जेल में कैदियों से मुलाकात के नियम बदले : कोविड वैक्सीन की दोनों डोज के सर्टिफिकेट के बिना नहीं होगी परिजनों की मुलाकात

विजय अहलावत : रोहतक
सरकार ने जेलों में बंद कैदियों से मुलाकात के नियमों में फेरबदल किया है। नए नियमों के तहत कारागार में बंद कैदियों से परिजन एक माह में केवल एक बार मुलाकात कर सकेंगे। उनके पास कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने का सर्टिफिकेट होना अनिवार्य किया गया है। अगर उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है तो जरूरी होने पर उन्हें अस्पताल से कोरोना का टेस्ट करवा कर रिपोर्ट साथ लेकर आनी होगी। निगेटिव रिपोर्ट मिलने पर कैदियों से मुलाकात नहीं करवाई जाएगी। इसके अलावा बेल और पैरोल से वापस आने वाले कैदियों, बंदियों का भी कोविड टेस्ट अनिवार्य किया गया है।
नवम्बर माह में कोविड के केस कम होने के चलते कुछ राहत दी गई है। कुछ समय पहले तक कोविड के चलते कैदियों से परिजनाें की मुलाकात बंद कर दी गई थी। इस बार भी नियमों से कोई समझौता नहीं किया गया है। अब एक माह में केवल एक ही मुलाकात करवाई जाएगी। मुलाकात करने वालों में दो सदस्य होंगे। एक सदस्य परिवार से तो दूसरा बाहर से हो सकता है। उन्हें अपने पहचान पत्र, आधार कार्ड साथ लाने होंगे। सरकार के आदेश पर नए आदेश लागू किए जा चुुके हैं। जेल प्रशासन द्वारा कोविड को लेकर हर कदम उठाए जा रहे हैं। कैदियों का समय समय पर स्वास्थ्य चेकअप करवाया जा रहा है।
पैरोल, बेल से आने वाले कैदियों के टेस्ट अनिवार्य
इस समय रोहतक जेल में करीबन 1840 कैदी हैं। जिनमें बंदी भी हैं। इसके अलावा 50 से ज्यादा महिलाएं हैं। कोविड के मामले बढ़ने के दौरान करीबन 150 लोगों को बेल और पैरोल पर भेजा गया था। अब समय पूरा होने पर वह वापिस जेल में सरेंडर कर रहे हैं। उन्हें बिना कोविड रिपोर्ट के जेल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
नए आरोपित 14 दिन क्वारंटीन
किसी भी आपराधिक मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपितों का भी कोविड टेस्ट अनिवार्य रखा गया है। उनकी रिपोेर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें जेल भेजा जाएगा। वहां भी उन्हें स्पेशल बैरक में दो सप्ताह तक आइसोलेट रखा जाएगा। इस दौरान उन्हें कोविड नहीं हुआ तो ही उन्हें सामान्य कैदियों के साथ रखा जाएगा।
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