा

मानसून सीजन के दौरान उत्तरी हरियाणा के पंचकूला, युमनानगर, अम्बाला जिलों में औसतन से कम बारिश हुई है। अम्बाला में औसतन मानसून सीजन में 850 एमएम बारिश होती थी। इस बार अम्बाला में 596 एमएम बारिश हुई है जो 30 प्रतिशत कम है। इसी प्रकार झज्जर में औसत से 36 प्रतिशत बारिश ज्यादा हुई है। जींद में औसतन 401 एमएम बारिश मानसून सीजन में होती है जबकि इस बार मानसून सीजन में 564 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जो 41 प्रतिशत अधिक है।

पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश ने बताया कि मानसून वापस लौट चुका है। मेट्रोलॉजी विभाग के अनुसार सितम्बर माह में औसत से 139 एमएम बारिश ज्यादा हुई है। जबकि अगस्त माह में 48 प्रतिशत कम बारिश हुई है। औसतन रूप से प्रदेशभर में 30 प्रतिशत बारिश ज्यादा हुई है।

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