बच्चों को अध्यापकों से लिखे बाल गीतों से मिलेंगी इतिहास की जानकारी, गणित में भी होंगे दक्ष

बच्चों को अध्यापकों से लिखे बाल गीतों से मिलेंगी इतिहास की जानकारी, गणित में भी होंगे दक्ष
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अध्यापक बाल गीतों के माध्यम से बच्चों को गांव, जिले, तहसील के नाम, नदियों, सागर से लेकर पहाड़ों के नाम बाल गीतों में पिरोकर बताए जाएंगे। इसके साथ ही भारत के महान वीरों, वीरांगनाओं, गणमान्य विभूतियों के बारे गीत के माध्यम से बच्चों को उनके बारे में जानकारी दी जाएगी।

महेंद्रगढ़। स्कूली बच्चों को अपने क्षेत्र इतिहास से अवगत कराने के लिए शिक्षकों के बीच कलस्टर से लेकर राज्यस्तरीय प्रतियोगिता का आयोजित कराई जाएगी। इसके अलावा बाल गीत से बच्चों में गणित के प्रति रूचि बढ़ाई जाएगी।

बचपन के दौरान बच्चे गीतों से बहुत कुछ सीखते हैं। इसी उद्देश्य से शिक्षा विभाग शिक्षकों से बाल गीत लिखवाने जा रहा है। इसको शिक्षा विभाग ने प्रतियोगिता का रूप दिया है। विभाग शिक्षकों के बीच ब्लॉक से लेकर प्रदेश स्तर तक बाल गीत प्रतियोगिता आयोजित कराई जाएगी। अध्यापक बाल गीतों के माध्यम से बच्चों को गांव, जिले, तहसील के नाम, नदियों, सागर से लेकर पहाड़ों के नाम बाल गीतों में पिरोकर बताए जाएंगे। इसके साथ ही भारत के महान वीरों, वीरांगनाओं, गणमान्य विभूतियों के बारे गीत के माध्यम से बच्चों को उनके बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि बच्चे कविताओं के माध्यम से अपने इतिहास के बारे जानकारी हासिल कर सके। इसके अलावा गणित में गिनती, पहाड़े, रुपए, पैसे, आकृति, क्षेत्रफल, लंबाई, पास आदि को बेस बनाते हुए शिक्षक बाल गीतों की रचना करेंगे, ताकि विद्यार्थियों के लिए समझने में आसानी हो। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों पत्र को जारी कर दिया है। शिक्षा विभाग द्वारा संचालित फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरिकी (एफएलएन) अध्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी बाल गीतों को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया था। ऐसे में शिक्षा विभाग ने अध्यापकों को बाल गीत लिखने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उनके बीच बाल गीत लेखन प्रतियोगिता कराने का निर्णय लिया है।

यह है प्रतियोगिता कराने का उद्देश्य

शिक्षा विभाग का यह प्रतियोगिता आयोजित कराने का उद्देश्य अच्छे बाल साहित्य का निर्माण करना है तथा नवाचार को बढ़ावा देना भी है। इसके अलावा बच्चों में रुचिकर तरीके से पठन पाठन को सक्रिय करना है। प्रतियोगिता में अध्यापकों की लेखन कला का विकास होगा तथा हजारों की संख्या में बाल गीतों का संग्रह होगा। जिससे बच्चों को ज्ञानवर्धक जानकारी मिल सकेंगी। सभी प्राथमिक अध्यापकों की विद्यालय स्तर पर 30 नवंबर से प्रतियोगिता शुरू होगी।

यह रहेगा शेड्यूल

सभी प्राथमिक अध्यापकों की विद्यालय स्तर पर 30 नवंबर से प्रतियोगिता शुरू होगी। एक से 14 दिसंबर तक कलस्टर स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित होगी। 19 से 31 दिसंबर तक खंडस्तर तथा 2 से 14 जनवरी तक जिला स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित कराई जाएगी। कलस्टर स्तर पर प्रत्येक पीआरटी को एक बाल गीत, कविता की रचना करनी होगी। अध्यापकों लिखे गए गीतों को मूल्यांकन कर 50 प्रतिशत रचनाएं ब्लॉक स्तर पर दूसरे चरण की प्रतियोगिता के लिए प्रस्तुत की जाएंगी। ब्लॉक स्तर पर 25 श्रेष्ठ रंचनाओं को जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित किया जाएगा। जिला स्तर पर आने वाली रचनाओं में से श्रेष्ठ 10 का चयन कर प्रदेश स्तर के लिए भेजा जाएगा। राज्य स्तरीय कमेटी 75 श्रेष्ठ रचनाओं को राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चयनित करेगी।

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