नागरिक अस्पताल जींद : आखिरी पड़ाव में पहुंचे लाइलाज बीमारी से ग्रस्त मरीजों को मिलेगा मरहम

कुलदीप संधू : जींद
जीवन के आखिरी पड़ाव में पहुंचे लाइलाज बीमारी से ग्रस्त मरीजों को भी अब मरहम मिलेगा। कई बार ऐसे मरीजों को अपने ही परिजनों की प्रताडना का शिकार होना पडता है और वो सोचते हैं कि उन्हें मौत क्यों नहीं आ जाती। क्योंकि वो ऐसी लाइलाज बीमारी से ग्रस्त होते हैं जो उपचार के बावजूद ठीक नहीं हो सकती है। ऐसे में जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में ऐसे मरीजों के लिए स्पेशल केयर यूनिट ओपीडी खोली जाएगी। इस स्पेशल केयर यूनिट ओपीडी में ऐसे मरीजों का विशेष ख्याल रखा जाएगा। यूनिट के लिए दो चिकित्सकों व स्टाफ नर्स को विशेष तरीके से प्रशिक्षण दिया गया है। वहीं इसे लेकर राजकीय महाविद्यालय में पहली बार विश्व उपशामक (पैलटिव) देखभाल दिवस मना कर इस कार्यक्रम की जानकारी दी गई।
उपशामक (पैलटिव) श्रेणी में ऐसे मरीज आते हैं जिनका इलाज के बाद कोई स्वास्थ्य सुधार होना असंभव है और जीवन के अंतिम पड़ाव में आखिरी सांस ले रहे हैं। उस समय उस पीड़ित मरीज को सामाजिक, मानसिक, धार्मिक सहयोग की आवश्यकता होती है। इसलिए ऐसे मरीजों की सेवा ज'बे से करें ताकि वो बिना किसी दर्द के अंतिम सांस ले सकें।
स्पेशल केयर यूनिट के लिए दो चिकित्सकों व स्टाफ को प्रशिक्षित किया
राजकीय महाविद्यालय में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाइलाज बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिए पहली बार विश्व उपशामक (पैलटिव) देखभाल दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मौजूद रहे स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ (एनसीडी) डा. रमेश पांचाल ने बताया कि इस कार्यक्रम की थीम हिलिंग हार्टस एंड कम्युनिटीज है। कार्यक्रम के लिए नागरिक अस्पताल में एक अलग से केयर यूनिट ओपीडी भी जल्द शुरू की जाएगी। जिसके लिए नागरिक अस्पताल में दो चिकित्सकों डा. दीक्षा यादव और डा. स्नेह तायल व दो स्टाफ सुनीता व सरोजबाला को प्रशिक्षित किया गया है।
प्रदेशभर में शुरू किया गया है कार्यक्रम
डा. दीक्षा ने बताया कि हरियाणा सरकार, स्वास्थ्य विभाग द्वारा पेलियम इंडिया ट्रस्ट के सहयोग से प्रत्येक जिला नागरिक अस्पताल में यह कार्यक्रम पहली बार शुरू किया जा रहा है। इस केयर यूनिट में आवश्यकता होने पर केवल दर्द निवारक गोलियां दी जाती हैं या सामान्य लक्षणों जैसे कि दस्त हेतु दवा दी जाती है। इसमें केवल और केवल देखभाल की ही 'यादा जरूरत होती है। एनसीडी कार्यक्रम के जिला संयोजक डा. संजीत ने बताया कि एनपीपीसी (पैलटिव केयर प्रोग्राम) जो कि एनसीडी का हिस्सा है जिससे कि गंभीर रूप से पीड़ित लाइलाज मरीजों को ज्यादा लाभ हो सके।
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