मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खनन ठेकेदारों को दिया बड़ा तोहफा

हरियाणा में कोविड-19 वैश्विक महामारी और भारत सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण खनन क्षेत्र में आई कठिनाइयों तथा प्राकृतिक आपदा के रूप में इस पर विचार करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में 25 मार्च, 2020 से 19 अप्रैल, 2020 तक की अवधि के लिए कॉन्ट्रैक्ट मनी/डेड रेंट और पुनर्वास और पुनस्र्थापन (आर एंड आर) निधि के लिए देय राशि को माफ करने की घोषणा की है। इसका लाभ उन मिनर्ल कन्सेशन होल्डर्स को होगा, जिन्होंने लॉकडाउन की अवधि के दौरान खदानों का संचालन किया था।
मनोहर लाल मंगलवार को राज्य के खनन ठेकेदारों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। यह लाभ इस शर्त के अधीन होगा कि इन 26 दिनों के लिए आनुपातिक उत्पादन अनुमोदित क्षमता से कम हुआ हो। बैठक में खनन एवं भूविज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि 26 दिनों की अवधि के लिए 24 मार्च, 2020 तक लंबित बकाया राशि का भुगतान न करने पर यदि कोई ब्याज हो तो उसे भी एकमुश्त राहत पैकेज के रूप में माफ कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि खनन ठेकेदार / पट्टा धारक जो पट्टे / अनुबंध को सरेंडर (बिना शर्त अनुरोध) करना चाहते हों, उन्हें भी अनुमति दी जाएगी बशर्ते कि वे कैलेंडर माह तक कोई देय राशि बकाया नहीं है के प्रमाण पत्र के साथ आवेदन जमा करेंगे और एक महीने के डेड रेंट/ कॉन्ट्रैक्ट मनी के बराबर सरेंडर फीस का भुगतान करेंगे। हालाँकि,1 जून से 15 सितंबर (मानसून अवधि) के दौरान आवेदन जमा करने के मामलों में यह सरेंडर फीस दो महीने की देय राशि के बराबर होगी।
उन्होंने कहा कि नई खानों की नीलामी के मामले में पट्टे / अनुबंध की हर तीन साल की अवधि के बाद वार्षिक डेड रेंट / कॉन्ट्रैक्ट मनी बढ़ाने की शर्त/नियम 25 प्रतिशत (वर्तमान दर) की बजाय 10 प्रतिशत होगा। इसके अलावा, सरकारी देय राशि के देरी से भुगतान करने पर ब्याज की दर 21 प्रतिशत प्रति वर्ष से घटाकर 12 प्रतिशत प्रति वर्ष की जाएगी। उन्होंने कहा कि खनन ठेकेदारों/ पट्टा धारकों को सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) के रूप में वार्षिक डेड रेंट / कॉन्ट्रैक्ट मनी के 25 प्रतिशत के बराबर की प्रतिभूति राशि का विकल्प दिया जाएगा।
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