कैथल में ममता शर्मशार : तीन घंटे पहले जन्मे बच्चे को रात के अंधरे में आश्रम के पालने में छोड़ा

कैथल में ममता शर्मशार : तीन घंटे पहले जन्मे बच्चे को रात के अंधरे में आश्रम के पालने में छोड़ा
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तुरंत बच्चे को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध करवाने के लिए नागरिक अस्पताल भिजवाया गया, बच्चे की हालत सही बताई जा रही है।

हरिभूमि न्यूज. कैथल

मां की ममता उस समय तार-तार होती नजर आई जब कोई अज्ञात महिला अपने नवजात बच्चे को बाल उपवन आश्रम के शिशु पालने में छोड़ गई। नवजात को उपचार के लिए नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया गया है।

बाल उपवन आश्रम कोठी गेट कैथल के इंचार्ज अजय श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें सुबह करीब सवा छह बजे आश्रम के मुख्य गेट पर लगे शिशु पालने से बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने जाकर देखा तो पालने में नवजात रो रहा था। उसने तुरंत इसकी सूचना सभा के प्रधान रविभूषण गर्ग को सूचना दी। सूचना मिलते ही रविभूषण गर्ग मौके पर पहुंचे तथा तुरंत बच्चे को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध करवाने के लिए नागरिक अस्पताल भिजवाया। अस्पताल में बच्चे की हालत सही बताई जा रही है। बाल उपवन के इंचार्ज द्वारा स्थानीय पुलिस, बाल कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी को किशोर न्याय कानून के अनुसार सूचना दी गई। बच्चे को चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया है। चिकित्सकों के अनुसार बच्चा करीब तीन घंटे पहले ही जन्मा था।

सड़क या झाड़ियों में न फैंके नवजात को : रविभूषण गर्ग

श्री सनातन धर्म सभा के प्रधान रविभूषण गर्ग आम जन से अपील की है कि अनचाहा बच्चा और वह बच्चा जिसके अभिभावक बच्चे की देख रेख करने में सक्षम नहीं हैं वे अपने बच्चो को सड़क या झाडि़यों में न फैंके अपितु नियमानुसार बाल कल्याण समिति में दरखास्त देकर बच्चो को प्रशासन को सौप दें। उन्होंने कहा की नवजात शिशु यानि एक जिंदगी भगवान की न्यामत है जिसे हम अपनी जान से भी जायदा संभाल कर रखते हैं।

2019 में बच्ची को गंदे नाले में फेंक दिया था

कैथल के माता गेट से 2019 में किसी मां ने अपनी नवजात को गंदे नाले में फेंक दिया था। इस बच्ची को वहां पर घूम रहे आवारा कूत्तों ने नोचने की बजाय बचा लिया था। इसके बावजूद बच्ची बुरी तरह जख्मी होने के कारण उसका उपचार कई माह तक पीजीआई चंडीगढ़ में चला था तथा वर्तमान में यह बच्ची बाल उपवन आश्रम दत्तक ग्रहण एजेंसी में पल रही है।

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