Charkhi Dadri : हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर छतर सिंह चौहान का निधन, कल होगा अंतिम संस्कार

Charkhi Dadri : हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर चौधरी छतर सिंह का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। चौहान पिछले कुछ महीनो से अस्वस्थ चल रहे थे तथा उपचार के लिए पीजीआई में भर्ती थे। बीती देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। छतर सिंह का अंतिम संस्कार मंगलवार को निमड़ी रोड स्थित रॉयल इंटरनेशनल स्कूल पार्क परिसर में किया जाएगा।
छतर सिंह का जन्म राजस्थान के कारौली गांव में हुआ था। जन्म के एक दिन बाद ही उनकी बुआ उन्हें बौंद कलां में अपने भाई के घर से गोद ले आई थी। छतर सिंह चौहान शुरु से राजनीति में सक्रिय थे और पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल के काफी ग़रीबी थे। वे दो बार मंडल विधानसभा से विधायक बने तथा एक बार हरियाणा विधानसभा में स्पीकर रहे। किसान परिवार से निकलकर वे प्रोफेसर के पद तक पहुंचे और लॉ व एमए इतिहास में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन के हाथों उन्हें दो बार गोल्ड मेडल मिला। छतर सिंह ने 1991 और 1996 में मुंढाल हलके से चुनाव लड़ा। उन्होंने हरियाणा विकास पार्टी के प्रतिनिधि के तौर पर जीत हासिल की।
कल होगा अंतिम संस्कार
दिवगंत चौधरी छतर सिंह का अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह 11 बजे निमड़ी रोड स्थित रॉयल इंटरनेशनल स्कूल पार्क परिसर में किया जाएगा। छतर सिंह के चार बेटे थे, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है। उनके एक बेटा जितेंद्र चौहान प्रोफेसर है, जबकि दूसरे बेटा विरेंद्र चौहान एसडीओ रिटायर्ड है। तीसरा बेटा राजेंद्र चौहान किसान है।
बुआ ने लिया था गोद
स्वर्गीय छतर सिंह का जन्म राजस्थान के अलवर जिला के कारौली गांव में हुआ था। जब वो एक दिन के थे तो बौंद कलां निवासी उनकी बुआ गोद ले आई थी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सांवड़ राजकीय स्कूल से की और इसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय से वकालत और इतिहास में एमए किया। पहले उन्हें मुख्य अध्यापक के पद पर सांजरवास स्कूल व इसके बाद महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में इतिहास प्रोफेसर के तौर पर अपनी सेवाएं दी।
मुख्यमंत्री बंसीलाल के करीबी रहे
छतर सिंह पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के बेहद करीबी थे। बंसीलाल के साथ राजनीति की शुरुआत करते हुए परेशानी नहीं हुई तथा जल्द ही राजनीति के टिप्स सीख गए। उस दौरान उनका गांव बौंदकलां मुंढाल विधानसभा में आता था। जहां से वो दो बार विधायक बने। इसके बाद 2005 में हुए परिसीमन के दौरान मुंढाल विधानसभा सीट तोड़ दी। बंसीलाल के निधन के बाद पूर्व मंत्री किरण चौधरी के काफी नजदीकी रहे।
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