गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाशोत्सव पर मुख्यमंत्री खट्टर ने कीं 4 बड़ी घोषणाएं, पढ़ें

गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाशोत्सव पर मुख्यमंत्री खट्टर ने कीं 4 बड़ी घोषणाएं, पढ़ें
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पानीपत की ऐतिहासिक धरती पर आयोजित हुए समागम स्थल का नाम श्रीगुरु तेग बहादुर के नाम पर करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त जिस रास्ते से गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी आई, उस रास्ते का नामकरण भी श्री गुरु तेग बहादुर मार्ग रखे जाने का ऐलान किया।

पानीपत : गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व समागम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Cm Manohar Lal) ने गुरु साहिब के त्याग और बलिदान को याद करते हुए कई बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने पानीपत की ऐतिहासिक धरती पर आयोजित हुए समागम स्थल का नाम श्री गुरु तेग बहादुर के नाम पर करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त जिस रास्ते से गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी आई, उस रास्ते का नामकरण भी श्री गुरु तेग बहादुर मार्ग रखे जाने का ऐलान किया। इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि यमुनानगर में बनने जा रहे सरकारी मेडिकल कॉलेज का नाम भी श्री गुरु तेग बहादुर के नाम पर रखा गया है । जल्द ही कालेज का शिलान्यास किया जाएगा ।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक अन्य घोषणा करते हुए कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने लड़ते वक्त जिन शस्त्रों का प्रयोग किया, उनकी प्रदर्शनी देशभर में लगाई जाएगी। उन्होंने यह फैसला किया है कि इन शस्त्रों को लेकर जाने वाला वाहन हरियाणा सरकार अपनी ओर से भेंट देगी।

अपने संबोधन से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मुख्य पंडाल में पहुंचकर सबसे पहले गुरु ग्रंथ साहिब जी के सामने शीश नवाया। इसके बाद अपने समागम स्थल पर पहुंची लाखों की संगत का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने अत्याचार और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए अपना बलिदान दिया था। आज उनके 400वें प्रकाश पर्व को आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत मनाया जा रहा है। इस समागम का मुख्य मकसद भी यही है कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के त्याग, बलिदान, संघर्ष की गाथा जन-जन तक पहुंचे और हमारी आने वाली पीढ़ियां उनसे प्रेरणा लें।

समाज और देश की रक्षा के लिए गुरुओं ने दिया बलिदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुओं ने समाज और देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था। जब 500 कश्मीरी पंड़ितों का जत्था श्री गुरु तेग बहादुर जी के पास आनंदपुर साहिब पहुंचा। उन्होंने औरंगजेब के अत्याचार के बारे में गुरु साहिब को अवगत करवाया। तब गुरु साहिब जी ने कहा कि वक्त आ गया है जब किसी महापुरुष को बलिदान देना होगा। इस पर गुरु साहिब के पुत्र गोबिंद ने कहा कि आपसे बड़ा बलिदानी कौन होगा। इसके बाद गुरु साहिब जी ने औरंगजेब को चुनौती दी। अत्याचारी शासक औरंगजेब ने गुरु साहिब को घोर यातनाएं देकर उनका शीश धड़ से अलग कर दिया। गुरु साहिब जी ने देश-धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दो दिन पहले श्री गुरु तेग बहादुर जी के चरणों में शीश नवाते हुए उनके 400वें प्रकाश पर्व को मनाया है।

खलनायकों को नहीं देश के नायकों को याद रखना होगा

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश में नायक भी हुए हैं और खलनायक भी हुए हैं लेकिन हमें नायकों को याद रखना होगा। श्री गुरु तेग बहादुर जी एक नायक थे और औरंगजेब एक खलनायक था। इसी तरह त्रेता युग में रावण एक खलनायक था और प्रभु श्री राम नायक हुए। इन महापुरुषों ने अत्याचार, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए कोई समझौता नहीं किया। सभी गुरुओं और महापुरुषों ने सर्व समाज को इसी रास्ते पर चलने की राह दिखाई है।

हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी ने लगाई पुस्तक प्रदर्शनी

पानीपत के सेक्टर-13 व 17 में आयोजित श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाशोत्सव के कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रर्दशनी हाल में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब को समर्पित पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी पंचकूला की ओर से श्री गुरु तेग बहादुर जी व अन्य गुरु साहिबान के जीवन काल तथा शिक्षाओं से जुड़ी पुस्तकों का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा पंजाबी साहित्य और संस्कृति से जुड़ी हुई पुस्तकों को भी प्रदर्शित किया गया। इस प्रदर्शनी में हजारों श्रद्धालुओं को मुफ्त में पुस्तकें दी गई। हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी पंचकूला के डिप्टी चेयरमैन गुरविंदर सिंह धमीजा की देखरेख में लगी इस प्रदर्शनी में आज दिन भर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही।

कम पड़ गई 20 दिन में पंजाबी सिखाने वाली पुस्तकें

प्रर्दशनी हाल में सिख मिशनरी कॉलेज की ओर से श्रद्धालुओं के लिए लगाई गई पुस्तक प्रदर्शनी में स्कूल-कॉलेज के बच्चे पंजाबी भाषा को सीखने के लिए उत्साहित नजर आए। इस स्टाल पर श्री गुरु नानक साहिब की शिक्षा और हमारा आचरण, गुरु ग्रंथ साहिब का सार, सिख धर्म के प्राथमिक जानकारी, वैशाखी का पैगाम, जीवन यात्रा और धर्म सिद्धांत गुरु अरजन देव जी, सिख धर्म प्रश्नोत्तरी, सिख रहत मर्यादा, सिख फुलवाड़ी सहित विभिन्न पुस्तकें प्रदर्शित की गई।हरियाणा के कोने-कोने से आए स्कूल कॉलेज के बच्चों में पंजाबी सीखने का क्रेज देखने को मिला। यहां पर 20 दिन में खुद पंजाबी भाषा लिखने और सीखने से संबंधित पुस्तकों की सबसे अधिक मांग रही। इस प्रदर्शनी में सभी को मुफ्त में किताबें वितरित की गई। इस पुस्तक में पंजाबी वर्णमाला की पहचान व अक्षरों का अभ्यास बड़े ही आसान तरीके से समझाया गया है।देवनागरी से मिलती-जुलती गुरमुखी के शब्दों को देखकर बच्चों में पंजाबी भाषा को सीखने की और भी अधिक ललक दिखाई दी।

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