Charkhi Dadri : 75 रुपये प्रति टन बढ़ा पत्थर, क्रेशर मिलेगा 650 रुपये प्रति टन

Charkhi Dadri : 75 रुपये प्रति टन बढ़ा पत्थर, क्रेशर मिलेगा 650 रुपये प्रति टन
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पहाड़ी जोन में पिछले दो माह से पत्थर के भाव बढ़ने से रोड़ी व क्रेशर महंगा हुआ है। मार्च से मई महीने में क्रेशर व रोड़ी के भाव में 80 रुपये तक इजाफा हुआ है। जिसका असर हरियाणा, उत्तर प्रदेश व दिल्ली तक पड़ेगा। निर्माण सामग्री में महंगाई से आम लोगों की जेब पर इसका सीधा असर पड़ रहा है।

Charkhi Dadri : दादरी जिला के पहाड़ी जोन में पिछले दो माह से पत्थर के भाव बढ़ने से रोड़ी व क्रेशर महंगा हुआ है। मार्च से मई महीने में क्रेशर व रोड़ी के भाव में 80 रुपये तक इजाफा हुआ है। जिसका असर हरियाणा, उत्तर प्रदेश व दिल्ली तक पड़ेगा। निर्माण सामग्री में महंगाई से आम लोगों की जेब पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। माइनिंग (Mining) कंपनियों द्वारा पत्थर के दाम तीन बार बढ़ाने से खनन सामग्री का भाव लगातार बढ़े हैं।

मार्च महीने में पिचौपा जोन पहाड़ में माइनिंग कंपनी क्रेशर मालिकों को पत्थर 285 रुपये टन देती थी। उसी पत्थर का भाव 285 से बढ़ाकर 350 रुपये हो गया। यानि प्रति टन 75 रुपये की बढ़त हुई है। मार्च व अप्रैल में जो क्रेशर 550 रुपये प्रति टन मिलता था, वो 650 रुपये तक पहुंच गए हैं। रोड़ी मार्च में 425 रुपये मिलती थी, जो अब 470 रुपये प्रति टन है। ये भाव पहाड़ी जोन में हैं। अगर कोई स्टॉक से खरीदता है तो ओर महंगा मिलेगा। दादरी जिला के पहाड़ी जोन से हरियाणा, यूपी व दिल्ली में खनन सामग्री की सप्लाई होती है। जोन से 650 रुपये खरीदा गया क्रेशर रोहतक पहुंचते ही 1100 रुपये प्रति टन बेचा जाता है। दिल्ली में उसी सामग्री के भाव 1800 रुपये तथा यूपी नोएडा में 2100 रुपये तक पहुंच जाते हैं। जिला में सफेद डस्ट (क्रेशर) का उत्पदान होता है, जिसकी डिमांड अधिक होती है। खेड़ी बत्तर जोन में पत्थर के भाव बढ़ने से डस्ट व रोड़ी के भाव में वृद्धि हुई थी। मई महीने में ही क्रेशर के रेट में 70 से 80 रुपये प्रति टन बढ़े हैं। पत्थर रेट में बढ़ोतरी के विरोध में तीन दिन तक क्रेशर बंद किए थे, लेकिन माइनिंग कंपनियों ने इस माह 10 रुपये की बढ़ोतरी कर दी।

क्रेशर से खरीदा 650 रुपये, दोगुणा दाम में बिक्री

बड़े शहर में आम लोग स्टॉक से क्रेशर या रोड़ी खरीदते हैं। स्टॉक मालिक खरीद व उसके बाद टांसपोर्ट खर्च निकालता है। जोन में जो क्रेशर 650 रुपये मिलता है, वो 70 से 80 किलोमीटर दूर पहुंचते ही 600 रुपये बढ़कर 1300 रुपये तक पहुंच जाता है। घर निर्माण करवाने वाले अधिकतर लोग स्टॉक से ही रोड़ी व क्रेशर खरीदते हैं। पत्थर महंगाई की मार केवल आम लोगों पर पड़ती है।

दूसरे राज्यों में डिमांड

दादरी जिला के पहाड़ी जोन में सफेद डस्ट मिलता है, जिसकी डिमांड अधिक होती है। प्रदेश सहित साथ लगते राज्यों में डस्ट व रोड़ी की सप्लाई होती है। बढ़ी कीमतों का असर हरियाणा सहित पड़ोसी राज्य दिल्ली व उत्तर प्रदेश तक पड़ेगा। दिल्ली व यूपी के लोग दादरी की डस्ट व रोड़ी को काफी पंसद करते हैं। प्रतिदिन पांच हजार गाड़ियों से दूसरे राज्यों में खनन सामग्री सप्लाई होती है। क्रेशर मालिकों का तर्क है कि माइनिंग कंपनियों की वजह से आम जनता की जेब पर असर पड़ा है।

पत्थर के भाव पर निर्भर

क्रेशर संचालक राजेश ने बताया कि क्रेशर व रोड़ी के रेट पत्थर के भाव पर निर्भर करते हैं। पिछले तीन महीनों में पत्थर महंगा मिला तो रेट बढ़ाए गए हैं। माइनिंग कंपनियां मर्जी से भाव बढ़ाती हैं। पत्थर की खरीद के बाद क्रेशर मालिक लागत के अनुसार डस्ट व रोड़ी के भाव बढ़ाता है।

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