सराहनीय पहल : चैरिटेबल ट्रस्ट ने राजकीय स्कूल लिया गोद, अपने खर्च पर लगाए 4 शिक्षक, उठाई सभी बच्चों की जिम्मेदारी

हरिभूमि न्यूज : कैथल
गुरुवार को कैथल के गांव पाई के राजकीय कन्या प्राइमरी स्कूल में शैक्षणिक स्तर पर गोद लेने का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि उपायुक्त संगीता तेतरवाल थी। कार्यक्रम का आयोजन लाला जयभगवान गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया गया। संस्था के चेयरमैन कृष्ण गोयल ने बताया कि स्कूल में बहुत सारी समस्याएं हैं। स्कूल की मुख्य समस्या अध्यापकों की है। स्कूल में लगभग 150 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं परन्तु उनकी देखरेख तथा पढ़ाई के लिए केवल एक अध्यापक है।
उन्होंने बताया कि यहां तक कि स्कूल में मिड-डे-मिल का भी काम उनके ऊपर है। इसके बाद उन्होंने बताया कि अब ट्रस्ट इस स्कूल को गोद ले रहा है और बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेवारी उनकी है। लाला जयभगवान गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा चार अध्यापकों को स्कूल में लगाया गया है। इसके बाद स्कूल में उपायुक्त संगीता तेतरवाल व ट्रस्ट के संचालक कृष्ण गोयल द्वारा बच्चों को स्कूल बैग भी बांटे। कार्यक्रम में उपायुक्त संगीता स्कूल के बच्चों के बीच में जाकर बैठ गई और बातचीत करने लगी। बच्चों से कुछ सवाल भी पूछे, जिसका बच्चों ने सही जवाब दिया तो उपायुक्त गदगद हो गईं और स्कूल की प्रशंसा की।
आंगनबाड़ी का भी किया निरीक्षण
इसके साथ ही डीसी ने स्कूल के साथ-साथ आंगनवाड़ी, जो स्कूल के अंदर बनाई गई है, उसका तथा साथ ही लाइब्रेरी का भी निरीक्षण किया। लोगों द्वारा गांव में नशा फैल रहे नशे से भी उनको अवगत करवाया। जिस पर संगीता तेतरवाल ने कहा कि हमने नशे की रोकथाम को लेकर विशेष कार्यक्रम चलाए हुए हैं और यदि आपको लगता है, कि कहीं नशा किया जा रहा है या बेचा जा रहा है तो आप मेरे पास काल या सूचना कर सकते हैं, बताने वाले किसी का नाम सामने नहीं आने दिया जाएगा। इसके साथ ही पाई की सर्व मंगल कामना ट्रस्ट के द्वारा पाई के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, लाइब्रेरी, खेल स्टेडियम, लड़कियों के स्कूल के पास शरारती युवकों का जमावड़ा, गांव से गुजरते राष्ट्रीय राजमार्ग के टूटने तथा गांव में गंदे पानी की निकासी न होने के चलते गलियों की दुर्दशा जैसे समस्याओं के बारे में ज्ञापन भी दिया। जिस उपायुक्त ने समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया।
बच्चों से की बातचीत
डीसी संगीता तेतरवाल बच्चों के बीच जाकर बैठ गईं तथा उनसे जमकर बातचीत की। अपने बीच डीसी को पाकर बच्चे बहुत खुश दिखाई दे रहे थे। बच्चे डीसी के साथ एक अध्यापिका की भांति बातचीत कर रहे थे तथा स्कूल की सभी समस्याएं साझा कर रहे थे।
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