लॉटरी के नाम पर ठगी : मुफ्त में 25 लाख पाने के चक्कर में गंवाए 28 हजार, जालसाजों ने ऐसे बनाया शिकार

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी
देहलावास गुलाबपुरा के एक युवक के पास फूटी कौड़ी भी नहीं थी। इसी दौरान उसके पास एक फोन कॉल आई। उसे बताया गया कि उसकी 25 लाख रुपए की लॉटरी निकली है। इसके बाद आर्थिक तंगी दूर होने के सपने देखते हुए युवक साइबर ठग के जाल में एक बार नहीं, बल्कि तीन बार फंसा। उसने किसी से पैसे उधार लेकर 28 हजार रुपए साइबर ठग के हवाले कर दिए। जब तक उसे लॉटरी के नाम ठगी होने का पता चला, तब तक ठगी करने वाला 'आउट आफ रेंज' हो चुका था।
विनोद के पास दो दिन पहले एक मैसेज आया कि उसकी 25 लाख रुपए की लॉटरी लगी है। मैसेज में लॉटरी की रकम लेने के लिए कुछ मोबाइल नंबर संपर्क करने के लिए उपलब्ध कराए गए थे। उन्हीं में से एक नंबर पर कॉल करने के बाद उसे बताया गया कि लॉटरी की रकम हासिल करने के लिए उसे उनके खाते में 10.10 हजार रुपए भेजने होंगे। विनोद के पास पैसे नहीं थे। उसने किसी पहचान वाले व्यक्ति से पैसे उधार लेकर बताए गए खाता नंबर पर भेज दिए। उसके बाद शातिर ने विनोद को कॉल की। फोन करने वाले ने बताया कि उसकी बैंक की लिमिट बहुत कम है। 25 लाख रुपए ट्रांसफर नहीं हो सकते। लॉटरी की रकम लेनी है तो बैंक की लिमिट बढ़वानी होगी। इसके लिए उसने 20 हजार रुपए और डलवाने की बात कही।
दूसरी बार फिर उधार लिए उधार
विनोद ने साइबर ठग को बताया कि उसके पास अब पैसे नहीं हैं, तो ठगी करने वाले ने 10 हजार रुपए खाते में डलवाने को कहा। विनोद ने 20 हजार रुपए और उधार लेकर दस हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। विनोद के सिर पर लॉटरी का भूत इस कदर शिकार हुआ कि उसने तीसरी बार फिर 8 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद जब उससे लॉटरी टैक्स के नाम पर और पैसे ट्रांसफर करने को कहा गया, तो उसके सिर से लॉटरी का भूत उतर गया। उसने थाना रामपुरा पुलिस को अपने साथ हुई ठगी की शिकायत की। पुलिस ने एरोमल नय्यर के नाम के व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसी व्यक्ति के नाम से बैंक खाते में विनोद ने पैसे ट्रांसफर किए थे।
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