Charkhi Dadri : धान लगाने पर सामाजिक बहिष्कार के फरमान पर कोर्ट ने मांगा जवाब

- विधायक, सरपंच व पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी
- 4 अगस्त को न्यायालय में होना होगा पेश
Charkhi Dadri : जिला के गांव में धान की रोपाई पर किसानों का पंचायत (Panchayat) में सामाजिक बहिष्कार करने वाली पंचायत के सदस्यों को कोर्ट ने नोटिस जारी किया। नोटिस में सांगवान खाप के प्रधान एवं विधायक सोमबीर सांगवान, गांव के सरपंच व पुलिस अधीक्षक को 4 अगस्त को जबाब के लिए तलब किया गया है।
ज्ञात रहे कि 2 जुलाई को गांव चरखी में पंचायत हुई थी। पंचायत ने धान की रोपाई करने पर गांव के दो किसानों का विरोध किया। पंचायत का तर्क था कि गांव में सर्वसम्मति से जलभराव व सेम की समस्या को दूर करने के लिए धान की रोपाई बंद कर रखी है। उसके बाद भी दोनों ने पंचायत व गांव के फैसले का उल्लंघन कर धान की रोपाई की। पहली पंचायत में दोनों किसानों को धान की फसल उखाड़ने के लिए बोला गया था। मगर जब किसानों ने ऐसा नहीं किया तो फिर पंचायत हुई। पंचायत ने धान की रोपाई करने पर दोनों किसानों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। बहिष्कार में निर्णय लिया कि गांव का कोई भी व्यक्ति दोनों किसानों व उनके परिवार से बोलचान नहीं रखेगा। उनका हुक्का पानी बंद रहेगा तथा किसी भी दुकान से सामान लेने पर पाबन्दी का फरमान जारी किया गया।
पीड़ित किसानों ने पंचायत के इस फैसले के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। किसानों ने बताया कि उनके पड़ोसी गांव पैतावास कलां, अख्तयारपुरा, मानकावास, खेड़ी, पांडवान, साहुवास, फतेहगढ़, घिकाड़ा में धान फसल की रोपाई की जाती है। उनके गांव में भी बहुत से किसान धान फसल की रोपाई करना चाहते हैं, लेकिन 80 प्रतिशत किसान इस तुगलकी फरमान से डरकर आगे नहीं आ रहे। रंजिशन गांव के कुछ रसूखदार लोगों ने उनके खिलाफ यह तुगलती फरमान जारी कर दिया। इस फरमान के बाद उन्होंने जिला प्रशासन से सहायता की गुहार लगाई, परंतु प्रशासन ने सुनवाई नहीं की। इसके बाद धान लगाने वाले किसान कुलदीप व विनोद ने उच्च न्यायालय में पंचायत के सामाजिक बहिष्कार करने व सुरक्षा के लिए याचिका दायर की। उक्त याचिका पर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने सांगवान खाप के प्रधान व विधायक सोमबीर सांगवान, सरपंच भूपेन्द्र सहित आधा दर्जन ग्रामीणों व पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया है। याचिका का जवाब देने के लिए 4 अगस्त को उच्च न्यायालय में पेश होना होगा।
किसी का बहिष्कार नहीं किया गया
गांव के सरपंच भूपेंद्र सांगवान ने बताया कि गांव ने सर्वसम्मति से धान की रोपाई बंद कर रखी है। इस बार भी गांव की पंचायत में धान की फसल न उगाने का निर्णय लिया था, जिसमें किसानों की राय ली गई थी। लेकिन इन दोनों किसानों ने धान की रोपाई कर दी। पंचायत में इनको समझाने के लिए बुलाया गया था, लेकिन ये नहीं पहुंचे। पंचायत ने बहिष्कार का कोई निर्णय नहीं लिया।
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