अभिभावकों की डांड-फटकार भी सहन नहीं कर पा रहे बच्चे, पुलिस की भागदौड़ बढ़ा रहे

अभिभावकों की डांड-फटकार भी सहन नहीं कर पा रहे बच्चे, पुलिस की भागदौड़ बढ़ा रहे
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पिछले कुछ समय में ऐसे मामलों मेंबढ़ोतरी हुई है। इस वजह से परिजनों को तो कष्ट झेलना पड़ता ही है, पुलिस की भागदौड़ भी बढ़ जाती है।

बहादुरगढ़। समय बदलने के साथ ही बच्चों, युवाओं के व्यवहार में भी बदलाव आ रहा है। माता-पिता की डांट-फटकार को भी बच्चे सहन नहीं कर पा रहे और नाराज होकर अपने घर से निकल जाते हैं। पिछले कुछ समय में ऐसे मामलों मेंबढ़ोतरी हुई है। इस वजह से परिजनों को तो कष्ट झेलना पड़ता ही है, पुलिस की भागदौड़ भी बढ़ जाती है।

अभी हाल ही में बादली इलाके में भी ऐसी ही एक घटना हुई, जिसनें परिजनाें और पुलिस की परेशानी बढ़ा दी। काफी दौड़-भाग के बाद किशोर सकुशल बरामद हो गया। लड़का मिला तो परिजनों की जान में जान आई और पुलिस को भी राहत मिली। दरअसल, करीब 14 वर्षीय लड़का घर से अपने प्लॉट के लिए गया था। करीब एक घंटे बाद भी वापस नहीं आया तो परिजनों ने उसके पास कॉल की। तब उसने अपने पिता को बताया कि तीन नकाबपोश युवक उसे कहीं ले गए हैं और खेतों में बांध दिया। यह सुनकर परिजन भी चिंतित हुए और उन्हाेंने पुलिस को मामले से अवगत कराया। पुलिस ने आनन-फानन में अपहरण की मुकदमा दर्ज कर बालक की तलाश शुरू की। देर शाम को बालक सकुशल बरामद हो गया।

पुलिस की मानें तो बच्चे का अपहरण नहीं हुआ था। वह नाराज होकर चला गया था और बाद में परिजनों को उसके अपहरण की सूचना मिली। फिलहाल लड़का मिल गया है। उधर, मनोविज्ञानी शैली लाठर ने कहा कि पहले माता-पिता, शिक्षक और यहां तक कि आसपड़ोस के लोग भी बच्चों को डांट-फटकार देते थे। अब समय के साथ व्यवहार में बदलाव आ रहा है। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। यदि बच्चे से कोई गलती हो तो उसे प्रेम से समझाएं। छोटी उम्र से ही उसे ऐसा माहौल दें कि वो आप पर भरोसा करें। कोशिश करें कि किशोरावस्था के दौरान बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्हें अकेलापन महसूस न होने दें।

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