मुख्य सचिव संजीव कौशल बोले- हरियाणा में 30 जून तक 2,679 अमृत सरोवरों का किया जाएगा निर्माण व पुनरुद्धार

चंडीगढ़। हरियाणा में जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ते हुए 30 जून, 2023 तक 2,679 अमृत सरोवरों का निर्माण व पुनरुत्थान किया जाएगा जबकि पहले मिशन अमृत सरोवर योजना के तहत राज्य में 1,650 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जाना था, जिनमें 876 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है जो 53 प्रतिशत है।
यह जानकारी बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्य सचिव संजीव कौशल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए प्रगति प्लेटफार्म के अंतर्गत ‘मिशन अमृत सरोवर’ योजना की समीक्षा बैठक के बाद दी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री को राज्य की ‘मिशन अमृत सरोवर’ योजना की प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब राज्य सरकार द्वारा 1,650 अमृत सरोवरों के निर्माण की बजाए 2,679 अमृत सरोवरों का निर्माण आगामी माॅनसून से पहले ही पूरा किया जाएगा।
संजीव कौशल ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत सभी संबंधित अधिकारियों जैसे कि उपायुक्त, प्रशासनिक सचिवों और संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ‘मिशन अमृत सरोवर’ योजना के अंतर्गत निर्मित किए जाने वाले सरोवरों को इंजीनियरिंग परियोजना में श्रेणीबद्ध न करें बल्कि इसमें जनभागीदारी को सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए यूजर ग्रुपों को तैयार किया जाए ताकि इन यूजर ग्रुप में शामिल लोगों को सरोवर के पानी के उपयोग के संबंध में प्रशिक्षण भी मिलें और वे जल के संरक्षण व उपयोगिता के प्रति जागरूक भी हो सकें।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस योजना के अंतर्गत सरोवरों के संरक्षण के संबंध में स्वयंसेवकों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके अलावा, विभिन्न जिलों में जाने वाले प्रशासनिक सचिव, जिन्हें विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं व कार्यक्रमों की निगरानी के लिए इंचार्ज नियुक्त किया गया है, वे भी अपने-अपने संबंधित जिलों में ‘मिशन अमृत सरोवर’ योजना की निगरानी करेंगें और यूजर ग्रुप व स्वयंसेवकों की भागीदारी को देखेंगें।
ऐसे ही, मत्स्य विभाग व वन विभाग के अधिकारी भी इस योजना के तहत अपने विभागों की संबंधित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इस योजना में शामिल होगें।
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि जब यह सरोवर तैयार हो जाएं, तो स्थानीय मौजिज लोगों और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए और साथ ही इन सरोवरों को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की संभावनाओं को तलाशा जाए। उन्होंने बताया कि सरोवरों के संरक्षण के दौरान ग्रे-वाटर/गंदे पानी का तकनीक के माध्यम से ट्रीटमेंट किया जाएगा और इस पानी को सिंचाई, मत्स्य पालन इत्यादि कार्यों के लिए प्रयोग किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मनरेगा, सीएसआर, हरियाणा तालाब प्राधिकरण इत्यादि के माध्यम से ‘मिशन अमृत सरोवर’ योजना के अंतर्गत सरोवरों का निर्माण व पुनरुद्धार किया जाएगा।
इस बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार, सिंचाई विभाग देवेन्द्र सिंह, सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक, हरियाणा तालाब प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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