प्रवासी मजदूर के बच्चों को बिना एसएलसी मिलेगा स्कूलों में दाखिला

प्रवासी मजदूर के बच्चों को बिना एसएलसी मिलेगा स्कूलों में दाखिला
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केंद्र सरकार (central government) की ओर से भी अर्ध सरकारी पत्र प्रदेश सरकार को मिला है। इन बच्चों के दाखिला और पढ़ाई में कोई बाधा न आए इस बात को ध्यान में रखते हुए कई निर्णय लिए गए है। ऐसे में अब जिला ड्राफ्आउट मुक्त हो, इसके लिए शिक्षा विभाग अभियान चलाएगा।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

कोविड-19 (COVID-19) महामारी के दौरान बहुत अधिक संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने घर परिवार सहित गृह राज्यों में लौट गए है। कुछ अन्य राज्यों से हरियाणा के प्रवासी अपने गृह राज्य में लौटकर आए है। उनके बच्चें की शिक्षा को लेकर शिक्षा विभाग (Education Department) प्लानिंग तैयार करने में जुटा है। भारत सरकार की ओर से भी अर्ध सरकारी पत्र प्रदेश सरकार को मिला है। इन बच्चों के दाखिला व पढ़ाई में कोई बाधा न आए इस बात को ध्यान में रखते हुए कई निर्णय लिए गए है। ऐसे में अब जिला ड्राफ्टआउट मुक्त हो, इसके लिए शिक्षा विभाग अभियान चलाएगा।

माध्यमिक शिक्षा हरियाणा के सहायक निदेशक (शैक्षणिक) की ओर से जिला शिक्षा विभाग को भेजे निर्देश में कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान जो बच्चे आपके विद्यालय से किसी अन्य विद्यालय अथवा दूसरे राज्य में चले गए है का पूर्ण विवरण रखा जाए। यह विवरण बच्चों के माता-पिता अथवा अभिभावकों से दूरभाष, व्हाट्सएप, पडोसी, सहपाठियों की सहायता से तैयार किया जाए। इन सभी का उस स्थान पर सम्भावित ठहराव भी लिखा जाए। जो छात्र चले गए है उनको अलग से अस्थाई अनुपलब्ध प्रवासी दर्शाते हुए पूर्ण विवरण तैयार किया जाए। विद्यार्थी के दाखिले के संदर्भ में मात-पिता अभिभावकों से विभिन्न ई-संचार माध्यम से यदि सूचना प्राप्त हो जाती है कि अमुक विद्यार्थी द्वारा अपने वर्तमान निवास स्थान पर अपने गृह राज्य में दाखिला ले लिया है। ऐसी स्थिति में ही विद्यार्थी का नाम काटा जाए। यदि माता-पिता अभिभावक द्वारा ई-संचार माध्यम से एसएलसी देने का आग्रह किया है तो तुरंत जारी कर दिया जाए ताकि विद्यार्थी का दाखिला एंव शिक्षा नकारात्मक रूप से प्रभावित न हो। ऐसे बच्चों का विवरण कक्षा अनुसार तैयार किया जाए, ताकि मध्याहन भोजन, पुस्तकों व वर्दी आदि पर होने वाले खर्च राशि की गणना की जा सकें।

श्रमिकों के बच्चों को पहचान पत्र के आधार पर दें दाखिला

वर्तमान में आए प्रवासी श्रमिकों के बच्चे दाखिले के लिए विद्यालय में आते है तो उन्हें केवल पहचान पत्र के आधार पर निर्बाध दाखिला दिया जाएगा। उनसे किसी भी प्रकार का कोई भी विद्यालय त्याग प्रमाण-पत्र अथवा वह किस कक्षा में पढ़ कर आए है आदि का प्रमाण नहीं मांगा जाएगा। शिक्षा विभाग का मानना है कि यहां विद्यार्थी का दाखिला प्राथमिकता है। बच्चों के माता-पिता द्वारा प्रदान की गई सूचना को सही मानते हुए उनका दाखिला संबंधित कक्षा में किसी भी नजदीकी विद्यालय में किया जा सकता है। इसके लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में पहले ही प्रावधान किए गए है। स्कूल मुखियाओं को इन सभी बच्चों का विवरण अंकीकृत करते हुए शिक्षा विभाग को सूचना देनी होगी। इन सभी बच्चोें की समुचित पढ़ाई के लिए अतिरिक्त पढ़ाई का भी प्रबंध किया जा सकता है। लर्निंग गैप का समाप्त करते हएु उन्हें विद्यालय वातावरण में ढलने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 में निशुल्क शिक्षा के सभी लाभ पाठ्य-पुस्तक, वर्दी, स्टेशनरी, स्कूल बैग उपलब्ध करवाए जाएंगे।

प्रवासी बच्चों के दाखिले के लिए चार कमेटी होगी गठित

विद्यालय स्तर : इसमें सभी अध्यापक तथा अन्य कर्मचारी, एसएमसी सदस्य, एसएचजी के सदस्य, एमडीएम कर्मी, आंगनवाड़ी कर्मी, ग्राम पंचायत आदि एबीआरसी के समन्वय से सदस्य होंगे। इनका दायित्व सर्वे, प्रचार-प्रसार, दाखिला, डेटा अद्यतन तथा निशुल्क प्रावधानों की व्यवस्था एवं बजट की मांग करना होगा।

कलस्टर स्तर : सीआरसी, एबीआरसी, बीआरपी, एसआईएम, पंचायतें, एनजीओ, फाउंडेशन, सीएसआर के साथ अन्य कर्मी शामिल होंगे। इनका दायित्व स्कूलों के साथ समन्वय, कलस्टर को ड्राफ्आउट शून्य बनाना एवं बजट की मांग करना रहेगा।

खंड स्तर : एबीआरसी, बीआरपी, डाटा इंट्री तथा पूरी टीम बीईओ की अध्यक्षता में कार्य करेगी। इनका दायित्व स्कूलों एवं कलस्टर से समन्वय, खंड को ड्राफ्आउट शून्य बनाना एवं बजट की मांग करना रहेगा।

जिला स्तर : डीईईओ व डीपीसी (कक्षा 1 से 8) और डीईओ व डीपीसी (कक्षा 9 से 12) सदस्य के तौर पर शामिल रहेंगे। इनका कार्य एडीसी की अध्यक्षता में अन्य विभागों से समन्वय और पूरे जिले को ड्राफ्आउट मुक्त बनाना होगा। यहीं नहीं, डीईओ, डीईईओ, डीपीसी तथा प्रधानाचार्य डीआईईटी अपने-अपने जिले में एक-एक खंड के नोडल भी होंगे। संबंधित बीईओ को निर्देश देकर पूरे जिले को ड्राफ्आउट मुक्त बनाने का कार्य करेंगे।

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