ठंडे बस्ते में पड़ा सिटी सर्विलांस प्रोजेक्ट : पांच साल पहले सार्वजनिक स्थानों पर कैमरे लगाने के लिए मंजूर हुए थे रुपये

रवींद्र राठी. बहादुरगढ़ । दिल्ली-एनसीआर को सुरक्षित रखने की कवायद अभी नाकाफी है। लगातार बढ़ रहे अपराध पर अंकुश लगाने के लिए शासन द्वारा जितने भी कदम उठाए गए, वे पर्याप्त नहीं हैं। संवेदनशील स्थानों पर जांच की लगभग कोई व्यवस्था नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे निहायत जरूरी हैं। इसे देखते हुए शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा बहादुरगढ़ में सिटी सर्विलांस प्रोजेक्ट के लिए दिसंबर-2017 में 1.84 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति भी दी गई थी। लेकिन गत पांच सालों से यह मामला ठंडे बस्ते में है। यह आमजन की सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर मामला है, लेकिन शासन-प्रशासन पूरी तरह निष्क्रिय है।
बेशक दुकानदार, व्यवसायी, औद्योगिक प्रतिष्ठान अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीसीटीवी कैमरे, वीडियो डोर-फोन, अलार्म सिस्टम वगैरह पर निर्भरता बढ़ाते जा रहे हैं। सर्राफा व्यवसायी इस मामले में कुछ ज्यादा ही तत्पर दिख रहे हैं। लेकिन शासन-प्रशासन इस मामले में पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे व प्रमुख चौराहों आदि संवेदनशील स्थानों पर तीसरी आंख का होना नितांत आवश्यक है। लेकिन इन जगहों पर सीसीटीवी कैमरे ना लगाकर सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है। जबकि बढ़ती दुर्घटनाओं और वारदातों का संज्ञान लेते हुए इन्हें तुरंत लगाया जाना चाहिए।
शहर में सिटी सर्विलांस के नाम से विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया प्रशासनिक स्तर पर ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय से दिसंबर-2017 में सिटी सर्विलांस प्रोजेक्ट समेत अन्य कामों के लिए 1.84 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई थी। इस राशि से नगर परिषद द्वारा शहर में चिह्नित किए गए सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे। इसके लिए सरकार से ग्रांट भी नगर परिषद में आई, लेकिन टेंडर अलॉटमेट को लेकर हुए राजनीतिक विवाद में यह रकम वापिस चली गई।
जहां एक ओर शासन-प्रशासन इससे बेपरवाह है, वहीं दूसरी तरफ बैंक, सर्राफा, होटल, दुकानदार व व्यवसायी आदि इसमें खासी दिलचस्पी दिखा रहे है। हालांकि राजनेता और अधिकारी सवाल पूछे जाने पर बार-बार दावा करते हैं कि शहर की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिहाज से जल्द ये सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाएंगे। हर बड़ी वारदात के बाद इसे लेकर बात होती है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता।
यहां लगने थे सीसीटीवी
बस स्टैड, सेक्टर-9 मोड़ बाइपास, श्याम जी काप्लेक्स, शिव चौक नजफगढ़ रोड, बालोर रोड पर राजकीय महिला महाविद्यालय, मुख्य बाजार में पुराना कमेटी कार्यालय, पुराना बस अड्डा (लाल चौक), रेलवे रोड के दोनों तरफ, सब्जी मंडी, झज्जर रोड, बालाजी मंदिर, नजफगढ़ रोड, झज्जर मोड़, नाहरा-नाहरी रोड
पहले सिटी सर्विलांस प्रोजेक्ट गृह मंत्रालय को सौंप दिया था। लेकिन अब यदि इसे दोबारा निकाय विभाग को सौंपा गया तो पूरी डिटेल बनाकर आगामी कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। सरकार के आदेश के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी। - बृजेश हुड्डा, पालिका अभियंता, नगर परिषद बहादुरगढ़
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