मुख्य सचिव ने गुरूग्राम में अमृत सरोवरों का किया निरीक्षण, लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव ने गुरूग्राम में अमृत सरोवरों का किया निरीक्षण, लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
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मुख्य सचिव ने कहा कि अमृत सरोवर परियोजना के तहत विकसित किए जा रहे इन सरोवर की यूजर बॉडी का बनना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किसी भी अमृत सरोवर की प्लानिंग में ग्रामीणों के सुझाव भी जरूर लें और यदि ग्रामीणों को गांव में एक से अधिक अमृत सरोवर की आवश्यकता है, तो इस पर भी विचार करें।

गुरूग्राम : हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सोमवार को गुरुग्राम जिले में 'अमृत सरोवर' कार्यक्रम के तहत गांव हरियाहेड़ा और दोहला में विकसित किए गए तालाबों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में अमृत सरोवर परियोजना के तहत विकसित किए जाने वाले तालाबों को आकर्षण का केंद्र बनाया जा रहा है।

मुख्य सचिव ने अमृत सरोवरों का निरीक्षण करने के बाद ग्रामीणों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवर परियोजना के तहत विकसित किए जा रहे इन सरोवर की यूजर बॉडी का बनना अत्यंत आवश्यक है। इन अमृत सरोवर को जो लोग उपयोग करेंगे, वे इसमें भागीदार अवश्य होने चाहिएं। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस बात पर भी मंथन करें कि इन बॉडीज को अमृत सरोवर की बेहतरी के लिए कैसे उपयोग में लाया जा सकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी अमृत सरोवर की प्लानिंग में ग्रामीणों के सुझाव भी जरूर लें और यदि ग्रामीणों को गांव में एक से अधिक अमृत सरोवर की आवश्यकता है, तो इस पर भी विचार करें।

अमृत काल में खोई हुई विरासत को पुन: मजबूत व जल संचयन की पुरानी पद्धति को पुनर्जीवित करने पर विशेष ध्यान

मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि वर्ष 2047 में देश की आजादी के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे। ऐसे में प्रधानमंत्री ने 2047 तक की अवधि को अमृत काल का नाम दिया है। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री के आह्वान पर प्रदेश में 1,650 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन लोगों से मिले सुझावों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में 2,700 से अधिक अमृत सरोवरों को पुनर्जीवित व विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांव के बलिदानियों के नाम पर अमृत सरोवरों के नाम रखे जाने चाहिए।

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि दोनों अमृत सरोवरों के निर्माण व जल शुद्धिकरण की प्रक्रिया में रुटजोन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। गांव हरियाहेड़ा में अमृत सरोवर के निर्माण में सीएसआर पार्टनर हुंडई का सहयोग लिया गया है। वहीं गांव दोहला में निर्मित अमृत सरोवर को डी प्लान के तहत तैयार किया गया है। मुख्य सचिव ने दोनों अमृत सरोवरों की विस्तृत जानकारी लेने के साथ ही परियोजनाओं में सुधार के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

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