मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पौधारोपण कर राज्यस्तरीय वन महोत्सव का किया शुभारंभ

हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र
पिहोवा के स्योंसर सरस्वती वन में विभागीय विश्राम गृह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Cm Manohar Lal) ने पौधारोपण कर पौधरोपण अभियान का आगाज किया। उनके साथ वन मंत्री कवंरपाल, सासंद नायब सिंह सैनी, खेल मंत्री संदीप सिंह, वन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मलाल गोंदर, विधायक सुभाष सुधा, विधायक सुभाष सुधा ने भी पौधारोपण किया।
कुरुक्षेत्र के सरस्वती वन में 73वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव में संबोधित करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमें ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के साथ-साथ उनकी रक्षा और सुरक्षा करने का भी संकल्प लेना चाहिए। हरियाणा सरकार ने पेड़ों से लगाव रखने वाले और पर्यावरण को संरक्षित करने वाले लोगों के लिए दर्शनलाल जैन पर्यावरण अवॉर्ड की शुरूआत की है, भविष्य में पर्यावरण से जुड़े अवॉर्ड का और विस्तार किया जाएगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सर्वप्रथम 1857 की क्रांति के महानायक मंगलपांडे की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन महोत्सव की शुरूआत सबसे पहले 1950 में कन्हैयालाल माणिकलाल ने की थी। तभी आज हम 73वां वन महोत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कालांतर में इस पृथ्वी पर सबसे पहले वन उगे होंगे, पृथ्वी की जितनी आयु है उतनी वनों की आयु होगी। अभी तक के शोध से पता चला है कि वन किसी और गृह पर नहीं है, यह सिर्फ पृथ्वी पर हैं । हमें ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए और इनकी रक्षा व सुरक्षा करनी चाहिए।
पौधे लगाने का यह सबसे उपयुक्त समय
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि पौधे लगाने का यह सबसे उपयुक्त समय है। जुलाई, अगस्त और सितंबर में बारिश होती है। ऐसे में हमें ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए। सरकार हर वर्ष पौधे लगाती है। इस वर्ष भी 2 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। मौजूदा समय में हरियाणा का वन क्षेत्र 7.14 प्रतिशत है। इसे 20 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना बड़ा जरूरी है और यह जिम्मेवारी हम सबकी बनती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने बागवानी करने वाले किसानों को 1 एकड़ में बाग लगाने पर 10 हजार रुपये प्रति एकड़ तीन साल तक मुआवाजा देने की योजना भी शुरू की है।
मोरनी में 50 हजार एकड़ में लगाए जाएंगे औषधीय पौधे
मुख्यमंत्री ने कहा कि पतंजलि योग पीठ के सहयोग से मोरनी क्षेत्र के 50 हजार एकड़ में औषधीय पौधे लगाए जाने की योजना बनाई गई है। इस योजना से वहां के किसानों को लाभ मिलेगा। औषधीय पौधे हमारे काम आते हैं और जीवन रक्षक का कार्य करते हैं। मुख्यमंत्री ने वनों के महत्व पर बोलते हुए कहा कि महात्मा बुद्ध को पेड़ के नीचे ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। भगवान श्री कृष्ण ने वट वृक्ष के नीचे ही गीता का ज्ञान दिया था। इसके अलावा संत और सन्यासियों ने वृक्षों के नीचे ही तपस्या की थी। वृक्षों का महत्व हम सभी के जीवन में है।
75 साल से ज्यादा आयु के वृक्षों के लिए शुरू की पेंशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए प्राणवायु देवता पेंशन स्कीम शुरू की है। इस योजना के तहत 75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के रखरखाव के लिए 2500 रुपये प्रति वर्ष प्रति पेड़ पेंशन का प्रावधान किया है। इसमें बुढ़ापा सम्मान पेंशन के अनुसार हर वर्ष बढ़ोतरी भी की जाएगी। फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट से इनकी आयु की वेरिफिकेशन करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशभर में और आक्सीवन बनाए जाएंगे। इसके तहत 5 एकड़ से 100 एकड़ पर सैकड़ों की संख्या में पेड़ लगाए जाएंगे। अभी तक पंचकूला, करनाल, सोनीपत और यमुनानगर में आक्सीवन बनाए गए हैं। भविष्य में इसे और जगहों पर भी बनाया जाएगा।
स्योंसर से ईसाक तक की सड़क को किया जाएगा चौड़ा
मुख्यमंत्री ने स्योंसर गांव के लोगों की मांग पर स्योंसर से ईसाक तक की सड़क को चौड़ा करने की घोषणा की। इसके साथ-साथ नीमवाला में मंडी बनाने की फिजिब्लिटी चैक करवाई जाएगी। इसके बाद इसे बनवाया जाएगा।
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