बच्चे नहीं पढ़ेंगे मस्ती की पाठशाला, रिमझिम बरसे पानी आदि पाठ, जानें क्यों

बच्चे नहीं पढ़ेंगे मस्ती की पाठशाला, रिमझिम बरसे पानी आदि पाठ, जानें क्यों
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कोरोना के कारण शिक्षण संस्थान (Educational institutions) बंद हैं। फिलहाल बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। लंबे समय से स्कूल न खुलने के कारण बच्चों की चिंताएं बढ़ती जा रही थी। इसका समाधान करते हुए शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education) ने पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं का 30 प्रतिशत सिलेबस(syllabus) कम कर दिया है। विषयवार कई पाठ्यक्रम हटाए गए हैं।

मनीष कुमार : बहादुरगढ़

मस्ती की पाठशाला, चतुर चूहा, रिमझिम बरसे पानी और चटलू-पटलू जैसे पाठ अब विद्यार्थी (Student) नहीं पढ़ पाएंगे। इन जैसे कई मनोरंजक और ज्ञानवर्धक अभ्यास पाठ पाठ्यक्रम (syllabus) से हटा दिए गए हैं। समय और व्यवस्थाओं को देखते हुए अब विद्यार्थी पहले के मुकाबले कम ही पाठ पढ़ पाएंगे।

दरअसल, कोरोना के कारण शिक्षण संस्थान बंद हैं। फिलहाल बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। लंबे समय से स्कूल न खुलने के कारण बच्चों की चिंताएं बढ़ती जा रही थी। इसका समाधान करते हुए शिक्षा निदेशालय ने पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं का 30 प्रतिशत सिलेबस कम कर दिया है। विषयवार कई पाठ्यक्रम हटाए गए हैं। हालांकि कई जरूरी पाठ में से कुछ पेज कम पढ़ने के भी निर्देश इसमें शामिल हैं।

पहली से पांचवीं कक्षा तक हिंदी पाठ्य क्रम से चार-चार पाठ हटाए गए हैं। पहली कक्षा में मस्ती की पाठशाला, अक्कड़-बक्कड़, गरम गरम, ढूंढे और लिखे आदि पाठ हटाए गए हैं। दूसरी कक्षा से चतुर चूहा, तितली, खुद को जाने, आासमान गिरा और तीसरी कक्षा में मीठे बोल, चींटी और मक्खी, पहेलियां व चूहिया का विवाह आदि पाठ हटे हैं। इसी तरह चौथी व पांचवीं कक्षा के कई पाठ हटाए गए हैं। गणित में पहली कक्षा से 9, दूसरी कक्षा से 13, तीसरी कक्षा से छह, चौथी से चार और पांचवीं से पांच पाठ हटाए गए हैं।

इनमें चटलू पटलू, गेंद और डिब्बा नाचता तोता, कितने मेरी मुट्ठी में, फल की दुकान, क्या पहले क्या बाद में, कितना लंबा कितना दूर जैसे अभ्यास पाठ में से कुछ पन्ने का अभ्यास कम किया गया है। अंग्रेजी की पाठ्यपुस्तक माय बुक ऑफ इंग्लिश से भी पहली से पांचवीं तक चार-चार पाठ इस शैक्षणिक सत्र में कम कर दिए गए हैं। सामाजिक परिवेश के बारे में विद्यार्थियों को सिखाने वाली पुस्तक परिवेश अध्ययन से सबसे अधिक पाठ इस वर्ष के शैक्षणिक सत्र से निकाल दिए गए हैं। चूंकि यह विषय तीसरी से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए ही निर्धारित है। ऐसे में तीसरी से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को इसका सबसे अधिक लाभ मिलेगा।

राजकीय प्राथमिक पाठशाला मेन बाजार के अध्यापक मनोज कुमार ने बताया कि पहली से पांचवीं तक का 30 फीसदी पाठ्क्रम कम हुआ है। विद्यार्थियों के लिए यह राहत की खबर है। कोरोना काल में स्कूल बंद हैं। ऐसे में उन्हें कम समय में कम ही पढ़ाई करनी होगी।

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