चीफ विजिलेंस ऑफिसर करेंगे फर्जी केबल मामले की जांच, एसीएस को जांच अधिकारी किया नियुक्त

सिरसा। पब्लिक हेल्थ विभाग द्वारा स्थापित किए गए ट्यूबवेल में नकली केबल मामले की जांच के आदेश चीफ विजिलेंस ऑफिसर को दिए गए हैं। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से जारी किए गए आदेशों के बाद जांच सिरे चढऩे आस भी बंध गई है।
पब्लिक हेल्थ विभाग में नकली केबल के इस्तेमाल का भंडाफोड़ करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता नीटू कुमार व जतिन गोयल की ओर से ई-मेल के माध्यम से की गई शिकायत में बताया कि पब्लिक हेल्थ की मैकेनिकल डिविजन द्वारा सिरसा में 7 ट्यूबवेल लगाए गए थे। इन ट्यूबवेल के लगाने में बरती गई अनियमितताओं को जांच के दौरान नजर अंदाज किया गया है। शिकायत में बताया कि जांच अधिकारी ने बाहरी तौर पर ही जांच की। ट्यूबवेल की गहराई नहीं नापी गई। जबकि एम.बी. में ट्यूबवेल की गहराई अंकित होती है। दरअसल, विभागीय अधिकारियों ने कागजों में ट्यूबवेल की अधिक गहराई दर्शाकर ठेकेदार को लाभ पहुंचाया है।
वर्क अलॉटमेंट बाद में दिया
शिकायत में नीटू कुमार व जतिन गोयल की ओर से बताया गया कि उनकी ओर से नकली केबल के इस्तेमाल की शिकायत 16 अगस्त 2021 में की गई। विभाग द्वारा 24 अगस्त को सेंपल लिया गया, 30 अगस्त को सेंपल फेल होने की रिपोर्ट आई, 31 अगस्त को विभाग के एसडीओ ने ठेकेदार को केबल बदलने बारे पत्र लिखा। जबकि ठेकेदार को ट्यूबवेल लगाने का वर्क आर्डर 28 सितंबर 2021 को दिया गया। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एम.बी. (मेजरमेंट बुक) में इंट्री की जिम्मेवारी जेई की होती है, जबकि एम.बी. पर इंट्री एसडीओ जगदीप दलाल द्वारा अंकित की गई है। जिसका जांच में खुलासा हो सकता है।
8 ट्यूबवेल पब्लिक हेल्थ सिरसा ने लगाए
पब्लिक हेल्थ विभाग द्वारा सिरसा में 15 स्थानों पर ट्यूबवेल स्थापित किए जाने थे। ट्यूबवेल लगाने का कार्य पब्लिक हेल्थ की मैकेनिकल डिविजन के अधीन आता है। मैकेनिकल डिविजन द्वारा 7 ट्यूबवेल लगाए गए, जबकि 8 ट्यूबवेल पब्लिक हेल्थ सिरसा द्वारा लगाए गए। नीटू कुमार ने इन ट्यूबवेल में घटिया पाईप, एंगल, केबल व अन्य सामान के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए सीएम विंडो खटखटाई थी।
विज के आदेश पर दर्ज हुआ था मामला
नकली केबल के इस्तेमाल का खुलासा होने के बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा लीपापोती की कोशिश की गई। नीटू कुमार ने जिला कष्ट निवारण समिति में मामला रखा। प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने 31 दिसंबर 2021 को समिति की अध्यक्षता करते हुए मामले में विभागीय अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया।
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