मुख्यमंत्री खट्टर बोले- सूर्य ग्रहण मेले का सफल आयोजन, लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

सूर्य ग्रहण के अवसर देश-विदेश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर में आस्था की डूबकी लगाई और पुण्य के भागीदार बने। इस पवित्र सरोवर में सूर्य ग्रहण के समय स्नान करके श्रद्घालुओं ने सैकड़ों अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य कमाया। इस ब्रह्मसरोवर, सन्निहित सरोवर, ज्योतिसर और पिहोवा सरस्वती तीर्थ में महिलाओं ने भजन गाते हुए और जयघोष की ध्वनि के बीच स्नान किया। इस सूर्यग्रहण का कुरुक्षेत्र में करीब 1 घंटे 59 मिनट तक प्रभाव रहा। सायं 4 बजकर 27 मिनट पर सूर्य ग्रहण स्पर्श के समय स्नान किया और 5 बजकर 39 मिनट पर जैसे ही आंशिक सूर्यास्त और मोक्ष हुआ तो श्रद्धालुओं ने दोबारा मोक्ष की डुबकी लगाई और पूजा-अर्चना की। हालांकि सूर्य ग्रहण का प्रभाव सायं 6 बजकर 25 मिनट तक रहा, लेकिन सूर्यास्त होने के कारण यह कुरुक्षेत्र में दिखाई नहीं दिया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरुक्षेत्र में आयोजित सूर्य ग्रहण मेले के सफल आयोजन पर इस मेले की व्यवस्था में जुटे सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व जिला प्रशासन को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक खगोलीय घटना के समय पवित्र ब्रह्मसरोवर में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डूबकी लगाई। लोगों की सहूलियत के लिए बेहतर इंतजाम किए गए थे। इससे ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं ने कुरुक्षेत्र में पहुंचकर पवित्र ब्रह्मसरोवर में डूबकी लगाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजनों को सफलापूर्वक पूरा करना चुनौतीपूर्ण कार्य होता है लेकिन हरियाणा सरकार ने इसे बेहतर तरीके से पूरा किया है। उन्होंने कहा कि लाखों लोग कुरुक्षेत्र पहुंचे जबकि इतने ही लोगों ने कुरुक्षेत्र प्रशासन की कुरुक्षेत्र दर्शन मोबाइल एप पर इस घटना को देखा। इस मोबाइल एप पर सूर्यग्रहण मेले से संबंधित तमाम अहम जानकारियां अपलोड की गई थी।
संतों से लेकर श्रद्धालुओं तक के लिए अलग-अलग की गई थी स्नान की व्यवस्था
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि संतों से लेकर अन्य श्रद्धालुओं के लिए स्नान की अलग-अलग व्यवस्था की गई थी। युधिष्ठिर घाट पर शाही स्नान की व्यवस्था की गई थी। घाटों पर बिजली, पीने के पानी, शौचालयों की व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ अन्य प्रकार के इंतजाम कर दिए गए थे। मेला क्षेत्र को 20 सेक्टरों में बांटा गया था और 4500 पुलिस कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई थी। मेले को लेकर छोटे से छोटे पहलू को जहन में रखकर तैयारी की गई थी। इसके साथ-साथ 400 बसों व स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई थी। मेला स्थल के आसपास 370 सीसीटीवी, 25 जगह पार्किंग की व्यवस्था और 260 ई-रिक्शा को मुफ्त चलाया गया था।
आस्था और पर्यटन का संगम है कुरुक्षेत्र
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता स्थली कुरुक्षेत्र आस्था और पर्यटन का संगम है। पिछले दिनों पवित्र तीर्थ ज्योतिसर में भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप की मूर्ति का अनावरण किया गया था। अब जल्द ही यहां पर थ्री-डी प्रोजेक्शन मैपिंग शो भी देखने को मिलेगा। इसका लगभग कार्य पूरा हो चुका है। आने वाले दिनों में इस शो का उद्घाटन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाभारत और श्रीमद्भागवत गीता से जुड़े प्रसंगों को दिखाया जाएगा। इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक जैसे ऑगमेंटेड रियलिटी, होलोग्राफिक इमेज, रोबोटिक और ड्रोन आदि का इस्तेमाल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्योतिसर तीर्थ पर पहले भी 2019 से एक लाइट एंड साउंड शो चल रहा है। इसके अतिरिक्त सरकार ने ज्योतिसर तीर्थ का परिक्रमा पथ भी बनवाया है। तीर्थ पर लाइटिंग का कार्य किया गया है और प्राचीन वट वृक्ष की सुरक्षा के लिए दीवार भी तैयार करवाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र अध्यात्मिक का केंद्र है, सरकार इसके विकास पर तत्परता से कार्य कर रही है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव की तरह श्री कृष्ण उत्सव भी मनाया जाएगा-
सीएम ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की नगरी का विकास करने के लिए कुरुक्षेत्र डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया गया था। इस बोर्ड द्वारा 48 कोस सर्किट के तहत 164 स्थानों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इन स्थानों पर स्थित मंदिरों और सरोवरों को विकसित किया जा रहा है। जिस प्रकार अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का भव्य तरीके से आयोजन किया जाता है उसी प्रकार आने वाले समय में श्री कृष्ण उत्सव भी मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृष्णा सर्किट योजना के तहत हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र को ऐसा तीर्थ स्थल बनाया जा रहा है, जो आकर्षण का केंद्र बनेगा। कुरुक्षेत्र में तिरुपति बालाजी का एक मंदिर बन रहा है। इस्कॉन मंदिर, अक्षरधाम मंदिर बन चुके हैं। गीता ज्ञान संस्थानम भी गीता के ज्ञान के प्रसार के लिए बहुत बड़ा संस्थान बनने वाला है। यहां रिसर्च का काम भी चल रहा है।
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