स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में बदलाव : स्वच्छता की परख 3 की बजाय अब 4 चरणों में होगी, वार्ड स्वच्छ मिला तो बेस्ट वार्ड का होगा चयन

नारनौल। केंद्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में स्वच्छ सर्वेक्षण कंपीटिशन में बदलाव किए गए है। शहर के साथ-साथ अब वार्डों की भी रैंकिंग होगी। स्वच्छ वार्ड होने उस वार्ड को बेस्ट वार्ड चयन श्रेणी में रखा जाएगा। वहीं सर्वेक्षण में अंक भी बढ़ाए गए हैं। सर्वेक्षण में कचरे के रिड्यूस, रिसाइकिल रियूज के अब 7500 के स्थान पर 9500 अंक कंपीटिशन में मिलेंगे। शहरवासियों का सहयोग लिया जाएगा। यही नहीं, शहर के कूड़े, शौचालयों की सफाई के अलावा सीवर व वाटर ट्रीटमेंट व्यवस्था को भी देखा जाएगा। इसके अलावा कचरे के प्रबंधन को लेकररिड्यूस, रिसाइकल एवं रियूज के सिद्धांत को प्राथमिकता और डंपिंग साइट पर कम से कम कूड़ा डालने पर जोर दिया जाएगा।
स्वच्छता की परख तीन नहीं चार चरणों में होगी। शहर को खुले में शौच (यलो स्पॉट) और खुले में थूकने (रेड स्पॉट) के मुद्दों पर मूल्यांकन किया जाएगा। इस बार प्रेरक दौड़ सम्मान चार के मानकों पर आधारित होंगे। एक स्टार के साथ ओडीएफ प्लस को ब्रांज, थ्री स्टार के साथ ओडीएफ प्लस-प्लस को सिल्वर फाइव स्टार के साथ वाटर प्लस को गोल्ड और सेवन स्टार के साथ वाटर प्लस को प्लेटिनम मिलेगा। बदलाव में सर्विस लेवल प्रोग्रेस पर फोकस करना होगा। चार चरणों में होने वाले सर्वेक्षण में सिटीजन फीडबैक सबसे पहले ली जाएगी। इससे पहले सबसे अंतिम चरण का सिटीजन फीडबैक का प्रावधान था। सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के नंबर भी स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार दिए जाएंगे।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में इस तरह मिलेंगे अंक
स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 की बात करें तो इस बार बढ़े अंक के साथ कंपीटिशन होगा। सर्विस लेवल प्रोग्रेस के 4525 अंक, सर्टिफिकेशन के 2500 और सिटीजन के 2475 अंक तय किए गए है। स्वच्छ सर्वेक्षण के 2023 के अंतर्गत तीन पार्ट में विशेष अंक की बढ़ोतरी हुई है। सर्विस लेवल के तहत सेग्रिगेट कलेक्शन, प्रोसेसिंग एंड डिस्पोजल और यूज्ड वाटर मैनेजमेंट एंड सफाई मित्र सुरक्षा। इनमें सेग्रीगेशन कलेक्शन के 900 की जगह 1750 अंक हो गए हैं। प्रोसेसिंग एंड डिस्पोजल 1200 से 1830 हो गए। यूज्ड वाटर मैनेजमेंट एंड सफाई मित्र सुरक्षा 900 से 945 अंक तय किए गए हैं। स्वच्छता भारत मिशन के दीपक कुमार दुबे ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए टीम नारनौल शहर में कभी भी पहुंच सकती है। सर्वप्रथम प्लांट से संबंधित गतिविधियों को देखेगी। इसके बाद आगामी अन्य गतिविधियों का सर्वेक्षण करेगी।
एक नजर...अब तक यह रही रैकिंंग
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 में नारनौल शहर को 94वां रैंक हासिल हुआ था। स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में नार्थ जोन के 1013 शहरों में नारनौल को 583वां रैंक मिला। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 में नारनौल शहर को नॉर्थ जोन में 98 शहरों में से 83वां रैंक मिला था। कुल अंक की बात की जाए तो स्वच्छता सर्वेक्षण 6000 अंक का था। जिसमें से शहर को महज 1828.12 अंक मिले। स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 की बात करें तो महेंद्रगढ़ जिला 85वें स्थान पर रहा। उत्तरी भारत में जोनल स्तर पर कु 95 शहरों में से 1375 अंक लेकर 85वें स्थान पर रहा।
एक नजर जिला पर भी...
जनगणना-2011 के आंकड़ों को देखे तो नारनौल शहर की उस वक्त आबादी 74 हजार 581 थी। उस वक्त 11279 जनसंख्या मलीन बस्तियों में थी। जोकि 18.17 प्रतिशत है। इसमें 6058 पुरूष व 5221 स्त्रियां है। 0-06 वर्ग में 1780 बच्चों में 982 पुरूष व 798 स्त्रियों थी। इस सर्वे को अब 10 साल बीत चुके है। शहर की आबादी लगभग 1.25 लाख के करीब पहुंच गई है।
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