वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के नए लाभार्थियों से मुख्यमंत्री ने किया सीधा संवाद, वृद्धजनों ने पेंशन बढ़ोतरी के लिए जताया आभार

चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसी न किसी वर्ग के साथ सीधा संवाद करने की श्रृंखला में शनिवार को वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के नये लाभार्थियों से संवाद किया। वृद्धजनों ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि बुढ़ापा पेंशन बनवाने के लिए उन्हें सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़े, यह सब परिवार पहचान पत्र के कारण संभव हो सका है। इसके अलावा, बजट घोषणा के अनुरूप पहली अप्रैल से मिलने वाली 2,750 रुपये बुढ़ापा पेंशन के लिए भी वृद्धजनों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया।
ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बुढ़ापा पेंशन वह पहली स्कीम है, जिसे सरकार ने परिवार पहचान पत्र से जोड़ा और यह अत्यंत सफल प्रयोग रहा है। उन्होंने कहा कि विगत 6 माह के दौरान ऑटोमेटिकली लगभग 16,500 बुजुर्गों की पेंशन बनी है, जिनसे आज यह संवाद किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लगभग 72 लाख परिवार ही मेरा परिवार है, जिनके प्रत्येक सदस्य की चिंता राज्य सरकार कर रही है। सरकार परिवार पहचान पत्र (PPP) के साथ सभी सरकारी योजनाओं और सेवाओं को जोड़ रही है ताकि पात्र व्यक्ति को घर बैठे ही उनका लाभ मिले और कोई भी अपात्र व्यक्ति लाभ न ले पाये।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वृद्धावस्था सम्मान भत्ता की शुरुआत 100 रुपये की राशि से हुई थी और जब वर्ष 2014 में हमने सरकार बनाई, उस समय यह राशि 1 हजार रुपये थी, जिसे हमने 2,500 रुपये तक बढ़ाया। अब 2,500 रुपये से बढ़कर 1 अप्रैल, 2023 से 2,750 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी।
साढ़े 18 लाख बुजुर्गों को लगभग 460 करोड़ रुपये की राशि प्रतिमाह दी जा रही
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार द्वारा वर्तमान में साढ़े 18 लाख बुजुर्गों को लगभग 460 करोड़ रुपये की राशि प्रतिमाह प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में वृद्धावस्था पेंशन के लिए आय की पात्रता सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये वार्षिक की है। भविष्य में जो व्यक्ति 60 साल की आयु पूरी कर लेगा और पति-पत्नी की आय 3 लाख रुपये वार्षिक से कम होगी, उनकी पेंशन ऑटोमेटिक शुरू हो जाएगी। उनसे केवल पेंशन लेने की सहमति ली जाएगी।
अकेले रह रहे बुजुर्गों के कुशलक्षेम के लिए बनाई प्रहरी योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए 'प्रहरी' योजना भी शुरू करने जा रहे हैं। परिवार पहचान पत्र के डेटा से पता चला है कि प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयु के सवा दो लाख बुजुर्ग हैं। इनमें से 3,600 बुजुर्ग ऐसे हैं, जो अकेले रह रहे हैं। इन बुजुर्गों की कुशलक्षेम जानने के लिए सरकारी कर्मचारी या वॉलंटीयर्स महीने में एक बार उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने जाएंगे। यदि किसी बुजुर्ग को चिकित्सा सहायता, सम्पत्ति की सुरक्षा अथवा किसी अन्य मदद की जरूरत होगी, तो संबंधित सरकारी विभाग के माध्यम से उसकी मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम योजना के तहत सरकार द्वारा अकेले रह रहे बुजुर्गों की देखभाल सेवा आश्रमों में की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों से आह्वान किया कि 60 वर्ष की आयु के बाद वे समाज सेवा के लिए आगे आएं। सरकार ने समर्पण पोर्टल बनाया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति वालंटीयर के तौर पर स्वयं को पंजीकृत करवा सकता है। वसुधैव कुटुम्बकम हमारी संस्कृति है, इसलिए सभी को समाज की चिंता भी करनी चाहिए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS