नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एसवाईएल नहर के मुद्दे को उठाया

नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एसवाईएल नहर के मुद्दे को उठाया
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जल संरक्षण और जल का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कईं कदम उठाए हैं। परंतु प्रदेश का अधिकांश हिस्सा डार्क जोन में तबदील होता जा रहा है, इसलिए केंद्र सरकार एसवाईएल, हांसी बुटाना लिंक नहर के मुद्दे पर हस्तक्षेप कर इसे सुलझाए ताकि हरियाणा को अपना पानी मिल सके।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्र सरकार से एसवाईएल, हांसी बुटाना लिंक नहर के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है, ताकि हरियाणा को अपना अधिकार मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पानी की उपलब्धगता हेतु किशाऊ डैम के लिए जल्द ही एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके अलावा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के साथ लखवार और रेणूका डैम के लिए पहले ही एमओयू हो चुका है। मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की छठी गवर्निंग काउंसिल की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जल संरक्षण और जल का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कईं कदम उठाए हैं। परंतु प्रदेश का अधिकांश हिस्सा डार्क जोन में तबदील होता जा रहा है, इसलिए केंद्र सरकार एसवाईएल, हांसी बुटाना लिंक नहर के मुद्दे पर हस्तक्षेप कर इसे सुलझाए ताकि हरियाणा को अपना पानी मिल सके। मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा देश में बड़े राज्यों में सर्वाधिक जीएसटी कलेक्शिन कर रहा है, परंतु इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारण हरियाणा को मात्र 20 प्रतिशत जीएसटी ही मिल पाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से अधिक जीएसटी कलेक्शिन करने वाले राज्यों के लिए प्रोत्साहन देने की योजना बनाने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीब परिवारों के कल्याण के लिए महत्वकांक्षी योजना परिवार पहचान पत्र शुरू की गई है, जिसके तहत गरीब परिवारों को चिह्नित कर उनके विकास के लिए उन्हें सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी। इस योजना से सरकार का उद्देश्य अंत्योदय को आगे बढ़ाना है, ताकि पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ पहुंचना सुनिश्चित किया जा सके।

भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना

मुख्यमंत्री ने भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने राज्य स्तर पर अनुपालन बोझ को कम करने और ईज ऑफ डूइंग बिजऩेस के लिए हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति 2020 शुरू की गई। साथ ही, जिला स्तरीय कार्य योजना का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन किया गया। विभिन्न अधिनियमों के तहत लाइसेंसों के नवीनीकरण की आवश्यकता को समाप्त करके अनुपालन बोझ को कम किया गया।

आधारभूत ढांचा विकसित करने पर जोर

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए केएमपी के आसपास हरियाणा रेल ऑर्बिटल परियोजना को लागू किया जा रहा है और केएमपी एक्सप्रेसवे का निरंतर सुधार किया जा रहा है। साथ ही, हिसार में एकीकृत विमानन हब और हरियाणा में दिल्ली मेट्रो के विस्तार की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।

कृषि क्षेत्र को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि को बढ़ावा देने के लिए संसाधनों के बेहतर व उचित उपयोग हेतु जिला स्तर पर फसल प्रणाली को कृषि-जलवायु परिस्थितियों के साथ जोडऩे की दिशा में कार्य किया जा रहा है। धान की फसल के स्था न पर वैकल्पिक फसलों जैसे मक्का, कपास, बाजरा, दालें, सब्जियां और फलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत किसानों को फसल विविधिकरण अपनाने के लिए 7 हजार रुपये प्रति एकड़ का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके परिणास्वरूप प्रदेश में 97,000 एकड़ भूमि पर धान के स्था्न पर अन्य वैकल्पिक फसलों की बुवाई की गई है।

शिक्षा में सुधार

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा सदैव प्रदेश सरकार की प्राथमिकता रही है और शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 3 से 6 साल के बच्चों के लिए 4 हजार प्ले वे स्कूल खोलने की सरकार की योजना है। इसके अलावा, सुपर100 कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, जिसमें सरकारी स्कूलों के छात्रों को रेवाड़ी और पंचकूला में जेईई और एनईईटी के लिए निशुल्क आवासीय कोचिंग दी जा रही है। डिजिटल माध्यम से शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए विद्यार्थिर्यों को निशुल्क टैब सुविधा प्रदान की गई है।उन्होंने कहा कि वर्कफोर्स के कार्यकौशल/ रिस्कीलिंग और अपस्किलिंग के लिए संसाधनों को मजबूती देने हेतु भारत का पहला राज्य सरकार द्वारा चलाए जाने वाला कौशल विश्वविद्यालय पलवल में स्थापित किया गया है। 15,301 सक्षम युवाओं को हरियाणा कौशल विकास मिशन के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इसके अलावा, प्रदेश के सभी जिलों में जल्द ही स्किल गैप स्टडी शुरू की जाएगी ।


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